पटना . नीतीश सरकार में कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह पर लगे आरोप को लेकर बीजेपी हमलावर है. राज्यसभा सांसद व बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन-2 वाली सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि विकास और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वासघात किया है. सुशील मोदी ने यह सवाल उठाया कि जहां बाहुबली मंत्री होंगे वहां उद्योग लगाने कौन आएगा?
सुशील मोदी ने कहा कि जिस कार्तिक सिंह को हत्या की नीयत से अपहरण के मामले में इसी 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था, उन्हें उसी दिन कानून मंत्री बनवा कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में दहशत वाले लालू राज की वापसी पक्की कर दी.
मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह के बिजनेस पार्टनर कार्तिक कुमार सिंह को अग्रिम जमानत देने की याचिका पटना उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है. उनके अपराध का संज्ञान (क्वाशिंग ऑफ काग्निजेंस) निरस्त करने संबंधी याचिका भी खारिज हो चुकी है.
जब विधायक कार्तिक सिंह के विरुद्ध दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जा चुका है और हाई कोर्ट ने अभियुक्त को किसी प्रकार की राहत देने से इन्कार कर दिया है, तब कोई निचली अदालत उन्हें गिरफ्तारी से छूट जैसी राहत कैसे दे सकती है?
नीतीश कुमार ने कानून की नजर में अभियुक्त व्यक्ति को ही कानून मंत्री बनाकर संविधान और कानून का गला घोंटने की कोशिश की है.जब बाहुबलियों को मंत्री बना दिया गया है,तब बिहार में उद्योग लगाने कौन आएगा? कि नीतीश कुमार को कानून-व्यवस्था और विकास के जिन दो मुद्दों पर जनता का समर्थन मिला था,उन दोनों मुद्दों पर उन्होंने 12 करोड़ लोगों से विश्वासघात किया.वे अब एक कमजोर, जनाधारहीन और प्रतीकात्मक मुख्यमंत्री हैं.
इस कानून मंत्री पर प्रमोद कुमार सिंह ने भी आश्चर्य व्यक्त किया है जिसे कोर्ट में हाजिर होना चाहिए वह कानून मंत्री का शपथ ले रहा है, बिहार की कानून व्यवस्था ध्वस्त है, यही तो जंगलराज का आने का संकेत है.
गौरव कुमार ने यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 10 साल अनंत सिंह के तलवे चाटने वाले लोगों में कई नेता हैं.अनंत सिंह के करीबी रह चुके हैं, क्या उस समय अनंत सिंह विश्वामित्र थे?? नैतिकता के आधार पर सुशील मोदी, तार किशोर प्रसाद और मंगल पांडेय को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए. कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के वकील मधुसूदन ने आज शाम 4 बजे प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि मंत्री कार्तिक सिंह के फरार होने की जो खबरें चल रही हैं वह बेबुनियाद है. भारतीय संविधान के तहत आपराधिक मुकदमे दो तरह से होते है.पहला मुकदमा जो पुलिस जांच में होता है और दूसरा मुकदमा मजिस्ट्रेट के यहां कंप्लेंन केस होता है. वकील ने कहा कि कार्तिकेय सिंह नामजद अभियुक्त नहीं हैं.
कार्तिकेय सिंह के वकील मधुसूदन ने कहा कि जो FIR दर्ज की गई है उसमें कार्तिकेय सिंह की संलिप्तता बताई नहीं गई है. पुलिस की जांच में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूरे मामले में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कहीं से भी कोई सबूत नहीं है. वकील ने आगे कहा कि अंतिम पत्र समर्पित किया गया जिसमें उन्हें निर्दोष पाया गया है.उनके खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया गया था जिसे फिलहाल स्टे मिल गया है. कोर्ट से कोई भी ऐसी नोटिस नहीं मिली जिसमें यह बताया गया हो कि उन्हें 16 अगस्त को पेश होना था.
राज्यसभा सांसद व बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी दिल पर हाथ धड़ कर बताएं कि योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय सिंह यूपी के सीएम हैं. उनके खिलाफ कितना आपराधिक मामले दर्ज है.बताया यह जाता है कि जितने विवाद योगी से जुड़े रहे हैं, उतने ही आपराधिक मामले भी उनके खिलाफ दर्ज हैं. जिनमें हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले भी शामिल हैं. उनके खिलाफ गोरखपुर और महाराजगंज में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं. जिनका जिक्र उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में किया था.
योगी के खिलाफ धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने के मामले में आईपीसी की धारा 153 ए के तहत दो मामले दर्ज हैं. इसके अलावा उनके खिलाफ वर्ग और धर्म विशेष के धार्मिक स्थान को अपमानित करने के आरोप में आईपीसी की धारा 295 के दो मामले दर्ज हैं.
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