अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय का प्रयास नहीं

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अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय का प्रयास नहीं

आलोक कुमार

बिहार सरकार आवासीय भूमिहीनों को आठ डिसमिल जमीन उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़संकल्प है.सरकार के दृढ़संकल्प को धरती पर उतारने का दायित्व अधिकारियों पर है.इन अधिकारियों के द्वारा कटिहार और पश्चिम चंपारण जिले के आवासीय भूमिहीन अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय को गड्ढे में जमीन उपलब्ध कराकर अपना दायित्व निर्वाह कर दिये हैं. दोनों जिले उपमुख्यमंत्री के गृह जिले से संबंधित है.कटिहार जिले में उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद और पश्चिम चम्पारण उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का गृह जिले हैं. दोनों उपमुख्यमंत्री गड्ढे में जमीन पाने के पक्ष में उतरकर परेशान अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय दिलाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद के गृह जिले कटिहार जिले के समेली प्रखंड में डूमर ग्राम पंचायत में है. इस डूमर ग्राम पंचायत में बकिया मुसहरी है.जो वार्ड नम्बर-12 में पड़ता है.इस वार्ड में महादलित मुसहर समुदाय का दबदबा है.इसके कारण अनुसूचित जाति के महादलित मुसहर समुदाय के लोग ही वार्ड सदस्य बनते हैं. जब रामलाल ऋषि नामक महादलित वार्ड सदस्य थे तो उनके ही कार्यकाल में 12 महादलितों को 3 डिसमिल आवासीय भूमि मिली थी.दुर्भाग्य से भूमि मालिक और अंचल पदाधिकारी ने महादलितों को अंधकार में रखकर रजिस्ट्री कर दिए.वह भूमि गड्ढे में है.उस भूमि का सतह नीचे रहने के कारण उस पर हमेशा जलजमाव बना रहता है. उस भूमि पर आवास बनाना तो महादलितों को आकाश से तारा तोड़ लाने लायक है. इस समय वार्ड नम्बर-12 के वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि हैं.कहते हैं कि बिहार सरकार की संकल्प संख्या 01(8) रा.01. 01. 2010 से निर्गत बिहार महादलित विकास योजनान्तर्गत रैयती भूमि की क्रय की नीति,2000 के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा 3 डिसमिल (तीन) डिसमिल जमीन स्थायी बंदोबस्ती करके विक्रेता प्रथम पक्ष श्री प्रसन्न झा पिता स्व.गंगाधर झा सा. सलेमपुर,थाना फलका,जिला कटिहार.क्रेता द्वितीय पक्ष राजीव नयन पांडेय,अंचल पदाधिकारी,समेली,कटिहार.क्रेता तृतीय पक्ष झबरी देवी पति मुकेष ऋषि, अनीता देवी पति अरूण ऋषि, ममता देवी पति मुकेष ऋषि,डोली देवी पति अषोक ऋषि,गीता देवी पति सुधीर ऋषि, मुस्मात रेखा देवी पति स्व. बौकु ऋषि, अझीया देवी पति बहादूर ऋषि,अभुनिया देवी पति संतोष ऋषि,चंचल देवी पति राधे ऋषि,लगिया देवी पति खनतर ऋषि, नाजो देवी पति कारेलाल ऋषि और लुखड़ी देवी पति हीरालाल ऋषि को 0.03 डिसमिल जमीन दी गयी. इसके बाद सभी महादलित मालगुजारी रसीद कटवाते हैं.मौजा बखरी, थाना नं.262,खाता नं. 93,खेसरा 358, रकवा 0.03 डिसमिल और थाना कोढ़ा है.अभी तक सीमांकन नहीं किया गया है. दुर्भाग्य है कि उक्त जमीन का सीमांकन 12 साल के बाद भी नहीं हो सका है.इस संदर्भ में स्वमसेवी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा गठित कम्युनिटी बेस ऑर्गनाइजेशन (सीबीओ) की बैठक में जमीन का सीमांकन नहीं होने का अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय के लोगों ने मुद्दा उठाया. इसके बाद समेली प्रखंड सह अंचल कार्यालय में 13 जून 2018 को 12 आवासीय भूमिहीनों ने सीमांकन करवाने का आवेदन तैयार करके दिये थे.