अब तक चार नौजवानों ने आत्महत्या कर ली

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अब तक चार नौजवानों ने आत्महत्या कर ली

 आलोक कुमार

पटनाः केंद्र सरकार के द्वारा अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा पिछले 14 जून को की गई थी जिसके बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.वहीं अग्निपथ योजना से क्षुब्ध होकर नौजवानों ने जिंदगी की लीला समाप्त करने पर उतारू हो गये हैं.प्राप्त सूचनानुसार अब तक चार नौजवानों ने आत्महत्या कर ली है.

  इसी बीच हरियाणा के रोहतक से एक दुखद खबर सामने आ रही है.मृतक की पहचान जींद जिले के लिजवाना गांव के रहने वाले सचिन के रूप में हुई.वह युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी.बिलौठी गांव निवासी कन्हैया गुर्जर (22) पुत्र महाराज सिंह गुर्जर 12वीं कक्षा पास करने के बाद से ही सेना भर्ती की तैयारी में जुट गया था.बालासोर जिले के सोरों के तेंतेई गांव के रहने वाले व्यक्ति की पहचान धनंजय मोहंती के रूप में हुई है. धनंजय भारतीय सेना में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था.कल्याणपुर क्षेत्र के विसना मऊ गांव में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छेदीलाल पटेल के 22 वर्षीय पुत्र विकास पटेल ने नौकरी न मिलने की आशंका से परेशान होकर पेड़ में रस्सी का फंदा बनाकर जान दे दी.


दो साल से सेना भर्ती की तैयारी कर रहा था


दो साल से सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे सचिन नामक  युवक ने रोहतक के देव कॉलोनी में स्थित पीजी होस्टल के रूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया. मृतक जिला जींद के लिजवाना कला गांव का रहने वाला था.शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया.इस संदर्भ में परिजनों ने इतना जरूर बताया कि वह सेना में भर्ती होना चाहता था जिसके लिए वह बहुत मेहनत भी कर रहा था.भर्ती के कैंसिल होने और चार साल की नौकरी वाली अग्निपथ योजना आने से परेशान था.पुलिस मामले की जांच में जुटी है. पीजी होस्टल में तलाशी की गयी.इसी पीजी होस्टल में रहने वाले एक छात्र गौरव ने मीडिया को बताया कि वह नौकरी को लेकर परेशान था. आर्मी की दो भर्ती के लिए उसने क्वालीफाई भी किया था. लेकिन भर्ती हुई ही नहीं.इन सबको लेकर वह परेशान था. 


वह खेत में पेड़ से फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला


भरतपुर जिले के चिकसाना थाना क्षेत्र के बिलौठी गांव निवासी कन्हैया गुर्जर (22) पुत्र महाराज सिंह गुर्जर ने खेत में पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.परिजनों ने बताया कि अग्निपथ योजना लागू होने के बाद से युवक ने दौड़ भाग करना छोड़ दिया और मायूस रहने लगा.युवक कबड्डी का राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था। वहीं 12वीं के बाद से ही वह सेना में जाने के लिए तैयारी कर रहा था.वह सच में सेना भर्ती की तैयारी में जुट गया था. पांच भाई और दो बहनों में सबसे छोटा कन्हैया सेना में भर्ती होना चाहता था. सभी भाई बहन और पिता का भी सपना था कि उनका भाई फौजी बने. परिजनों ने बताया कि जब से अग्निपथ योजना की घोषणा हुई, तभी से कन्हैया ने दौड़ भाग करना बंद कर दिया। परिजनों के बार-बार समझाने पर भी वह सेना की तैयारी के लिए सुबह दौड़ करने नहीं जा रहा था.परिजनों ने बताया कि कन्हैया का कहना था कि अब सैनिक बनने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा.चार साल बाद आकर भी जब कुछ और काम करना है तो अभी से क्यों ना किया जाए.वह अलसुबह गांव से बाहर खेत में पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.


भर्ती के लिए लिखित परीक्षा रद्द होने के बाद 


बालासोर जिले के सोरों के तेंतेई गांव के रहने वाले व्यक्ति की पहचान धनंजय मोहंती के रूप में हुई है.धनंजय भारतीय सेना में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था.सेना भर्ती की तैयारी कर रहे ओडिशा के जिला बालासोर के रहने वाले एक युवक ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा कि भर्ती के लिए लिखित परीक्षा रद्द होने के बाद उसने ऐसा कदम उठाया, वहीं युवक के पिता ने आरोप लगाया है कि अग्निपथ योजना  की घोषणा के बाद सेना ने लिखित परीक्षा रद्द कर दी जिसके कारण मेरे बेटे ने यह कदम उठाया. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि मोहंती को 30 अगस्त को होने वाली सीईई के लिए प्रवेश पत्र मिला था. उसने रात में फांसी लगाकर जान दे दी. केंद्र की अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ कटक सहित ओडिशा में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.   


