चंडीगढ़. केंद्र सरकार ने पंजाब के स्वर्ण मंदिर के बाहर सरायों (अकोमोडेशन) पर 12 प्रतिशत की जीएसटी लगा दी है.मुख्यमंत्री भगवंत मान ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाने के फैसले की मंगलवार को निंदा की. वहीं राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर सरायों पर लागू जीएसटी हटाने की मांग की है.
केंद्र के द्वारा स्वर्ण मंदिर के नजदीक सरायों पर 12 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाने के फैसले की मंगलवार को निंदा की.उन्होंने कहा कि यह कर स्वर्ण मंदिर के नजदीक आकर सरायों में रहने वाले श्रद्धालुओं की श्रद्धा को निशाना बनाता है.उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने जून महीने में,होटलों के प्रति दिन 1000 रुपये से नीचे किराये वाले कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं स्वर्ण मंदिर के नजदीक मौजूद सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करता हूं. यह कर श्रद्धालुओं की श्रद्धा पर लगाया गया है.’’ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) ने भी सोमवार को सरायों पर कर लगाने के फैसले को लेकर सरकार की निंदा की थी. एसजीपीसी ने बताया कि उसे जीएसटी परिषद की अधिसूचना मिली है और कमिटी ने स्वर्ण मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए दिए जाने वाले कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी की वसूली शुरू कर दी है.
शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने कहा कि दुनियाभर से लाखों लोग रोजाना मत्था टेकने के लिए स्वर्ण मंदिर आते हैं और उसने उनके ठहरने की व्यवस्था की है. एसजीपीसी के सहायक सचिव (मीडिया) कुलविंदर सिंह ने कहा, लेकिन दुखद है कि भारत सरकार ने सरायों पर जीएसटी लगाकर ‘संगत’ पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है.उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सरायों का निर्माण गुरुद्वारे के करीब कराया है और वे वाणिज्यिक संपत्ति नहीं हैं, इसलिए उन पर इस तरह के कर अन्यायपूर्ण हैं.इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से मांग की कि वह इस कर को वापस लें.
उन्होंने कहा कि इस कदम से सिख समुदाय स्तब्ध है.उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार ने श्री दरबार साहिब परिसर के बाहर एसजीपीसी द्वारा संचालित तीन सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया है जिससे सिख समुदाय स्तब्ध है.ये सराय दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देते हैं और गैर लाभकारी संस्था हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करती हूं कि तीर्थयात्रियों की श्रद्धा पर कर नहीं लगाएं और इस पूरी तरह से अन्यायपूर्ण निर्णय को वापस लें.
पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से करीब 12 बजे मिले.जाहिर है कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सामग्री और कई अन्य चीजों पर लगाए गए जीएसटी का विरोध कर रहा है.विपक्षी दल जीएसटी और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में हैं. इस बीच आज आप सांसद राघव चड्ढा ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है.उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 'सराय' पर लगाए गए जीएसटी को वापस लेने की मांग की है.
केंद्र सरकार द्वारा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 'सराय' पर 12 फीसद जीएसटी लगाया गया है.इसको वापस लेने की मांग को लेकर आज राघव चड्ढा ने वित्त मंत्री को एक पत्र सौंपा है.इसमें कहा गया है कि केंद्र के इस कदम से श्रद्धालुओं को काफी कष्ट हो रहा है.
बता दें कि चड्ढा ने सराय पर जीएसटी लगाए जाने के कदम की मुगल काल से तुलना की है.उन्होंने कहा कि ये कदम औरंगजेब शासन काल के दौरान लगाए गए 'रजिया टैक्स' की याद दिलाता है.आप सांसद ने इसी के साथ पंजाब के लिए आर्थिक पैकेज की भी मांग की है.
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