इसके चार साल के बाद भी सीमांकन नहीं किया गया.सीमांकन करने में विलम्ब होने पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गयी.तब यह बताया गया कि 25 फरवरी 2019 को सीमांकन होगा.परन्तु आजतक सीमांकन नहीं होने की खबर है. इसी तरह उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के गृह क्षेत्र पश्चिम चंपारण के अनुसूचित जाति के मुसहर समुदाय का हाल है.यहां पर उक्त समुदाय के लोग भगवानपुर पंचायत में रहते थे.2003 में गंडक नदी के प्रलयंकारी बाढ़ आने के बाद भगवानपुर पंचायत के 39 परिवारों का आशियाना गंडक नदी में विलीन हो गया.इस क्षेत्र में कार्यशील सामाजिक कार्यकर्ता व जेपी सेनानी पंकज को सदमा लगा.उन्होंने प्रण किया कि गंडक नदी में तिनका जोड़ जोड़ कर आशियाना खोने वालों को तिनके का सहारा बनेंगे. डूबते को तिनके का सहारा लोकोक्ति को धरातल पर उतारने के लिए आशियाना विहीन लोगों के समर्थन में उतरकर बासगीत पर्चाधारियों को उपयुक्त जमीन दिलवाने के प्रयास में लग गये.2007 से लगातार सरकार और जिला प्रशासन के समक्ष गुहार लगाते लगाते थकहार जाने के बाद जिला प्रशासन ने 2011 में जमीन दी. बताया जाता है कि जेपी सेनानी पंकज के नेतृत्व में संघर्ष आरंभ किया गया.करीब चार वर्ष संघर्ष करने के बाद प्रशासन की ओर से 2011 में क्रय नीति के तहत गड्ढे की जमीन खरीदी गई और कटाव पीड़ितों को आवंटित कर दिया गया. उस जमीन को देखकर कटाव पीड़ित मायूस हो गए.जेपी सेनानी पंकज ने बताया कि कटाव पीड़ितों के लिए जो भूमि आवंटित की गई. उस भूमि में बरसात के दिनों में आठ से दस फीट पानी जम जाता है. कटाव पीडित ननक मांझी ने बताया कि डीएम और अन्य अधिकारियों को कई बार आवेदन दिया गया. लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की.एक बार फिर जेपी सेनानी पंकज के नेतृत्व में फिर संघर्ष आरंभ किया गया है.इसका सार्थक परिणाम सामने आया है. पश्चिम चम्पारण जिले में भूमिहीनों को गड्ढे वाली भूमि दी गयी थी.उस भूमि को मनरेगा के तहत भरकर भूमिहीन पर्चाधारियों को बसाने का निर्देश दिया गया.पिछले 19 वर्ष से खानाबदोश की जीवन जी रहे गंडक नदी के कटाव पीड़ित 39 परिवारों की जिदगी बेहतर बनाने के लिए डीडीसी अनिल कुमार ने पहल की है.दर्जनों बार अधिकारियों से फरियाद कर चुके कटाव पीड़ित एक तरह से निराश हो चुके थे.डीडीसी नौतन पहुंचे और कटाव पीड़ितों के लिए डबरिया में आवंटित वासगीत भूमि का निरीक्षण किया.निरीक्षण करने के लिए पहुंचे डीडीसी ने कहा कि इस गड्ढानूमा भूमि पर गरीब कैसे आशियाना बना सकते हैं. अगर यहां आशियाना बनाते भी हैं तो बरसात के दिनों में फिर इन्हें बेघर होना पड़ेगा.सो, पहले मनरेगा योजना से गड्ढानूमा इस भूमि को भरवाएं, फिर इन्हें कब्जा दिलाएं.मौके पर बीडीओ निभा कुमारी, सीओ भास्कर और पीओ कुमार चंन्द्रशेखर, जेपी सेनानी पंकज समेत कटाव पीड़ित ननक मांझी, मनोज मांझी, सरोज मांझी, बाबूलाल मांझी, हीरालाल मांझी आदि उपस्थित थे. इस बीच डीडीसी ने विकास कार्यों की समीक्षा की नौतन प्रखंड कार्यालय में पहुंचे डीडीसी ने विकास कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने पीएम आवास योजना की प्रगति की जानकारी ली. शौचालय की स्थिति के बारे में जाना और विकास कार्यों प्रगति की जानकारी ली.