आलोक कुमार
पटना: बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष और आजादी के 75 वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में मंगलवार 12 जुलाई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पटना आ रहे हैं.मौके पर भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और विधायक दल नेता महबूब आलम ने संयुक्त रूप से कहा है कि माले शहीद-ए-आजम भगत सिंह के साथ सेंट्रल असेम्बली में बम फेंकने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त के नाम पर पटना जंक्शन का नाम पर किए जाने की मांग को प्रमुखता से उठाएगा.
द्वय नेताओं ने आगे कहा कि बिहार में किसान आंदोलन के महान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा रेलवे स्टेशन और महात्मा गांधी की जान बचाने वाले बतख मियां के नाम पर मोतिहारी रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार का नामकरण किए जाने की भी मांग की जाएगी.
वहीं प्रधानमंत्री से बिहार में चले आजादी के आंदोलन की विरासत के दस्तावेजीकरण के लिए स्वतंत्रता आंदोलन म्यूजियम की भी स्थापना की मांग की जाएगी. राजद्रोह और यूएपीए जैसे कानूनों को खत्म करने, राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न, देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर हो रहे हमले, मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणा प्रचार आदि मांगों को भी माले विधायक दल अपने ज्ञापन में शामिल करेगा.
उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, देशविरोधी अग्निपथ योजना की वापसी, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा, युवाओं के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था आदि मांगें भी इसमें शामिल है.
माले विधायक दल नेता महबूब आलम ने कहा कि यह आयोजन बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के मौके पर हो रहा है, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मौके पर जो स्मारक बन रहा है, उसमें राजकीय चिन्ह के साथ खिलवाड़ किया गया है. उर्दू में लिखे बिहार शब्द को हटाना संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है. हम प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को भी उठायेंगे. बिहार विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करते हैं कि राजकीय चिन्ह के साथ की गई इस सुनियोजित छेड़छाड़ को अविलंब ठीक करवाया जाए.
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