बदल रहे चंबल में रेत स्नान शूरू

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बदल रहे चंबल में रेत स्नान शूरू

ओम प्रकाश सिंह

पचनद.  चंबल, यमुना, सिंध, क्वारी और पहुज नदी का संगम स्थल.  सुबह के पांच बजे हैं.  किलोमीटर तक फैली चंबल की नरम, चमकदार रेत और ऊपर घुमड़े बादलों के साथ ठंडी हवा नदियों की विशाल जलराशि के साथ मिलकर ऐसा कोलाज बना रहे हैं कि हर आंख अचंभित हैं.  कभी बदमाश और बंदूक की गर्ज से गूंजने वाली चंबल के किनारे ये नजारे.  सचमुच चंबल बदल रही है. 

इटावा-औरैया की सीमा पर पचनद में रविवार को अद्भुत नजारा था.  दूरदराज से बड़ी संख्या में आए स्त्री-पुरुष यहां सैंड बाथ और आयुर्वेद पर्यटन का लाभ लेने पहुंचे हैं.  चंबल फाउंडेशन की ओर से आज इसका विधिवत शुभारंभ था.  ठीक छह बजे शिक्षाविद श्वेता तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.  आयुर्वेदाचार्य डा. कमल कुशवाहा की निगरानी में हाट और कोल्ड सैंड बाथ दी गई.  पहले ही दिन 32 स्त्री-पुरुष ने इसका लाभ उठाया.  डा. कमल कुशवाहा ने बताया, आमतौर पर दोनों तरह के बाथ को 30-35 मिनट लेने से ही लाभ मिलता है, लेकिन यह व्यक्ति की सहनशक्ति और प्रकृति पर भी निर्भर करता है.  पहले दिन एक शख्स ने डेढ़ घंटे तक कोल्ड बाथ लिया, जबकि एक महिला को पांच मिनट में ही घबराहट होने लगी.  

सैंड बाथ के साथ, आयुर्वेद चिकित्सा के तहत आप स्वेदन, नेति, शिरोधारा आदि क्रियाएं कराई गई.  दोपहर 12 बजे तक चले कार्यक्रम में पहले दिन करीब 100 लोगों ने इसका लाभ लिया. 

 अभ्यंग क्रिया और कोल्ड बाथ लेने के बाद इटावा से आए डा. वी के अग्रवाल ने बताया, उन्हें  बैंकाक जैसी अनुभूति मिली है.  महिला पर्यटकों में हॉट बाथ को लेकर होड़ मची रही.  महिलाओं का कहना था कि इससे थकान और तनाव कम हुआ.  इटावा से आई श्वेता तिवारी ने बताया, चंबल में पहली बार उन्हें इतना सुंदर नजारा देखने मिला, यह अद्भुत रहा.  विकट परिस्थियों में यहां का प्रबंधन अविस्मरणीय है. 

पर्यटकों ने शंखनाद करते हुए आतप स्वेदन भी किया.  राम कुमार  ने  बताया कि यहां का अनुभव बहुत ही शानदार रहा है.  दीपा ने बताया कि शिरोधारा का अनुभव सबसे अच्छा रहा.  सिर के ऊपर से गिर रही सीधी धार न केवल मन को शांति प्रदान करती है बल्कि  मेरा काफी दिनों से माइग्रेन के दर्द में तुरंत आराम मिल गया.  औरैया से आईं वर्षा चौबे ने बताया, हमने नेति कर्म को किया जो बहुत ही अच्छा अनुभव रहा.  उष्ण जल  से नेती करने से ऐसा लग रहा था कि हम पूरी नदी में अभी तुरंत नहा कर आए हैं.  बाहर, आगरा से आए अजय कुशवाह ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की खान चंबल में यह बेहतर प्रयोग है.  कुसुम अग्रवाल जी कहती है कि ये पूरा टूर बहुत ही यूनिक रहा.  इसका अनुभव सच में वैश्विक  आनंद की प्राप्ति है.  कार्यक्रम का मुख्य प्रबंधन देख रही स्वेच्छा दीक्षित ने कहा कि आयुर्वेद पर्यटन की इस अनूठी शुरुआत में लोगों के चेहरे पर संतुष्टि वह आनंद के पल हमे नई ऊर्जा प्रदान करेंगे. 

डॉ कमल कुमार कुशवाहा ने बताया कि आयुर्वेद पर्यटन की इस नई शुरुआत से  पूरे विश्व मे भारत के चंबल क्षेत्र की ख्याति फैलेगी.   चंबल की परिस्थियां होटल और कोल्ड सैंड बाथ के लिए उपयुक्त हैं.  इसके लिए सुलभ है एक ही दिन में आप ये दोनों बाथ एक ही जगह ले सकते है.  इसके बहुत फायदे है, कई प्रकार के शारीरिक एवम मानसिक रोगों में शीघ्र लाभ पाया जा सकता है. 

चंबल परिवार के प्रमुख डॉ शाह आलम राना ने बताया, चंबल की दुर्लभ जड़ी बूटियों का एक संग्रहालय बनाया जाएगा.  इससे पूरी दुनिया में चंबल की एक नई पहचान बनकर सामने आएगी. 

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