जब सीएम नीतीश भी सोच में पड़ गए...

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जब सीएम नीतीश भी सोच में पड़ गए...

आलोक कुमार

नालंदा.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को गृह क्षेत्र नालंदा  में थे. मंजू सिन्हा पटना में एक स्कूल टीचर थीं. दोनों की 1973 में शादी हुई थी.मंजू का 2007 में निधन हो गया.अपनी पत्नी स्वर्गीय मंजू सिन्हा की 16वीं पुण्यतिथि के मौके पर कल्याण बिगहा गांव पहुंचे थे.अपनी पत्नी स्वर्गीय मंजू सिन्हा की प्रतिमा पर मार्ल्यापण किये.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांव में रह रहे अपने पुराने साथियों से भी मिले. इसके बाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याण बिगहा पहुंचकर लोगों की जन समस्याओं को सुना और उसपर अमल का भरोसा दिया.इस बीच उत्क्रमित मध्य विद्यालय कल्याण बिगहा में जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुन रहे थे.तभी भीड़ से अचनाक एक अवाज सुनाई देती है.11 साल का एक बच्चा कहता है सर. सुनिए न प्रणाम! थोड़ी देर के लिए सीएम नीतीश भी सोच में पड़ गए कि ये बच्चा क्या कहेगा?        

                                  

 मुस्कुराते हुए सीएम नीतीश बोलते हैं, हां.  बोलो.बच्चे ने हाथ जोड़कर जो कहा उसे सुनकर सीएम नीतीश कुमार भी हैरान हो गए.वहां मौजूद अधिकारी भी सोचने को मजबूर हो गए कि जो बात आजतक हमलोग नहीं कह पाए, वो बात इस बच्चे ने सीएम से कह दी. बच्चे की फरियाद सुन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चे की समस्या का हल हो.     

                                   

सीएम नीतीश कुमार के सामने खोल खोलने वाले बच्चे का नाम सोनू है. वह हरनौत प्रखंड के नीमा कौल गांव का रहने वाला है. उसके पिता रणविजय यादव दही की दुकान चलाते हैं. सोनू ने जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर कहा कि उसके पिता दुकान से जो भी कमाते हैं, उसका उपयोग शराब पीने में लगा देते हैं.इसके बाद जो सोनू ने कहा उसके बारे में न तो नीतीश कुमार सोचे होंगे, न ही वहां मौजूद अधिकारी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आंखों में आंखे डालकर सोनू ने शिक्षा की बदहाली की बात बताई. सोनू ने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है.इस लिए किसी निजी स्कूल में नाम लिखवा दीजिए. पढ़ लिखकर आईएएस-आईपीएस बनना चाहते है, आप कुछ कीजिए. सोनू की बात सुनकर सीएम नीतीश ने तुरंत वहां मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसकी समस्या का समाधान किया जाए.बता दें कि सोनू कुमार छठी कक्षा में पढ़ाई करता है. 5वीं कक्षा तक के 40 बच्चों को ट्यूशन देकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकालता है.


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