जहां चौधरी चरण सिंह लिखते पढ़ते थे

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जहां चौधरी चरण सिंह लिखते पढ़ते थे

मणेंद्र मिश्रा 'मशाल'

उत्तराखंड में पवित्र जीवनदायिनी गंगा तट ऋषिकेश के मुनि की रेती स्थित वन विभाग डाक बंगला में वरिष्ठ समाजवादी, पूर्व कैबिनेट मंत्री सदस्य विधान पारिषद  राजेन्द्र चौधरी  के साथ जाना हुआ. वन विश्राम भवन,मुनि की रेती का निर्माण तत्कालीन वन मंत्री किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह ने 1964-66 में कराया था.चौधरी साहब ने अपने दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का लेखन अँग्रेजी में यहीं किया था. भारतीय अर्थनीति, किसानों से जुड़े मुद्दे सहित सरकार की नीतियों के लिए अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेजों के सृजन का यह रेस्ट हॉउस गवाह है. 

1974 विधानसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह ने ही राजेन्द्र चौधरी को भारतीय क्रांति दल के सिम्बल पर गाजियाबाद से पहला चुनाव लड़वाना साथ ही उनके चुनाव में आमसभा को संबोधित भी किए . हालांकि उस चुनाव में श्री राजेन्द्र चौधरी निर्वाचित नहीं हो पाए लेकिन अगले चुनाव 1977 में सदस्य विधान सभा निर्वाचित हुए साथ ही युवा जनता के प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी निभाए.

चौधरी चरण सिंह के विचार परंपरा के लिए निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते हुए राजनीति के ताप को सहते हुए आज भी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के साथ पूरी प्रतिबद्घता से श्री राजेन्द्र चौधरी सक्रिय हैं. उत्तराखंड में अखिलेश_यादव  की विकासवादी कार्यशैली एवं शालीन व्यक्तित्व का असर आमजन की चर्चा में पहुँच चुका है.लोगों से बातचीत के क्रम में कई जगह राष्ट्रीय राजनीति में विकल्प के रूप में लोग उनकी चर्चा करते मिले एवं बेहतर राजनैतिक सम्भावना की बात कही.

पांच दशकों से श्री चौधरी  अनवरत उत्तराखंड, ऋषिकेश, मुनि की रेती में समाजवादी विचार परंपरा को गतिमान बनाये हुए हैं. महान नेता चौधरी चरण सिंह से जुड़े अनेक संस्मरणों को याद करते सामयिक विमर्श को वरिष्ठ जनों के सान्निध्य में समझना मेरे लिए सौभाग्य ही है. उत्तराखंड में लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो रमेश दीक्षित, सुपरिचित लेखिका वंदना मिश्रा , यश भारती विभूषित वरिष्ठ पत्रकार मधुकर त्रिवेदी जी की गरिमामयी उपस्थिति में इतिहास के कई पुराने पन्नों से परिचय हुआ. इस दौरान वरिष्ठ समाजसेवी एवं उत्तराखंड योजना आयोग के सदस्य रहे श्री बच्चन पोखरियाल और एस के राय जी भी उपस्थित रहे. 

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