ओम प्रकाश सिंह
अयोध्या. युद्धों में अजेय रही अयोध्या भू-माफियाओं के आगे पस्त है. इस पावन भूमि के पग-पग की बोली लग रही है. भूमि खरीद में न कोई नियम है, न आचार. राम नाम की लूट है. जिसकी गठरी भारी है, वह पौराणिकता के महत्व की भूमि भी खरीद सकता है. यह अनाचार की आत्यंतिकता तब है, जब मुख्यमंत्री महीने में दो बार अयोध्या आते हैं और हर गतिविधि पर नजर रखते हैं. सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एसआईटी से अयोध्या में हो रहे भूमि घोटाले के जांच की मांग किया है.
राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त होते ही अयोध्या में नेताओं, अधिकारियों, भू माफियाओं के गठजोड़ के चलते अयोध्या की मिट्टी सोने के भाव बिकने लगी. जैसे-जैसे राम मंदिर बनना परवान चढ़ रहा है वैसे वैसे यह गठजोड़ जमीनों के घोटाले पर अपनी पकड़ और तेज करता जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने नव्य अयोध्या बसाने के लिए किसानों की एकमुश्त जमीन खरीदा है. इसी के बाद से नेताओ, अधिकारियों, भूमाफियाओं की बुरी नजर अयोध्या की जमीनों पर पड़ गई.
सांसद लल्लू सिंह के पत्र लिखने के पहले भी जमीनी घोटाले की खबरें मीडिया में प्रमुखता से छपी थी. जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों ने भी भू माफियाओं की मदद से नियमों को शिथिल करते हुए औने पौने में किसानों से जमीनों की खरीद-फरोख्त करडाला. जब मामला उछला तो अधिकारियों की सफाई आई कि परिवार के लोग राम कृपा पाने के लिए अयोध्या में बसना चाहते हैं. अयोध्या जनपद की राजनीति में सांसद लल्लू सिंह को अपवाद समझ लीजिए तो बाकी लगभग सबने बहती गंगा में हाथ धोया.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सांसद लल्लू सिंह ने लिखा है कि पिछले तीन दशक से नजूल का किसी भी प्रकार का पट्टा नहीं हो रहा है और न ही पट्टे का नवीनीकरण हो रहा है. डूब क्षेत्र की जमीनों का फ्री होल्ड भी नहीं हो रहा है. इसके के बाद भी भूमाफिया व प्रशासन के आपसी गठजोड़ की वजह से इन जमीनों के विक्रय के मामले प्रकाश में आ रहे है.
सांसद का आरोप है कि भूमाफियाओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर नजूल तथा डूब क्षेत्र की जमीनों में कागजी हेराफेरी करके लोगो को गुमराह करने के उपरान्त जमीनों को उनके नाम करा दिया. जिसके द्वारा करोड़ो की हेराफेरी सामने आयी है. जमथरा गोलाघाट में इसी प्रकार का व्यापार फल फूल रहा है. भूमाफियों द्वारा बेची गयी इस प्रकार की जमीनों पर लोगो ने स्थाई व अस्थाई निर्माण किया हुआ है. विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण अभियान चलाकर भू माफियाओं की मदद करने की कोशिश किया है.
लल्लू सिंह का मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र वायरल होते ही जनपद में इस बात की आस बंध रही है कि अब कुछ न कुछ कार्रवाई जरूर होगी. सांसद के लिखे लिखे गये पत्र पर अगर मुख्यमंत्री के द्वारा एसआईटी जांच बिठाई जाती है तो कई सफेदपोशों व सरकारी अफसरों के बारें में चौकाने वाले खुलासे हो सकते है. पूरे प्रकरण पर भाजपा मीडिया प्रभारी दिवाकर सिंह क्रातिकारी कवि दुष्यंत कुमार के शब्दों में जवाब देते हैं कि 'पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं,
कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं.
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