मीडिया से बात करते हुए धनंजय के दोस्त पिताबास  राज ने कहा, वह मेरे अंतरंग दोस्त थे. हम पिछले चार साल से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं.मेरे दोस्त धनंजय ने डेढ़ साल पहले फिजिकल फिटनेस टेस्ट पूरा किया था.उन्हें सेना से लिखित परीक्षा का आश्वासन मिला था. हालांकि, लिखित परीक्षा को कोविड -19 को देखते हुए कई बार स्थगित किया गया था.अंत में, अग्निपथ योजना के कारण इसे रद्द कर दिया गया, क्योंकि हम पहले ही आयु सीमा पार कर चुके हैं.       


 'व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से पता चला कि यूपी, बिहार और कोलकाता के कई युवाओं ने आत्महत्या कर ली है.यह सब देखकर उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और कल रात उसने यह कदम उठाकर आत्महत्या कर ली. खुद को मारने से पहले उसने हमें एक मैसेज भेजा था- इस सरकार पर भरोसा मत करो और उन्हें कभी वोट मत दो.' पिताबास ने आगे कहा.पीड़ित के बुजुर्ग पिता अपने आंसुओं को नियंत्रित नहीं कर पा रहे थे, जबकि मां बेसुध थी.


धनंजय की मृत्यु के बाद, उसके माता-पिता उसके अंग दान करना चाहते थे. लेकिन सोरो अस्पताल में अंगदान की सुविधा नहीं होने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए. बालासोर के पुलिस अधीक्षक सुधांशु मिश्रा ने बताया कि मुझे सोरों की घटना के बारे में पता नहीं था.मौत के सही कारणों की जांच करनी होगी.


खुदकुशी की खबर पर युवा साथी पहुंचे


सेना भर्ती की तैयारी कर रहे दिवंगत विकास पटेल के जान देने से परिवार आहत है.पिता छेदीलाल पटेल व बड़ा भाई विक्रम पटेल किसानी करते हैं.बड़े भाई की शादी हो चुकी है। मां सीता देवी समेत पूरा परिवार बेहाल है.खुदकुशी की खबर मिलते ही फौज की भर्ती की तैयारी करने वाले आसपास गांव के युवक साथी भी पहुंचे.स्वजन ने पुलिस को सूचना दी तब चौडगरा चौकी प्रभारी धीरज पांडेय मौके पर पहुंचे.चौकी प्रभारी पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया विकास ने आत्महत्या की है.


विसना मऊ गांव निवासी विकास पटेल सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे थे.एक बार सेना भर्ती की शारीरिक परीक्षा दे चुके थे, पर उसे कामयाबी नहीं मिली थी. पिता ने बताया कि सरकार ने जिस दिन अग्निपथ योजना की घोषणा की उसी दिन से युवक कहने लगा कि अब नौकरी नहीं मिलेगी.कोई तैयारी करना बेकार है. गत दिनों अपरान्ह दो ढाई बजे करीब चरवाहों ने युवक को घर के पीछे आम के पेड़ पर रस्सी से लटकते हुए देखा तो स्वजनों को सूचना दी.स्वजन पहुंचे और युवक को नीचे उतारा, हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.


युवाओं के सुसाइड केस सबसे ज्यादा


अगर कुछ माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो सामने आया कि अब युवाओं के सुसाइड केस सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना काल के बाद युवाओं में तनाव की अधिकता इसका प्रमुख कारण है.बढ़ती बेरोजगारी, आर्थिक मंदी आदि भी कारण हो सकते हैं, लेकिन जरूरी यह है कि अगर कोई परिजन तनाव के दौर से गुजर रहा है तो सबसे पहले उससे बात करें और संबंधित डॉक्टर के पास लेकर जाएं.सुसाइड ही समाधान नहीं है.अग्निपथ योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से मुकाबला करना है.


इस बीच कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने अग्निपथ योजना को लेकर बड़ा बयान दिया है. कल सोमवार को बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कार्यकर्ता अग्निपथ योजना के खिलाफ सत्याग्रह करेगी. उन्होंने कहा है कि धीरे-धीरे केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर करने जा रही है. सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना पूंजीपतियों को संरक्षण देने के लिए लाया गया है. कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि 4 साल बाद अग्निपथ योजना के तहत कार्य करने वाले सेना के जवान रिटायर हो जाएंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजदीकी मित्र, बड़े-बड़े उद्योगपति और पूंजीपतियों के कंपनियों में गार्ड का काम करेंगे. निश्चित तौर पर योजना उन्हीं उद्योगपतियों के संरक्षण करने के लिए लाई गयी है.   


            



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