अब गवाह पर जानलेवा हमला, कहां है कानून व्यवस्था-माले

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अब गवाह पर जानलेवा हमला, कहां है कानून व्यवस्था-माले

लखनऊ, . भाकपा (माले) ने तिकुनिया किसान हत्याकांड के गवाह व बीकेयू के जिलाध्यक्ष पर लखीमपुर खीरी के गोला क्षेत्र में मंगलवार को हुए जानलेवा हमले की कड़ी निंदा की है. पार्टी ने हमलावरों को अविलंब गिरफ्तार करने और हमले की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी एक बयान में कहा कि पूर्व में भी तिकुनिया कांड के गवाहों पर हमले हो चुके हैं. ताजा घटना से सवाल उठना लाजिम है कि प्रदेश में कानून का राज है या अपराधियों का.

उन्होंने कहा कि पहले किसानों की हत्या की साजिश रची गई और इसके मास्टरमाइंड सत्तारूढ़ दल के केंद्रीय मंत्री व उनके पुत्र को बचाने के लिए अब गवाहों को ही खत्म करने की साजिश की जा रही है. प्रदेश सरकार पीड़ित किसान परिवारों को न्याय दिलाने की जगह हाई प्रोफाइल अभियुक्तों के पक्ष में झुकी दिखती है. इससे यूपी में किसी अन्य राज्य की तुलना में कानून व्यवस्था श्रेष्ठ होने के मुख्यमंत्री योगी के बड़बोलेपन की असलियत उजागर होती है.


माले नेता ने घटनाक्रम जोड़ते हुए कहा कि गत तीन अक्टूबर को तिकुनिया कांड में चार किसानों और एक पत्रकार की गाड़ी से कुचलकर हत्या हुई. मुख्य अभियुक्त मंत्रिपुत्र आशीष मिश्रा आधे-अधूरे तथ्यों के आधार पर हाइकोर्ट से जमानत पाकर बाहर आता है. फिर गवाहों पर हमले होते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से जमानत खारिज होने पर मंत्रिपुत्र मूंछों पर ताव देते हुए समर्पण करने जाता है, मानो कह रहा हो, कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता. जेल में हत्यारोपी को तीन सितारा सुविधाएं दी जाती हैं. फिर गवाह दिलबाग सिंह (बीकेयू जिलाध्यक्ष) पर बाइक सवार हमलावर उस समय फायरिंग करते हैं, जब वे रात में अपनी कार से जा रहे होते हैं. शुक्र है कि वे बाल-बाल बच गए. यह दिखाता है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था गर्त में जा चुकी है और अपराधियों की ही तूती बोल रही है.


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