पांच सांसदों ने गर्मी और मच्छरों के बीच संसद परिसर में भी रात गुजारी

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पांच सांसदों ने गर्मी और मच्छरों के बीच संसद परिसर में भी रात गुजारी

आलोक कुमार

नयी दिल्ली : इस साल संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ और 12 अगस्त तक चलेगा.सत्र के दौरान 18 बैठकें होंगी.दोनों सदन के सांसद सरकार से मूल्‍यवृद्धि और बेरोजगारी पर संसद में चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं और सरकार चर्चा कराने नहीं चाहती हैं. वहीं बाहर, राजनीतिक प्रतिशोध के लिए सोनिया गांधी को जांच एजेंसियां परेशान कर रही हैं.संसद में सवाल पूछने पर लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के कुल 27 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. इस निलंबन को लेकर सांसद 50 घंटे का धरना भी दे रहे हैं, जिसके तहत पांच सांसदों ने गर्मी और मच्छरों के बीच संसद परिसर में भी रात गुजारी. ये धरना आज भी जारी है.

संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से हंगामे के बीच  जारी है. गुरूवार को राज्यसभा में विपक्ष के 3 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. अब तक राज्यसभा में 23 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. इन तीन सांसदों में  सुशील कुमार गुप्ता (AAP), संदीप पाठक और अजीत कुमार हैं. लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के कुल 27 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. 

बता दें कि संसद में विरोध प्रदर्शन पर विपक्ष के सांसदों के निलंबन पर विपक्ष के सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया दिखाई. विपक्षी दलों का कहना है कि उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्‍लंघन किया जा रहा है. कांग्रेस का यह भी कहना हैं कि उसे अपने शीर्ष नेतृत्‍व को 'परेशान' करने के लिए जांच एजेंसियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दी जा रही. ऐसा करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं को अरेस्‍ट किया जा रहा है. कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्र ने भारत के सबसे पुरानी पार्टी कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने का प्रयास करके और हंगामा करके अपने नेताओं के लिए 'ढाल' बनने का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि सरकार मूल्‍यवृद्धि और बेरोजगारी पर संसद में चर्चा नहीं चाहती. बाहर, राजनीतिक प्रतिशोध के लिए सोनिया गांधी को जांच एजेंसियां परेशान कर रही हैं. कांग्रेस की सरकारों के दौरान भी विरोध प्रदर्शन हुए थे लेकिन हमने किसी को सस्‍पेंड नहीं किया.' पायलट ने कहा कि कांग्रेस ऑफिस पुलिस चौकी में बदल गया है और कार्यकर्ता वहां भी विरोध नहीं कर सकते. राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सांसदों को निलंबन को गैरकानूनी बताया और कहा, 'लोगों की आवाज को कुचलकर मोदी सरकार को इन अलोकतांत्रिक, एकतरफा कार्रवाई की इजाजत नहीं दी जा सकती.'

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. "चाहे यह महारानी हों या युवराज, कांग्रेस पार्टी अपने को न्‍यायपालिका और कानून से ऊपर मानती हे. वे जांच से क्‍यों बच रहे हैं. जांच पूरी हो जाने लिए इसके बाद ही सच्‍चाई बाहर आएगी." बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा कि कांग्रेस का विरोध, सत्‍याग्रह नहीं है बल्कि सच्‍चाई छुपाने की कोशिश है. वे देश नहीं बल्कि एक परिवार को बचाने के लिए विरोध कर रहे हैं. 

निलंबित राज्यसभा सांसदों ने संसद परिसर में 50 घंटे का धरना 

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष मूल्य वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाने वाले सदस्यों के निलंबन को रद करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से अनुरोध किया गया.सांसदों को उनके अनियंत्रित व्यवहार के लिए निलंबित किया गया है।

सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए राज्यसभा से निलंबित किए गए 27 विपक्षी सांसदों ने बुधवार को संसद में गांधी प्रतिमा पर 50 घंटे का विरोध प्रदर्शन शुरू किया है.आप सांसद संजय सिंह ने कहा, "निलंबित सांसद शुक्रवार शाम 5 बजे तक धरने पर बैठेंगे, इस बीच कुछ महिला सांसद और बुजुर्ग सांसद शिफ्ट-वार बैठेंगे." राज्यसभा से 23और लोकसभा से 4 सांसदों को उनके अनियंत्रित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया है.सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की बैठक हुई.हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया.पिछले तीन दिनों में निलंबित किए गए 27 सांसदों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सात, द्रमुक के छह, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के तीन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दो, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के एक और आम आदमी पार्टी (AAP) के एक सांसद शामिल हैं.

