एडीएम पर गाज गिरना तय

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एडीएम पर गाज गिरना तय

आलोक कुमार 

पटना . महागठबंधन की सरकार बनते ही बीजेपी ने एक निश्चित सोच को आगे बढ़ाते हुए नीतीश सरकार व उनके मंत्रियों को घेरने लगे हैं.और तो और उनके आपराधिक इतिहास को भी खोलने लगे हैं.इसी क्रम में जंगल राज टू का आगमन होने का ढिंढोरा पीटने लगे हैं. इसमें गोदी मीडिया भी शामिल है.वैसे में पटना में प्रदर्शनकारी छात्रों पर हुई पुलिस की बर्बर कार्रवाई के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने जहां नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाए वहीं, सत्ताधारी दल आरजेडी बचाव की मुद्रा में आ गई है.                                               

सर्वविदित है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बेरोजगारों के नौकरी देने वाले कोटे को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिये हैं. लेकिन जब बेरोजगार इसी आस में सड़क पर नौकरी मांगने निकले तो उनका सामना हुआ पटना के एडीएम के के सिंह से हो गयी. इसके बाद उन्होंने जो कुछ भी किए,वह बर्बरता की सारी हदें ही लांघ दीं. 


 करीब 12 बजकर पांच मिनट पर एडीएम लॉ एंड ऑडर केके सिंह पहुंचे.वहां बैरिकेडिंग पार कर तिरंगा लेकर धरने पर बैठे दरभंगा निवासी नसरूल आलम नाम के एक अभ्यर्थी पर पड़ी तो वह बिफर पड़े.उसके पास पहुंचे उसे घसीट कर ले जाने लगे. फिर पास खड़े एक सिपाही के हाथ से लाठी लेकर उसके सिर व मुंह पर मारने लगे.इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ है. अभ्यर्थी तिरंगा लगे डंडे से लाठी को रोकने का प्रयास करता रहा. पिटाई से अभ्यर्थी के सिर से खून बहने लगा.इस पर एक सिपाही ने एडीएम को वहां से हटाया.साथी के घायल होने पर अन्य आंदोलनकारी एडीएम की ओर बढ़े. यह देख पुलिसकर्मी उन्हें लेकर वहां से चले गए.इसके बाद डाकबंगला के पास की स्थिति बिगड़ गई. छात्र की पिटाई के संबंध में सवाल करने पर एडीएम मीडिया कर्मियों पर भी भड़क गए और हाथापाई पर उतर गए।.उधर, घायल छात्र को पीएमसीएच ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे छोड़ दिया गया.

     

इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लाठी बरसाने वाले एडीएम केके सिंह के खिलाफ जांच बैठाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह से फोन पर बात हुई है और एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी पता करेगी कि आखिर ऐसी क्या नौबत आ गई कि एडीएम ने अभ्यर्थियों पर खुद लाठीचार्ज किया. तेजस्वी ने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर कारवाई की जाएगी.           


इस बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के परामर्श पर पटना जिले के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने जांच के लिए 2 सदस्यीय समिति बनाई. जांच समिति में पटना का उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया और नगर पुलिस अधीक्षक मध्य पटना श्री अमरकेश डी०, भा०पु०से० हैं.  पटना के जिला जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि पुलिस ने सोमवार को बिहार की राजधानी के बीचों-बीच लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जब एक राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा रखने वाले सैकड़ों लोगों ने कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

पटना के जिला जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के अनुसार, डाक बंगला क्रॉसिंग पर परेशानी हुई, जहां दो अलग-अलग समूह, जिनमें से एक में शिक्षक पात्रता परीक्षा योग्य उम्मीदवार शामिल थे, जो नौकरी की तलाश कर रहे थे और दूसरे में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे, इकट्ठा हुए और राज की ओर बढ़ने की कोशिश की. राजभवन, कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.    

 "यह एक बड़ी भीड़ थी जिसे डाक बंगला क्रॉसिंग से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती थी. बल का हल्का प्रयोग किया गया क्योंकि उन्होंने एक प्रस्ताव के बावजूद तितर-बितर होने से इनकार कर दिया कि पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एक मजिस्ट्रेट के साथ राजभवन का दौरा कर सकता है और ज्ञापन सौंपें, ”डीएम ने कहा.

राजधानी पटना में अगले 3 दिनों तक 23 से 25 अगस्त तक धारा 144 लागू रहेगा. धरणा के लिए तय स्थान गर्दनीबाग को छोड़कर पटना सदर अनुमंडल के किसी इलाके में धरना, प्रदर्शन या जुलूस की अनुमति नहीं है. डाकबंगला चौराहा, गांधी मैदान, बेली रोड, बोरिंग रोड इत्यादि जगहों पर धरना, प्रदर्शन या जुलूस की अनुमति नहीं है. पटना में लाठी चार्ज मामले की जांच की जा रही. दोषियों पर रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी. छात्रों से अपील है कि वे उचित फोरम में अपनी बात रखें. धरणा के लिए तय स्थान पर ही धरना-प्रदर्शन करें.

प्रस्तावित सातवें चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 83 हजार 277 से अधिक रिक्तियां हैं. इनमें सबसे अधिक 49 हजार 361 रिक्तियां 6421 उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए होंगी. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में नियुक्तियों के लिए नियमावली तैयार की जा रही है. माध्यमिक स्कूलों में 33 हजार 916 पद रिक्त हैं. 5425 माध्यमिक स्कूलों में प्रति स्कूल छह-छह शिक्षकों की नियुक्ति की जानी हैं. ये शिक्षक हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान के होंगे. साथ ही उर्दू ,संस्कृत आदि के लिए 5791 और कंप्यूटर शिक्षक के लिए एक हजार पदों पर नियुक्त होनी है. लेकिन विभाग ने अभी इसकी तारीख तय नहीं की है, जिसका छात्रों को बेसब्री से इंतजार है और इनका कहना के सरकार बेवजह नियुक्ती में देर कर रही है.

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने 7 वें चरण की शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन जारी करने की मांग पर सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा की है. 

उन्होंने कहा कि पुरानी सरकार की तर्ज पर महागठबन्धन की सरकार न चले. रोजगार का सवाल बिहार के लाखों नौजवानों का फौरी मुद्दा है. इसलिए सरकार को गम्भीरता दिखलाते हुए युवाओं के साथ वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए और उनकी मांगों को सुनना चाहिए.सरकार आज की घटना के मुख्य जिम्मेवार पुलिस अधिकारी एडीएम केके सिंह पर कड़ी कार्रवाई करे और इस बात की गारंटी भी करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी.

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