विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह के मंत्री पद पर पुनर्विचार करे सरकार

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विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह के मंत्री पद पर पुनर्विचार करे सरकार

आलोक कुमार

पटना.बिहार में गठबंधन की सरकार बनने के बाद मंगलवार को 31 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चौहान ने शपथ दिलाई. इस शपथ ग्रहण के बाद आरजेडी एमएलसी कार्तिकेय सिंह  को कानून मंत्री बनाया गया. अब बड़ी खबर ये है कि जिस एमएलसी को बिहार में कानून की जिम्मेदारी दी गई है उसके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि जिस तारीख (16 अगस्त) को उनको कोर्ट में पेश होना था उस दिन वो शपथ ले रहे थे.                     

नीतीश सरकार के खिलाफ बीजेपी को राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग का बड़ा मुद्दा मिल गया है. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं.कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. 

 इसको लेकर बीजेपी आक्रामक मोड में आ गई है. बीजेपी की ओर से पहले ही यह कहा जा रहा है कि नई सरकार का मतलब बिहार में जंगलराज है. सांसद और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि"बिहार के कानून मंत्री (कार्तिकेय सिंह) पर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज है जिसको उन्होंने अपने हलफनामे में भी स्वीकार किया है उसी मामले में इनको 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे शपथ लेने चले गए. यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था".  

चुनावी हलफनामे में कार्तिकेय ने अपने ऊपर चार मामले दर्ज होने की जानकारी दी है. इन मामलों में उनके ऊपर चोरी, अपहरण, दंगा करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने, जबरन वसूली, घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने से जुड़े आरोप हैं.इसके साथ ही  सार्वजनिक सड़क, पुल, नदी या चैनल को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप उनके ऊपर है.

मोकामा के शिवनार गांव के रहने वाले कार्तिकेय सिंह राजनीति में आने से पहले शिक्षक थे. उनकी पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया रह चुकी हैं। कार्तिकेय 2005 में मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के संपर्क में आए। ‘छोटे सरकार’ कहे जाने वाले अनंत सिंह से करीबी इतनी बढ़ी की ‘छोटे सरकार’ ने कार्तिकेय मास्टर को अपना चुनाव रणनीतिकार बना लिया.


कार्तिकेय मास्टर का अपराध बिहटा थाना में दर्ज है.कानून मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363,364 और 365 दर्ज है.

भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के प्रावधानों में किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति का अपहरण करने के अपराध के लिए एक अपराधी को उचित दंड देने की व्यवस्था की गयी है.उस व्यक्ति को जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत अपराध किया है, उसे इस संहिता के अंतर्गत कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, जिसकी समय सीमा को 7 बर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है.                                               

भारतीय दंड संहिता की धारा 364 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए उसका व्यपहरण या अपहरण करे या उस व्यक्ति को ऐसे व्यवस्थित करे कि उसे अपनी हत्या होने का ख़तरा हो जाए, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा.हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण करना.सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दण्ड।यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है.


भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा.


इस बीच भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव से अपहरण के एक मामले में नवनियुक्त विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जारी विवाद के मद्देनजर उनके मंत्री पद पर पुनर्विचार करने की मांग की है. कहा है कि ऐसे लोगों के मंत्री पद पर रहने से सरकार की छवि धूमिल होती है। उक्त आशय का पत्र मुख्य मंत्री श्री नीतीश कुमार और उप मुख्य मंत्री श्री तेजस्वी यादव को दिया जाएगा.


उन्होंने आगे कहा इस मसले पर भाजपा को कुछ भी बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. भाजपा ने योगी जैसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना कर रखा है जिन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. ना केवल योगी बल्कि भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक उन्माद, दंगा-फसाद और अपराध को प्रश्रय देने वालों का ही समूह है. 


कानून व्यवस्था की बेहतरी और न्याय की गारंटी  को लेकर हमारी पार्टी प्रतिबद्ध है और जनता की उम्मीदों को लगातार मजबूती से उठाती रहेगी. 


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