आरसीपी सिंह के बारे में निर्णय नहीं

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आरसीपी सिंह के बारे में निर्णय नहीं

आलोक कुमार

पटना.जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और वर्तमान पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बीच रिश्ता छत्तीस का बनकर रह गया है.जेडीयू के अन्य सदस्यों के साथ ललन बाबू का रिश्ता तेतीस का रहने के कारण किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए ललन सिंह ने पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में हेगड़े के नाम की घोषणा की.पार्टी के पास अपने कोटे के तहत एक सीट है, लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार इस मुद्दे से दूर रह रहे हैं, उससे लगता है कि उन्होंने आरसीपी सिंह के भाग्य का फैसला करने की जिम्मेदारी ललन सिंह को दे दी है.

वहीं ललन सिंह और आरसीपी सिंह के संबंधों में तब से खटास देखी जा रही है जब जेडीयू के अध्यक्ष रहते आरसीपी सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट विस्तार के दौरान खुद के लिए एक मंत्री पद ले लिया था.पार्टी ने उन्हें बीजेपी के साथ दो कैबिनेट और दो राज्य स्तर के मंत्री पद के लिए बातचीत करने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन सिंह ने खुद अकेले मंत्री बनने का फैसला किया.


उस मौके पर ललन सिंह की नजर नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने पर भी थी.सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने ललन सिंह को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दे दिया था.ऐसे में अब राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार का फैसला सीधे ललन सिंह के हाथ में होने से आरसीपी सिंह का दोबारा उच्च सदन जाना आसान नहीं माना जा रहा है.

आरसीपी सिंह के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि कितने विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं.अगर वह शीर्ष नेतृत्व के सामने अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हो जाते हैं, तो वह नीतीश कुमार और ललन सिंह के साथ राज्यसभा सीट के लिए सौदेबाजी करने की स्थिति में हो सकते हैं.

इस बीच जदयू से राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर किस्म-किस्म के कयासों के बीच केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह  मुख्यमंत्री से मिले.मुलाकात के बारे में आरसीपी सिंह ने कुछ भी बताने से इनकार दिया. वह लगभग एक घंटे तक मुख्यमंत्री आवास में रहे. यह कहा जा रहा कि मुख्यमंत्री के साथ उनकी मुलाकात में राज्यसभा की उम्मीदवारी के बारे में उन्हें दल के स्टैंड से अवगत करा दिया गया है. आरसीपी सिंह के मुख्यमंत्री आवास पहुंचने के लगभग आधे घंटे बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. ऐसी सूचना है कि मुख्यमंत्री व जदयू प्रदेश अध्यक्ष के साथ आरसीपी सिंह की कुछ देर चर्चा हुई. इसके बाद आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री आवास से निकल गए.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आरसीपी सिंह  के राज्यसभा  टिकट पर फैसला नहीं लिया जा सका है. आरसीपी सिंह और उनके समर्थकों की निगाहें अब नीतीश कुमार पर टिकी हैं. आरसीपी सिंह की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों ने भी सीएम नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है. इस बीच दिल्ली से पटना लौटे सिंह ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि राज्यसभा भेजना सीएम के हाथ में है.

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