विपक्ष निलंबन को रद करने के लिए किया अनुरोध 

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को सदन की कार्यवाही के दौरान एक दिन पहले "कुर्सी पर कागज फेंकने" के लिए इस सप्ताह के शेष समय के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था.सिंह उच्च सदन से 20वें सांसद हैं जिन्हें कार्यवाही बाधित करने के लिए निलंबित किया गया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि विपक्ष मूल्य वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाने वाले सदस्यों के निलंबन को रद करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति से अनुरोध किया.सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर चर्चा और सदन में रणनीति बनाने के लिए विपक्षी दलों की बैठक हुई. खड़गे ने कहा, "महंगाई और आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के संबंध में हम पिछले 7 दिनों से जो मुद्दे उठा रहे हैं, आज आठवें दिन भी हम उसी के बारे में अपनी आवाज उठाएंगे.आम लोग चिंतित हैं यह हम भी लगातार आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है. हम अध्यक्ष और सभापति से उन सदस्यों के निलंबन को रद करने का अनुरोध प्रस्तुत करेंगे जिन्होंने मूल्य वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाई थी."


उन्होंने आगे कहा कि सांसदों का जो निलंबन सरकार के इशारे पर किया गया है उसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.बता दें विपक्षी दलों की बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एनके प्रेमचंद्रन, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के सांसद वाइको, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ईटी मोहम्मद बशीर, शिवसेना सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रीय जनता दल ( बैठक में राजद सांसद मनोज झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सांसद एलमाराम करीम, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सांसद जयंत चौधरी मौजूद थे.आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन

संसद से सांसदों के निलंबन पर विपक्षी सांसदों ने भी गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया इससे पहले मंगलवार को 19 विपक्षी सांसदों ने टीएमसी नेताओं सुष्मिता देव, शांतनु सेन और डोला सेन को 'कदाचार' के लिए सप्ताह के शेष भाग के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. उन्हें मुद्रास्फीति पर सरकार के खिलाफ नारे लगाने के लिए निलंबित कर दिया गया था.25 जुलाई को मनिकम टैगोर, राम्या हरिदास, जोथिमणि और टीएन प्रतापन सहित कांग्रेस के चार सांसदों को उनके 'अशांत व्यवहार और कार्यवाही में बाधा डालने' के लिए पूरे मानसून सत्र के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था.सांसदों को नियम 374 के तहत 'अध्यक्ष के प्रति अभद्र और अपमानजनक व्यवहार' करने पर निलंबित कर दिया गया था. संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन को विभिन्न मुद्दों पर स्थगन का सामना करना पड़ रहा है.


63 सांसदों को हंगामा करने पर निलंबित किया

बता दें कि 15 मार्च 1989 में संसद में सबसे बड़ी निलंबन की कार्रवाई हुई थी.राजीव गांधी सरकार के दौरान सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने पर हंगामा कर रहे थे.जिसके बाद विपक्ष के 63 सांसदों को हंगामा करने पर निलंबित किया गया था. वहीं जनवरी 2019 में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 2 दिनों में 45 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया था. पहली बार 1963 में हंगामा करने पर एक सांसद को निलंबित किया गया था. 4 अगस्त 2015 को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के 25 सांसदों को 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था.

2019 में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने टीडीपी और एआईएडीएमके के 45 सांसदों एक साथ सस्पेंड कर दिया था. फरवरी 2014 में लोकसभा के शीतकालीन सत्र में 17 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था.2013 में 23 अगस्त को लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्ष के 12 सांसदों को अध्यक्ष मीरा कुमार ने निलंबित कर दिया था.2021 में कृषि कानून पर हंगामा कर रहे विपक्ष के 12 सांसदों को राज्यसभा सभापति ने पूरे शीताकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया था.26 जुलाई 2022 को राज्यसभा के 19 सांसदों को उपसभापति हरिवंश ने निलंबित किया.अब तक लोकसभा और राज्यसभा से विपक्ष के कुल 27 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. 


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