आलोक कुमार
पटना . विपक्षी भाजपा पर यह गाना फिट बैठता है..आप करें तो रास लीला, हम करे तो कैरेक्टर ढीला! वाह हां जी यह सब इस समय बिहार में देखने को मिल रहा है. एक हफ़्ते पहले तक ये नितिन नवीन भाजपा कोटे से बिहार का पथ निर्माण मंत्री था. पत्नी सहित इसका पूरा परिवार मंत्री के चेम्बर और विभाग में जाता था, अधिकारियों से मिलता था.इस पर क्या कुछ सुशील कुमार मोदी बोलेंगे या बीजेपी विधायकों, मंत्रियों की और पोल खुलवाते रहेंगे?सुशील मोदी से कहा जा रहा है कि जल्दी बोलो,बहुत सबूत है?
इसी तरह केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे का बेटा अर्जित शाश्वत का भी है.उनके साथ मीटिंग में मौजूद रहता है.क्या सुशील मोदी उस पर कुछ बोलेंगे?सत्ता जाने से बौखलाए और अपनी ही पार्टी में दूर फेंक दिए गए बेचारे सुशील मोदी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. उन्हें त्वरित इलाज की सख़्त ज़रूरत है.छोटा मोदी कहते हैं कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी पथ निर्माण मंत्री भी हैं.उनकी बैठक में भी संजय यादव मौजूद हैं.यदि वे उनके निजी सचिव भी हों तो वे वहाँ नहीं बैठ सकते.प्रोटोकॉल के अनुसार अंत में या पीछे बैठेंगे.परंतु नीतीश जी मजबूर हैं.बड़ा बेटा दामाद को और छोटा बेटा सलाहकार(गैर सरकारी)को बैठाकर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कर रहा है ? आइएएस की हिम्मत है क्या रोकने की ?जवाब आएगा गप-शप कर रहे थे.
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. सुशील मोदी ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि अब बिहार में जनप्रतिनिधि और काबिल अधिकारी नहीं बल्कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दामाद और राजद कार्यकर्ता ही सरकार चलायेंगे.उन्होंने बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में अपने जीजा को शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि अब प्रदेश में राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दामाद और कार्यकता ही सरकार चला रहे हैं.उन्होंने कहा कि चारा घोटाला वालों के आगे नीतीश कुमार इतने बेचारा और कमजोर हो गए कि वे सरकारी काम में अनुचित हस्तक्षेप नहीं रोक पाएंगे.
श्री सुशील मोदी ने कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव की अध्यक्षता वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पहली समीक्षा बैठक में लालू प्रसाद के दामाद शैलेश कुमार न केवल मौजूद थे, बल्कि उसका संचालन कर रहे थे.उन्होंने कहा कि राजद के छोटे राजकुमार तेजस्वी प्रसाद यादव जब पथ निर्माण और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे, तब उनकी ठीक बगल में पार्टी कार्यकर्ता संजय यादव मौजूद थे.
श्री मोदी ने सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार ने मंत्री के रिश्तेदारों, पार्टी कार्यकर्ताओं और निजी सचिवों को सरकारी बैठकों में शामिल होने का आदेश जारी कर दिया है? यदि नहीं, तो ऐसा होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?उन्होंने कहा कि अब सरकार उनकी है, जो अफसरों को चप्पल मार कर सीधा करने की धमकी दे चुके हैं.किसी आइएएस अधिकारी की मजाल नहीं कि वह सरकारी कामकाज में लालू परिवार का दखल रोक दे.श्री मोदी ने सवाल उठाया कि यह गरीब राज्य एक व्यक्ति के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा की कितनी कीमत चुकाएगा? सुशासन का क्या होगा?
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