आलोक कुमार
रांची.बीजेपी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया है.बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है.नूपुर शर्मा पर धर्म विशेष पर भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप था.वहीं भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर के साथ ही दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रभारी नवीन कुमार को भी पार्टी से भी निलंबित कर दिया है.नुपुर शर्मा के विवादित बयान पर खासा बवाल मचा था, जिसके बाद बीजेपी ने ये एक्शन लिया है.
बता दें कि बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान के विरोध में शुक्रवार को हुए प्रदर्शन के दौरान रांची में दो लोगों की मौत हुई थी.जानकार लोगों का कहना है कि विरोध मार्च में उग्र लोगों पर अश्रु गैस या रबर बुलेट चलाने के बदले सीधे फायरिंग का आदेश दे दिया गया.रांची में सिर में गोली लगने से घायल मुदस्सिर उर्फ कैफी की उपचार के दौरान शनिवार को रिम्स में मौत हो गई थी.वहीं रांची हिंसा में मुदस्सिर के अलावा एक और युवक साहिल की भी मौत हुई है.रिम्स अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक उसे किडनी में गोली लगी थी, जिसके चलते उसे तमाम प्रयास के बावजूद बचाया नहीं जा सका.
मुदस्सिर का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाता नजर आ रहा था.इस्लाम जिंदाबाद का नारा लगाने के बाद मुदस्सिर को गोली लगी और इसके एक दिन बाद उसकी मौत हो गई थी. मुदस्सिर की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार में मातम पसरा है. बेटे को गंवाने के गम में डूबी मां के रोने की आवाज से कलेजा कांप जा रहा. मुदस्सिर अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था.
मुद्दसिर के परिजनों का कहना है, मृतक मुद्दसिर के पिता परवेज आलम, जो स्ट्रीट लाइन मुहल्ला हिंदी पीढ़ी के रहने वाले हैं. जो हर दिन डेली मार्केट थाना के पास फल की दुकान लगाते थे. परिजनों का आरोप है जिस दिन घटना घटी उस दिन मृतक मुद्दसिर जुलूस के वक्त तक अपने पिता के साथ फल के दुकान पर था. जब जुलूस आई तो वो भी उसमें शामिल हो गया था और कुछ ही देर में गोली का शिकार हो गया.
रांची हिंसा में जान गंवाने वाले मुदस्सिर के मां-पिता ने बताया कि वह मेरा इकलौता बेटा था. गरीबी के कारण हम उसे ठीक से पढ़ा नहीं पाए लेकिन मेरा बेटा बहुत मिलनसार था.सबसे मिलजुल कर रहता था. उसे क्यों गोली मार दी, उसका क्या कसूर था.मृतक मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि उनके भतीजे की मौत के लिए झारखंड सरकार और रांची जिला प्रशासन जिम्मेवार है. आरोप लगाया कि मुदस्सिर की मौत पुलिस की गोली से हुई है. प्रदर्शनकारी न तो आतंकवादी थे, न उग्रवादी. फिर उन पर गोलियां क्यों चलाई गई. आरोप लगाया कि पुलिस एके-47 और पिस्टल से गोली चला रही थी.
इस बीच झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अमोल वी होमकर ने रांची हिंसा में 2 मौतों की पुष्टि की है.उन्होंने बताया कि रांची हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने भी फायरिंग की है. इस दौरान 12 पुलिसकर्मी और 12 प्रदर्शनकारी घायल हुए. एक पुलिसकर्मी को बुलेट इंज्यूरी है. होमकर के मुताबिक अस्पताल में इलाजरत 22 घायलों में से दो-तीन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक बाकी लोग ठीक हैं.रांची हिंसा में जान गंवाने वाले हिंदपीढ़ी इलाके के मुदस्सिर आलम के सिर में गोली लगी थी. वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था.बेटे की मौत के बाद उसके पिता परवेज आलम, उसकी मां निकहत का रो-रोकर बड़ा बुरा हाल है
अपने इकलौते बेटे को गंवाने वाली मां के पास सरकार, पुलिस, प्रशासन और व्यवस्था से ढेर सारे सवाल हैं.हेमंत सोरेन सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि गोली चलाने वाले पुलिस वालों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करवाना चाहिए.मुदस्सिर की मां कहती है कि वह मेरा इकलौता बेटा था. उसे मार दिया. बेबस मां ने सवाल किया कि क्या इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाना गलत है? क्या ये अपराध है? उन्होंने अपने बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाई और कहा कि उसे गोली मारने वाले को मेरे सामने लाया जाए. मैं उससे पूछूंगी कि उसे गोली मारने का अधिकार किसने दिया?
रांची हिंसा में मुदस्सिर के अलावा एक और युवक साहिल की भी मौत हुई है. रिम्स अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक उसे किडनी में गोली लगी थी, जिसके चलते उसे तमाम प्रयास के बावजूद बचाया नहीं जा सका. साहिल के परिजनों ने बताया कि वह जीवन यापन के लिए मेन रोड, डेली मार्केट की एक दुकान में काम करता था. काम से लौटने के क्रम में उसे गोली लग गई. स्वजनों का आरोप है कि विरोध मार्च में उग्र लोगों पर अश्रु गैस या रबर बुलेट चलाने के बदले सीधे फायरिंग का आदेश दे दिया गया.हेमंत सोरेन सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि गोली चलाने वाले पुलिस वालों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करवाना चाहिए.
आंसुओं से सराबोर मां ने रुंधे गले से कहा कि मुझे मेरा बेटा लौटा दो. जिसने गोली मारी उसे मेरे सामने खड़ा करो. उन्होंने कहा कि किस सरकार ने गोली मारने का आदेश दिया. क्या सरकार मुझे मेरा बेटा लौटा पाएगी? मुदस्सिर की मां ने कहा कि मेरा बेटे को जब गोली मारी गई, वह अकेला था. वहां तो कोई भीड़ भी नहीं थी.
उन्होंने अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की भी गुहार लगाई. गौरतलब है कि रांची में हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा में गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई थी. रांची में हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था. इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया था. अब इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है लेकिन कई इलाकों में अब भी धारा 144 लागू है.
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