सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है बिहार एनडीए में.

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सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है बिहार एनडीए में.

  आलोक कुमार

पटना.सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है बिहार एनडीए में.पटना से उत्तर प्रदेश का सफर आसान और आरामदायक बनाने वाला कोईलवर पुल का उद्घाटन होने के पूर्व आरा से पटना तक पोस्‍टर लगाया गया था.उन पोस्टरों में 17 साल से मुख्यमंत्री पद पर आसीन नीतीश कुमार की तस्‍वीर नहीं था.इसके बाद पटना नगर निगम कर्मियों के द्वारा मुख्यमंत्री का उपेक्षित करने वाले पोस्टरों को हटाया गया.इसके बाद दूसरा पोस्टर लगाया गया.जिसमें मुख्यमंत्री की तस्वीर थी.फिर उद्घाटन समारोह के दौरान नीतीश कुमार को आमंत्रण न भेजने पर सवाल उठे.


उदघाटन समारोह को लेकर पटना औऱ आरा के कई स्थानों पर होर्डिंग पोस्टर लगाए गए थे. होर्डिंग-पोस्टर को देखकर उद्घाटन कार्यक्रम पूरी तरह BJP का कार्यक्रम लग रहा था. सरकारी कार्यक्रम के पोस्टर से राज्य के CM नीतीश कुमार को गायब कर दिया गया था. इसमें नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी, आरके सिंह की बड़ी तस्वीर थी. वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्‌डा, बिहार के पथ परिवहन मंत्री नितिन नवीन और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को भी जगह दी गई थी. बाद में जेडीयू नेताओं ने आपत्ति जतायी तो उद्घाटन समारोह के विज्ञापन में नीतीश कुमार की तस्वीर लगायी गयी थी. 


 266 करोड़ की लागत से एनएच-30 (922) के कोईलवर में सोन नदी पर बने डाउनस्ट्रीम 3 लेन पुल के उद्घाटन समारोह में सीएम को नहीं बुलाने और पोस्टर में जगह नहीं देने पर बिहार की राजनीति गरमा गयी थी. बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते को लेकर भी सवाल उठने लगे थे. विपक्ष इसको लेकर एनडीए पर तंज कस रहा था. ऐसे में आखिरकार पुराने पोस्टर को हटाया गया और नए पोस्टर लगा गए. जिसमें अब नीतीश कुमार की तस्वीर लगाई गई.             



इस पुल का उद्घाटन के समय रही कसर  केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पूरा कर दिया. बिहार के मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद!

 ऐसा केंद्रीय परिवहन और सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है. मौका था बिहार में पटना और भोजपुर जिले के बीच सोन नदी पर बने कोइलवर पुल के 3 लेन के उद्घाटन का.केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया. उद्घाटन समारोह में बिहार के दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़ी थीं. अपने संबोधन में गडकरी ने कार्यक्रम में शामिल गणमान्य लोगों का नाम लेना शुरू किया.'मेरे सहयोगी आदरणीय आर के सिंह जी, दूसरे सहयोगी अश्विनी कुमार जी, मेरे विभाग के मंत्री डॉ. वी के सिंह जी, बिहार विधान परिषद के चेयरमैन अवधेश नारायण सिंह जी, बिहार के मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जी, हमारी उपमुख्यमंत्री श्रीमति रेणु देवी जी.' इसके बाद उन्होंने अन्य अतिथियों के नामों का उल्लेख किया लेकिन तब तक लोगों में मुख्यमंत्री के नाम को चर्चा शुरू हो गयी थी. लोग इसे लेकर अपनी-अपनी दलील दे रहे थे. कुछ लोग हैरान थे क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री के नाम लेकर इस प्रकार की स्थिति गले नहीं उतर रही थी. केंद्रीय मंत्री अपना संबोधन जारी रखे हुए थे. केंद्र सरकार के कार्यों का लेखाजोखा लोगों के सामने रख रहे थे.

उद्घाटन समारोह के दौरान अपने संबोधन में नितिन गडकरी ने 6 लेन के कोइलवर पुल का सारा श्रेय आरा से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री आर के सिंह को दिया. गडकरी ने कहा कि आर के सिंह की बार-बार की मांग के बाद उन्होंने पुल बनाने की मंजूरी दी. नितिन गडकरी ने कहा कि वे बिहार की सडकों को अमेरिका से भी बेहतर बना देंगे. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बिहार में सड़कों के निर्माण का सारा श्रेय केंद्र की सरकार को दिया.


पुल का उद्घाटन वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए किया गया.उनके समीप कोई नहीं था.अगर कोई रहते तो उनके संबोधन में सुधार करवा देते. उन्‍होंने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की जगह मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कहकर संबोधित कर दिया था. यह गलती से हुई गलती है या जान बूझकर दिया गया संदेश ये तो वक्‍त बताएगा, लेकिन इन दिनों एनडीए गठबंधन के दोनों घटक दलों के बीच तालमेल कुछ ठीक तो नजर नहीं आ रहा है.

बिहार की राजनीतिक फिजा में चर्चा शुरू हो गई.हालांकि जेडीयू ने पटना से आरा तक तक लगे पोस्‍टर में नीतीश कुमार को समारोह का आमंत्रण न दिए पर तो सफाई दे दी है, लेकिन आरजेडी के नेताओं को निमंत्रण भेजने और उन्‍हें शामिल करने पर जेडीयू और बीजेपी दोनों की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आनी बाकी है. इसपर विपक्षी दल आरजेडी ने भी तंज कसा है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी की मंशा साफ हो गई है और अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पत्ता साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जिस तरह से कोईलवर पुल उद्धाटन को लेकर के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम पोस्टर और कार्ड से हटाया. फिर जब इस मामले ने तुल पकड़ा तो आनन-फानन में पथ मिर्माण विभाग के पोस्टर पर मुख्यमंत्री के चेहरा दिया गया.                       

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कोई आम नेता तो हैं नहीं और न ही इतने हल्‍के नेता जिनकी जुबान फिसल जाए और वो बिना माफी मांगे आगे बढ़ जाएं. दरअसल, ये चुनावी भाषण नहीं था और नितिन गडकरी तमाम नेताओं का अभिवादन कर रहे थे.खास बात ये है कि उन्‍होंने तारकिशोर प्रसाद का नाम लेने के बाद इस भूल को सुधारा भी नहीं. गडकरी ने अपना भाषण दिया, लेकिन इस भूल का सुधार नहीं किया.माना जा रहा है ये गलती जानबूझकर ही की गई थी.  


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