केंद्र सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम

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केंद्र सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम

आलोक कुमार           

पटना.कोराेना काल में ही 2020 में आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन.कोरोना के कारण दो साल से सेना में भर्ती अटकी हुई है. ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा कई परीक्षाएं दे चुके आर्मी अभ्यर्थियों की सुधि नहीं ली गयी और 17 से 21 वर्षों के युवाओं के लिए चार वर्षों की अग्निपथ योजना लॉन्च कर दी गयी.भर्ती में हो रही देरी से अब युवाओं का गुस्सा भी फूट पड़ा है. भर्ती नहीं होने से युवा ओवरएज हो रहे हैं, जिस कारण उन्हें सेना में भर्ती का मौका नहीं मिल पा रहा है.ऐसे लोग वर्तमान और भविष्य की चिंताकर सड़क पर उतर गये.

अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार के छात्र-युवा संगठन आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा ने केंद्र सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. कहा है कि यदि सरकार ने इस योजना को वापस नहीं लिया तो हम बिहार बन्द और फिर भारत बंद की ओर बढ़ेंगे.


सेना भर्ती जवान मोर्चा के संयोजक राजू यादव, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, आइसा के महासचिव व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, इनौस के सम्मानित बिहार राज्य अध्यक्ष व डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा, इनौस के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम, राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार और राज्य अध्यक्ष विकास यादव ने इस आशय का संयुक्त बयान जारी किया.


देखा जाएं कि सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे.मालूम हो कि कोरोना के कारण दो साल से सेना में भर्ती अटकी हुई है. भर्ती में हो रही देरी से अब युवाओं का गुस्सा भी फूट पड़ा है. भर्ती नहीं होने से युवा ओवरएज हो रहे हैं, जिस कारण उन्हें सेना में भर्ती का मौका नहीं मिल पा रहा है.     


कोरोना काल में सेना में बहाली के लिए परीक्षा ली गयी थी उनके बारे में कोई निर्णय नहीं होने से आक्रोश कोरोना महामारी के आने के बाद से सेना में जवानों की कोई नई बहाली नहीं आयोजित हुई है.विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना महामारी शुरू होने से पहले वर्ष 2019-20 में सेना में 80 हजार से ज्यादा जवानों की भर्ती हुई थी.लेकिन उसके बाद से जवानों की भर्ती पूरी तरह बंद है.वहीं, कुछ समय पहले संसद में रक्षा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में दिए गए जवाब के मुताबिक सेना में एक जनवरी 2022 तक जवानों के 81 हजार पद रिक्त थे.पदों की संख्या खाली होने के बावजूद भर्ती नहीं आयोजित होने से सेना भर्ती की तैयारी करनेवाले अभ्यर्थी काफी निराश हैं.


भारतीय सेना में जवानों की होने वाली भर्ती को लेकर अभी तक कोई भी आधिकारिक अपडेट सामने नहीं आया है. इस संबंध में ना तो सेना ने और ना ही रक्षा मंत्रालय ने अभी तक कोई जानकारी दी है.हालांकि विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना में अगर जल्द ही जवानों की भर्ती नहीं होती है तो रिक्तियों की संख्या इस साल के आखिर में दो लाख तक पहुँच सकती है. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि सेना में जवानों की भर्ती के लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है.               

दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.


अग्निपथ योजना के तहत सेना की रेजिमेंट प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है और इसके लागू होने के पहले वर्ष में भर्ती कर्मियों की संख्या सशस्त्रों बलों की केवल तीन प्रतिशत होगी.देश के कई हिस्सों में नई प्रणाली के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार को यह बात कही.सूत्रों ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने के अवसरों को बढ़ाना है.हालांकि, कई विपक्षी राजनीतिक दलों और सैन्य विशेषज्ञों ने इस योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे सशस्त्र बलों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.





बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा कई राज्य सरकारों ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्र पुलिस बल और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देने की घोषणा की है। ऐसी पहल बिहार सरकार को भी करनी चाहिए.


