शिल्पी नेहा तिर्की ने जनता से सहयोग मांगा

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शिल्पी नेहा तिर्की ने जनता से सहयोग मांगा

आलोक कुमार 

रांची. मांडर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की ने नामांकन कर दिया है. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कांग्रेस कोटे के सभी मंत्री और विधायक भी थे. नामांकन के बाद शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर की जनता से सहयोग की मांग. मालूम हो कि झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस (Congress) में गये विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को तीन वर्ष कैद की सजा पाने के बाद सदस्यता खत्म हुई है.आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा होने के बाद बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी और नियमानुसार वे 6 सालों के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो गए हैं.      

वैसे में मांडर विधानसभा  की सीट खाली हो गयी. उक्त खाली सीट पर उप चुनाव होना है. पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की बेटी शिल्पा नेहा तिर्की को मांडर विधानसभा उप चुनाव में मैदान में उतारा गया हैं. और तो और कांग्रेस ने उसे महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में उतारा है. बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा हुई है जिसके बाद ये सीट खाली हुई थी. 


नामांकन से पहले आज सुबह शिल्पी नेहा तिर्की ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन लिया. उनके साथ उनके पिता बंधु तिर्की भी मौजूद थे. बता दें उनके नामांकन के वक्त कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे मौजूद रहेंगे. दूसरी तरफ झामुमो ने भी कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन किया है. पार्टी के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी को पार्टी का पूरा समर्थन मिलेगा.कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि मांडर से शिल्पी नेहा तिर्की गठबंधन की प्रत्याशी होंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उनके नामांकन में शामिल होंगे.


वर्तमान विधानसभा में जहां सत्ताधारी झामुमो के तीस विधायक हैं वहीं उसकी समर्थक कांग्रेस के कुल 17 विधायक हैं और दूसरी समर्थक पार्टी राजद का एक विधायक है, जबकि मुख्य विपक्षी BJP के कुल 26 विधायक हैं और उसे कम से कम दो अन्य विधायकों के समर्थन का विश्वास है.     


   पिता के संघर्ष को आगे बढ़ायेंगे: शिल्पी

मांडर से कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरु से की है़ उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मार्केटिंग कम्यूनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की पढ़ाई की़ शिल्पी ने कहा कि उनके पिता को एक साजिश के तहत फंसाया गया है. राजनीति में उतरने का मुख्य उद्देश्य पिता के कार्य को आगे बढ़ाना है. वह समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेंगी.झारखंड की राजनीति के खिलाड़ी रहे पिता बंधु तिर्की के चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाने के बाद उनकी राजनीतिक विरासत संभालने के लिए शिल्पी नेहा तिर्की ने फ्लिपकार्ट की नौकरी छोड़ दी और बेंगलुरु से रांची लौट आई. रांची के मांडर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आज शिल्पा नेहा तिर्की नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. बंधु तिर्की ने खुद इसकी जानकारी दी थी और बुधवार (1 जून 2022) देर रात कांग्रेस की ओर से शिल्पा को उम्मीदवार बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा भी कर दी गई. शिल्पी बेंगलुरु में ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में जॉब कर रही थी, जिसे उन्होंने छोड़ दिया है. बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर शिल्पा नेहा तिर्की अभी तक राजनीति से दूर रही हैं और परिस्थितिवश राजनीति में प्रवेश कर रही हैं. राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और झामुमो के रिश्तों में आई कड़वाहट समन्वय समिति बनने से थोड़ी कम हुई है. 


बता दें कि मांडर उपचुनाव का नामांकन की आखिरी तिथि : 06 जून है स्क्रूटनी : 07 जून और नाम वापसी की आखिरी तिथि : 09 जून है.मतदान : 23 जून को और मतगणना : 26 जून को है.


 कांग्रेस और झामुमो के लिए मांडर विधानसभा सीट महत्वपूर्ण है.झारखंड गठन के पूर्व हुए चुनाव में पहली बार बंधु तिर्की चुनाव मैदान में राजद के टिकट पर लड़े.झारखंड गठन के बाद 2005 में मांडर से यूजीडीपी की टिकट पर बंधु तिर्की चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने.2009 में बंधु ने झारखंड जनाधिकार मंच के बैनर तले चुनाव लड़ा और जीता भी.2014 में बंधु तिर्की टीएमसी की टिकट पर उतरे और बीजेपी के गंगोत्री कुजूर से हार गए, पहली बार किसी महिला चुनाव जीती.

2019 के चुनाव में बंधु ने फिर पार्टी बदली और जेवीएम की टिकट पर बीजेपी के देव कुमार धान का हराया.अब 2022 में बंधु तिर्की को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने के बाद बंधु तिर्की भले ही चुनाव नहीं लड़ रहे हो, मगर वे अभी कांग्रेस में हैं. और उन्होंने अपनी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को कांग्रेस से उतार दिया है हालांकि चुनाव मैदान में अप्रत्यक्ष तौर पर बंधु तिर्की ही हैं. बेटी जीत और हार को बंधु तिर्की के जीत और हार के तौर पर देखा जाएगा.


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