अधिकारियों एवं संबंधित कर्मियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन पारदर्शी ढंग से करने की हिदायत दी. कहा कि शिकायत मिलने पर जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.आवास योजना की प्रगति में तेजी लाने को कहा. जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि बासगीत पर्चाधारी वैसे परिवार जो किन्ही कारणवश अबतक भूमि पर नहीं बसे हैं, उन्हें अविलंब निर्धारित भूमि पर बसाया जाय.उन्होंने कहा कि भगवानपुर गांव के 39 परिवारों को पूर्व में ही बासगीत का पर्चा उपलब्ध कराया गया है लेकिन अबतक वे वहां वास नहीं कर रहे हैं. जिलाधिकारी नौतन प्रखंड के डबरिया गांव स्कूल के समीप स्थलीय निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे. समीक्षा के क्रम में बताया गया कि पूर्व में भगवानपुर गांव के 39 परिवारों को बासगीत का पर्चा उपलब्ध कराया गया था.उन्हें लगभग एक एकड़ में वास स्थल मुहैया कराने के लिए जमीन का क्रय किया गया.उक्त जमीन समतल नहीं होने के कारण अबतक उपयोग में नहीं है.जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि मनरेगा के तहत उक्त जमीन का समतलीकरण करते हुए संबंधित पर्चाधारियों को अविलंब बसाया जाय.साथ ही निर्देश दिया गया कि वास भूमि के लिए दी जाने वाली जमीन उपर्युक्त होनी चाहिए, इसका पूर्व में ही अच्छे तरीके से जांच-पड़ताल कर लिया जाय.कार्यपालक अभियंता, मनरेगा द्वारा बताया गया कि निदेशानुसार जमीन की मापी करायी जा रही है. मापी कराने के उपरांत तुरंत ही मिट्टी भराई का कार्य प्रारंभ करते हुए तीव्र गति से कार्य सम्पन्न करा लिया जायेगा.इस अवसर पर एसडीएम, बेतिया, श्री विनोद कुमार, नौतन के बीडीओ, सीओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे. जिले में भूमिहीनों को आवास की चाहत में दो साल बीत गए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो वर्ष पूर्व 11 सौ से अधिक भूमिहीन चिह्नित किए गए थे. उन्हें आवास दिलाने के लिए जिला ग्रामीण विकास विभाग की ओर से पहल भी की गई.प्रावधान के अनुसार चयनित भूमिहीनों को भूमि खरीदारी के लिए भी राशि मुहैया कराई जाती है. इसमें प्रतीक्षा सूची में शामिल भूमिहीनों को या तो अंचल की ओर से जमीन आवंटित कराई जाती है या फिर जमीन की खरीद के लिए रिपोर्ट जिले को भेजने की जरूरत होती है. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अब तक किसी भी अंचल से रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. जिला स्तर पर इसकी खरीदारी के लिए पहल की जा सके.ऐसे अंचलों से इस बात का रिपोर्ट देने को कहा गया था कि उनके जमीन खरीद के लिए कोई पहल की गई. ऐसे में भूमिहीनों को आज भी आवास की प्रतीक्षा हैं.इधर उप विकास आयुक्त के स्तर से संबंधित अंचलों के सीओ को इस बाबत रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.हालांकि जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण योजनान्तर्गत अब तक कुल 125757 परिवारों के लिए आवास स्वीकृत करते हुए 107977 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं, जो स्वीकृति का 85.88 प्रतिशत है.गत वर्ष के लंबित आवासों में से वर्तमान वित्तीय वर्ष में 15343 आवास पूर्ण किए गए हैं.जिलान्तर्गत कुल 82198 छुटे हुए योग्य परिवारों के नाम आवास ऐप प्लस के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की प्रतिक्षा सूची में हैं.

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