पटना.बिहार की राजनीति में चर्चा यही है कि आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरसीपी सिंह से नाराज हैं. पार्टी की इस कार्रवाई को इसी नजरिये से जोड़कर देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से पार्टी में खेमेबाजी भी काफी हो रही है. ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच की जंग भी किसी से छिपी नहीं है.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह समर्थकों पर आज बड़ी कार्रवाई की है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक , जदयू महासचिव अनिल कुमार , जदयू महासचिव विपिन कुमार यादव और समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज को पद से मुक्त करते हुए प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया गया है. माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह के केंद्र सरकार से नजदीकियों से सीएम नीतीश नाराज हैं और यह फैसला उसी का प्रतिफल है.
पार्टी से निकाले जाने के बाद अजय आलोक ने अपने अंदाज में प्रतिक्रिया दी और कहा कि बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते,बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे मुक्त करने के लिए,इतने साल का संबंध रहा और बहुत अच्छा रहा, मेरी शुभकामनाएं आप लोगों को है, मैं एक बार फिर कहता हूं बहुत-बहुत धन्यवाद अजय आलोक ने पार्टी को धन्यवाद कहते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी के अनुशासन का पालन किया.
बता दें कि ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी और संगठन में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं. बीते दिनों संजय सिंह को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था. अब सुहेली मेहता का पत्ता साफ कर दिया गया. पार्टी सूत्र बताते हैं कि सुहेली पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की करीबी हैं. लिहाजा, पार्टी में चल रहे मतभेद के कारण यह फैसला लिया गया है.जनता दल यूनाइटेड की इकलौती महिला प्रवक्ता डॉ सुहेली मेहता को उनके पद से हटा दिया गया. प्रदेश जेडीयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी. सुहेली जदयू की इकलौती महिला प्रवक्ता थीं, जिन्हें 5 जुलाई 2019 को पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया था.
आलोक कुमार
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