गंगा उद्वह योजना से राजगीर वासियों की प्यास बुझेगी

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गंगा उद्वह योजना से राजगीर वासियों की प्यास बुझेगी

आलोक कुमार

नालंदा.बिहार के गया और नालंदा जिले के जल संकट के समाधान के लिए गंगा उद्वह योजना के तहत 190 किमी पाइपलाइन के जरिए गंगा नदी का पानी मोकामा के हथिदह से नवादा तक पहुंचाने का ट्रायल सफल रहा. यह गंगा उद्वह योजना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट है.गंगा उद्वह योजना का ट्रायल सफल होने के बाद राजगीर में सभी होटलों को गंगा जलापूर्ति होगी.इसके लिए सभी होटलों को अपने परिसर में सम्प (अंडरग्राउंड टैंक) का निर्माण करना होगा.इसके क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी ने राजगीर के होटल व्यवसायियों के साथ बैठक आयोजित की.गंगाजल आपूर्ति योजना को आगामी वर्षा ऋतु में क्रियान्वित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.इस योजना के माध्यम से राजगीर वासियों को जलापूर्ति की जाएगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजल उद्वह योजना के तहत नालंदा के अलावा गया, बोधगया और नवादा को गंगाजल की आपूर्ति की जानी है. इन सभी जगहों पर गंगाजल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है. पहले चरण के तहत इस योजना पर पहले 2836 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, लेकिन कोरोना की वजह से विलंब होने से लागत बढ़कर 4174 करोड़ रुपये कर दिया गया है.


राजगीर नगर परिषद क्षेत्र के सभी घरों, होटलों, विद्यालय कॉलेज एवं अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को इस योजना के माध्यम से लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग(पीएचईडी) द्वारा पाइप लाइन के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी.वर्तमान में होटलों द्वारा बोरिंग के माध्यम से भूगर्भ जल का उपयोग किया जा रहा है. बोरिंग के उपयोग से भूगर्भ जल का स्तर नीचे जाता है. पाइपलाइन के माध्यम से सुचारू रूप से जलापूर्ति होने के उपरांत होटलों द्वारा बोरिंग को बंद किया जाएगा.इससे भूगर्भ जल का संरक्षण हो सकेगा.राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में अब तक 82 होटल सूचीबद्ध किए गए हैं.छूटे हुए होटलों को भी इस सूची में शामिल किया जा सकेगा.


इन सभी होटलों को पीएचईडी द्वारा पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी.इस व्यवस्था के तहत होटल संचालकों को भी पानी के स्टोरेज के लिए आवश्यक संरचना का निर्माण करना होगा.योजना के क्रियान्वयन को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने राजगीर नगर परिषद क्षेत्र के सभी होटल संचालकों के साथ आरआईसीसी सभाकक्ष में बैठक की.सभी होटल संचालकों को 11 जून तक अपने-अपने होटल के लिए पानी के दैनिक आवश्यकता का आकलन कर इसकी लिखित जानकारी पीएचइडी को उपलब्ध कराने को कहा गया.होटल संचालकों को पाइपलाइन के माध्यम से प्राप्त जल के भंडारण के लिए संप (अंडरग्राउंड टैंक) का निर्माण कराना होगा. जिसमें उनके द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुरूप पाइप लाइन के माध्यम से प्राप्त जल का भंडारण किया जाएगा.सम्प में भंडारित जल को होटल संचालकों द्वारा मोटर के माध्यम ऊपर के टैंक में पहुंचाया जाएगा जहां से होटल के सभी कमरों में पानी पहुंचेगा.जिलाधिकारी ने जून माह के अंत तक सभी होटल संचालकों को अपनी आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित क्षमता के संप का निर्माण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.


ज्ञातव्य हो कि पीएचईडी द्वारा राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 10 हजार घरों में पाइप लाइन कनेक्शन दिया जा रहा है. अब तक  8 हजार से अधिक घरों में कनेक्शन दिया जा चुका है. शेष घरों में भी आगामी कुछ दिनों में कनेक्शन दे दिया जाएगा.बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद राजगीर, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी सहित विभाग के सहायक कनीय अभियंता एवं राजगीर नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न होटलों के संचालक  प्रतिनिधि उपस्थित थे.


मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल जीवन हरियाली अभियान के तहत यह योजना गया, बोधगया और राजगीर जैसे शहरों को पेयजल मुहैया कराएगी. इस स्कीम के पहले चरण का बजट 2836 करोड़ रुपये है और इससे गया को 43 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) और राजगीर को सात एमसीएम पानी मुहैया कराया जाएगा. दिसंबर 2019 में कैबिनेट ने इस योजना की मंजूरी दी थी.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज नालंदा के घोड़ा कटोरा पहुंचें जहां उन्होंने गंगा उद्वह योजना का जायज लिया. इस दौरान उन्होंने योजना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी. इस परियोजना की शुरुआत 2019 में की गयी थी. इस परियोजना पर 2836 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है.इस परियोजना के तहत जल संचयन के लिए कुल 350 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है. दिसंबर 2019 में राज्य कैबिनेट ने गंगा जल उद्वह योजना के पहले फेज के लिए 2836 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी. इस योजना का पहला चरण जून 2021 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना संकट और तकनीकी वजहों से इसमें विलंब हुआ. मोकामा के मरांची स्थित गंगा नदी का पानी पाइपलाइन के जरिये गया के मानपुर प्रखंड के अबगीला स्थित खदान में लाया जाएगा.इस योजना के तहत बरसात के मौसम में 4 महीने तक पानी स्टोर किया जाएगा. जिसके बाद उसे प्यूरीफाई कर घरों व अन्य जगहों पर सप्लाई किया जाएगा.


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