मुकेश कुमार कहते हैं छात्रों को "अग्निपथ" समझ नहीं आया.किसानों को “कृषि क़ानून” समझ नहीं आया.व्यापारियों को “GST” समझ नहीं आया.अर्थशास्त्रियों को “नोटबंदी” समझ नहीं आया.सिर्फ़ एक ही बुद्धिमान क़ौम भारत में रहती है, वो हैं भक्त .कोई भी सरकारी स्कीम आए, सबसे पहले इन्हें ही समझ आती है.राणा रंजीत सिंह ने कहा है कि यदि सरकार को पैसे बचाने हैं तो

1.एक देश एक चुनाव लागू करो.

2.नेताओं के पेंशन योजना खत्म करो.

3.अल्पसंख्यक मंत्रालय खत्म करो.

4.मुफ्त राशन वितरण की व्यवस्था खत्म करो.

5.बिहार जैसे गरीब राज्यों से विधान परिषद को खत्म करो.

लेकिन देश के वीर सपूतों के जीवन से खिलवाड़ मत करो.


ऋषभ राज ने माननीय प्रधानमंत्री जी  एवं माननीय रक्षा मंत्री जी से कहे हैं कि जिस तरीके से अग्निपथ के द्वारा अग्निवीर योजना लागू की गई है क्यों नहीं उसी तर्ज पर सदन पथ के तहत सदन वीर योजना का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए. सभी विधायक सांसद मंत्री का पद के बाद कोई भी पेंशन कोई भी सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए.और इसका फैसला भी होना चाहिए कि 5 साल के कार्यकाल के बाद वह चुनाव लड़ने योग्य है अन्यथा नहीं उनमें भी 25 परसेंट को चुनाव लड़ने योग्य घोषित करना चाहिए अन्य 75 परसेंट को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए.


बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि ये अग्निपथ पहली 'सरकारी' नौकरी बहाली होगी जिसमें 4 वर्ष में बेरोजगार होने की 75% गारंटी है तथा 4 साल बाद 25% नियमित सैनिक बनने के लिए संघ के अनुषांगिक संगठनों के सदस्यों व संबंधियों को प्राथमिकता व संघ के सौजन्य से सेना में भाई भतीजावाद और क्षेत्रवाद का खेल होने की भी संभावना है.आगे कहा कि जिस देश के करोड़ों बहादुर वीर जवान और सैनिक सरकार और उसकी नीतियों से ही स्वयं असुरक्षित महसूस करने लगे तो देश कैसे सुरक्षित रहेगा?संघ/BJP याद रखे,माफीवीर आप है. देश का हर नौजवान परमवीर चक्र प्राप्त करने का मंसूबा, जज़्बा,जुनून और जिगर रखता है.अग्निवीर बना उनका हौसला मत तोड़िए.


AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अग्निपथ स्कीम का विरोध कर रहे लोगों का एक वीडियो शेयर किया है. साथ में उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की कविता भी लिखी है. ओवैसी ने लिखा,'तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ कर शपथ कर शपथ, अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ -हरिवंशराय बच्चन. उन्होंने पीएम मोदी को टैग कर लिखा कि इन्हें कपड़ों से ना पहचानिए, ना ही गोली और बुलडोजर चलाइए. अपना गलत फैसला वापस लीजिए, देश की 66% आबादी युवाओं की है. बात को समझिए.


इस बीच अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया.अधिकतम उम्र 21 साल से बढ़ाकर 23 साल की गई.विरोध के बाद भर्ती की उम्र सीमा बढ़ाई गई. दो साल से भर्ती नही होने की वजह से यह फैसला लिया गया.रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा में 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने के लिए एकमुश्त छूट प्रदान करती है.पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण निर्णय लिया गया है. इससे पहले सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की मंगलवार को ऐलान किया था. जिसके तहत सैनिकों की भर्ती 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा। लेकिन अब इस उम्र सीमा को बढ़ा दिया गया है.


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