पटना. बिहार में सियासी उलटफेर के बाद बनी नई सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार 16 अगस्त को किया जाएगा?. महागठबंधन की सरकार में मंत्रिमंडल का फॉमूला क्या होगा और किन चेहरों को नीतीश कैबिनेट में जगह मिलेगी, ये तय हो गया है.संभवत: 16 मंत्री आरजेडी की ओर से बनाए जाएंगे.वहीं जेडीयू अपने पुराने विभागों के साथ 13 मंत्री बना सकता है.कांग्रेस को 4 मंत्री पद दिए जाएंगे. हम और निर्दलीय को एक-एक मंत्री पद से संतोष करना पड़ेगा.इस तरह 35 मंत्री ही बनाए जाएंगे.
बिहार में 44 विभाग हैं, लेकिन 34 से 35 मंत्री ही बनाए जाएंगे.सरकार में वाम दल का समर्थन तो रहेगा, लेकिन उनकी तरफ से कोई भी विधायक मंत्री नहीं बनेंगे.ऐसे में 143 विधायकों पर ही मंत्रिमंडल का हिसाब-किताब होगा. ऐसे में 4 विधायकों पर एक विभाग का हिसाब बनता है.जिससे 34 से 35 मंत्रियों का मंत्रिमंडल बनाया जाएगा.
सूचना के मुताबिक, बीजेपी के पास जितने भी विभाग थे। वह सभी विभाग आरजेडी को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। जेडीयू अपने पुराने विभागों को रीपिट करेगी.इन्हीं में से 4 विभाग कांग्रेस को दिए जाएंगे और एक हम, एक निर्दलीय को दिया जाएगा.
बिहार विधानसभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी है तो इनकी तरफ से सबसे ज्यादा मंत्री के चेहरे होंगे.मालुम हुआ है कि 16 मंत्री आरजेडी की ओर से बनाए जाएंगे. इनके पास विभागों की संख्या 20 से 21 रहेगी.वहीं जेडीयू अपने पुराने विभागों के साथ 13 मंत्री बना सकता है.कांग्रेस को 4 मंत्री पद दिए जाएंगे. हम और निर्दलीय को एक-एक मंत्री पद का हिस्सा पड़ेगा.
बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने बताया कि नीतीश-तेजस्वी सरकार में किस पार्टी को कितने मंत्री पद मिलेंगे, इसकी संख्या तय हो गई है.उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में पार्टी की क्षमता के अनुसार मंत्री पद दिए जाएंगे. बिहार में कुल विधायकों की संख्या 243 है. इनमें से 164 विधायकों ने नीतीश कुमार को समर्थन दिया है. हालांकि वामदलों ने सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है, वे सिर्फ बाहर से महागठबंधन को समर्थन देंगे.ऐसे में देखा जाए तो 143 विधायक ही सीधे तौर पर सरकार का हिस्सा रहेंगे.इनमें से अधिकतम 35 को मंत्री बनाया जा सकता है. यानी कि चार विधायकों पर एक विधायक का फॉर्मूला लागू हो सकता है.
बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास के अनुसार, 16 अगस्त को नये मंत्रियों को शपथ दिलायी जा सकती है.उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या को देखते हुए कांग्रेस को सम्मानजनक हिस्सा मिला है.
नीतीश कैबिनेट में शामिल नहीं होगी भाकपा माले
भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने शनिवार को साफ कर दिया कि भाकपा (माले) नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी, लेकिन सरकार को पुरजोर समर्थन देगी. उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में नागरिक समाज व न्यायपूर्ण आंदोलनों के दमन की जो दिशा ली गई है, हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार उसके खिलाफ सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ेगी.उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी नागरिक समाज और सरकार के बीच एक सार्थक संवाद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी. उन्होंने महागठबंधन से मांग करते हुए कहा कि राज्य के सभी रिक्त पदों पर बहाली हो और 10 लाख रोजगार का वादा पूरा किया जाए.
उन्होंने कहा कि वादे के मुताबिक, बिहार में कार्यरत आशा कार्यकर्ता, रसोइया, आंगनबाड़ी कर्मियों और तमाम स्कीम वर्करों को जीने लायक सम्मानजनक मासिक मानदेय की गारंटी की जानी चाहिए.भाकपा (माले) ने अग्निपथ, एनटीपीसी, अन्य रोजगार आंदोलन सहित राजनीतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं व आंदोलनों के क्रम में थोपे गए सभी मुकदमों को वापस लेने की भी मांग की है.नई सरकार को इस बात की भी गारंटी करनी चाहिए स्मार्ट सिटी के नाम पर बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए एक भी परिवार का घर न तोड़ा जाए.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments