यह सच नहीं है , श्रीमान मोदी !

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

यह सच नहीं है , श्रीमान मोदी !

डा रवि यादव

प्रधान मंत्री  नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में पार्टी के चिंतन अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया तो साथ ही विपक्ष पर परिवारवादी और लोकतन्त्र विरोधी होने का आरोप लगाया . श्री मोदी ने कहा कि –देश का युवा अब ये समझने लगा है कि किस तरह परिवारवादी पार्टियाँ लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी दुश्मन है . लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने वाली ये पार्टियाँ संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को भी कुछ नहीं समझतीं “ .

मोदी जी के भाषण की बैकिंग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल मैदान में आए जिन्होंने परिवारवाद के विनाश और लोकतंत्र के संरक्षण के अलावा हैदराबाद को “भाग्यनगर “ बनाए जाने सहित  मोदी जी के श्रीमुख से निकले हर एक शब्द के पीछे विश्व कल्याण के लिए क्रांति के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.संघ परिवार के लोग मज़ाक़ भी गम्भीरता से करते है अन्यथा रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल जो स्वय परिवारवाद की देन है परिवारवाद पर प्रवचन करने नहीं आते.


बहुत लम्बी सूची है उन लोगों की जो किसी राजनैतिक व्यक्ति के पुत्र पुत्री है और आज भाजपा में और भाजपा की सरकारों में महत्वपूर्ण व प्रभावशाली पद पर है.किरण रिजज़ू,  पीयूष गोयल , निर्मला सीतारमन ,जयंत सिन्हा , राव इंद्रजीत सिंह अनुप्रिया पटेल  ज्योतिरादित्य सिंधिया , अनुराग ठाकुर केंद्रीय मंत्रिमंडल में है और रविशंकर प्रसाद,  सुषमा स्वराज ,चौधरी बीरेन्द्र सिंह और मेनका गांधी मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा रह चुके है.


राज्यों में हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र विजय बहुगुणा को भाजपा उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बना चुकी है और रीता बहुगुणा वर्तमान लोकसभा में सांसद है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी भी परिवार की विरासत के कारण ही है , वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी है  जिनकी माँ भाजपा की बड़ी नेता थी बहिन यशोधरा राजे सिंधिया भी भाजपा सरकार में मंत्री और भतीजा ज्योतिरादित्य केंद्रीय मंत्री है तो पुत्र दुष्यंत सांसद है.वर्तमान में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई के पिता भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके है. गोपीनाथ मुंडे की एक पुत्री पंकजा महाराष्ट्र में मंत्री तो दूसरी प्रीतम मुंडे सांसद है . स्वर्गीय प्रमोद महाजन की पुत्री पूनम सांसद है.


उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे कल्याणसिंह के पुत्र राजवीर सिंह सांसद है बहु विधायक रह चुकी है और राजवीर के पुत्र संदीप सिंह माननीय मंत्री है दूसरे मुख्य मंत्री रहे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह विधायक है तो अन्य महत्वपूर्ण नेता रहे लालजी टंडन के पुत्र आशुतोष उर्फ़ गोपाल जी भाजपा के माननीय मंत्री रहे है वर्तमान में विधायक है.


श्रद्धेय प्रधान मंत्री जी बादलों के कारण आपके रडार पर न दिखाई दिया हो मगर जिनके साथ आप गलवहियां कर चुके है या अभी भी कर रहे है वे शिव सेना,अकाली दल ,नवीन पटनायक जी, जगन मोहन रेड्डी , माँझी, पासवान और जेजेपी परिवार की ही पार्टियाँ है. आप पूज्य गुरू गोविन्द सिंह बाबा गोरखनाथ और  कबीर का सत्संग सुननें में भावविभोर थे इसका फायदा उठाकर बीसीसीआई के सचिव पद पर हुई नियुक्ति परिवारवाद ही है.


माननीय मोदी जी आप शायद  1988 में ख़रीदे अपने प्रिय डिजिटल कैमरे से खींची तस्वीरों को देखने या उस मेल को देखने में जो आपने इन तस्वीरों को दिल्ली भेजने के लिए किया था में व्यस्त रहे हो, आप आज जिन तीन परिवारों गांधीपरिवार ,मुलायमसिंह और लालू यादव परिवार को अपने निशाने पर रख रहे है उन परिवारों से भी वरुण गांधी , श्रीमति मेनका गांधी और अपर्णा यादव को आयातित कर चुके है .


जहाँ तक लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मान का प्रश्न है आपसे निवेदन है मज़ाक़ न करें यह सच है कि आप बेहतरीन अभिनेता है और मज़ाक़ अच्छा कर लेते है मगर हंसने की भी एक सीमा होती है उससे अधिक अगर किसी को गुदगुदाया जाय तो रोने लगता है . आपके कार्यकाल में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के पाँच माननीय जजों ने प्रेस को बुलाकर लोकतंत्र पर और न्याय व्यवस्था पर सबाल खड़े होने पर चिंता व्यक्त की गई , दो दिन पूर्व पुनः सर्वोच्च अदालत ने न्याय व्यवस्था पर प्रश्न खड़े होने पर चिंता व्यक्त की है . देश की सर्वोच्च जाँच एजेंसी पर आधी रात पुलिस रेड पहली बार आपके ही कार्यकाल में हुई है , सर्वोच्च अदालत केंद्र के अधीन दिल्ली पुलिस की भूमिका पर अभी पिछले सप्ताह नूपुर शर्मा प्रकरण पर बहुत कुछ कह चुका है.


यह किसी से छुपा नहीं है कि चुनाव आयोग आज केचुआ बन चुका है और ईडी राजनीतिक हितसाधन का टूल , नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की कोई रिपोर्ट पब्लिक में तो क्या सदन में तक चर्चा नहीं होती. नीति आयोग का देश के विकास या संसाधनों के आवंटन संवर्धन में क्या योगदान है सिर्फ़ आप ही बता सकते है. केंद्रीय बैंक को पहली बार एक तदर्थ व्यवस्था के तहत संचालित किया जा रहा है. संविधान की प्रस्तावना की आत्मा धर्मनिरपेक्षता व समाजवाद लहूलुहान है तब आपका हैदराबाद में दिया गया भाषण न केवल एकालाप लगता अपितु यह भारतीय मतदाताओं की बौद्धिक चेतना का मखौल भी लगता है.


हे यशस्वी तपस्वी कृपा कर सच बोले ..?


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