जनता के पास जाने का समय आ गया है-प्रशांत

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जनता के पास जाने का समय आ गया है-प्रशांत

आलोक कुमार

पटना.चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार की शुरुआत एक ट्वीट के साथ की है, जिसमें बमुश्किल संकेत दिया गया है कि कांग्रेस पार्टी में शामिल होने और पार्टी में बदलाव के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत टूटने के बाद अब उनका अगला कदम क्या होगा? पीके ने इशारों ही इशारों में नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं.प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है, 'अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए 'रियल मास्टर' यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से.''                          

इस पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सह राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा है कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है.इस एक ट्वीट से प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ गयी थी.


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बीना नाम लिये तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. हलांकि उन्होंने मुख्यधारा के चार दलों में कौन-कौन सी पार्टी है, इसका जिक्र नहीं किया.

                                                                                    

लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, इसलिए देश में सैकड़ो दल पहले से हैं.अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा?     

                                          

जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी  की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है,लेकिन करोड़ों लोगों की आकांक्षा पर खरे उतरने वाली राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है.जिनको वर्षों तक अलग-अलग पार्टी के साथ अलग-अलग राज्यों में काम के बावजूद जनता के मुद्दे समझ में नहीं आये, वे अब अकेले क्या तीर मार लेंगे?         .                           

इसी बात पर बक्सर जिले के दिवाकर दूबे ने ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री से कहा कि आप ही के ट्वीट के कमेंट बॉक्स में एक पोल लगा रहा हूँ. जाहिर है आपसे जो लोग जुड़े हैं, कैसे भी हों वो आपके चाहने/पसन्द करने वाले ही होंगे.और इस पोल में अधिकतर वे लोग ही भाग लेंगे.फिर भी...देखा जाए...

दोनों में  से आप किसके हाथ में बिहार की बागडोर देखना पसंद करेंगे? इस पोल में सुशील मोदी को 19 और            प्रशांत किशोर को 81 मत प्राप्त हुआ.    


बता दे कि प्रशांत किशोर पीएम नरेंद्र मोदी, बिहार के सीएम नीतीश, जगनमोहन रेड्डी, अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस, प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कई पार्टियों के लिए चुनाव में रणनीति बना चुके हैं. चार साल पहले उनका संक्षिप्त राजनीतिक कार्यकाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल के साथ शुरू हुआ था. तब उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था  लेकिन 16 महीने बाद ही उन्होंने मतभेद के बाद पार्टी छोड़ दी थी.


इस बीच पीके का यह संदेश ट्विटर पर कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को खारिज करने के ऐलान के एक सप्ताह बाद आया है. पिछले संदेश में उन्होंने 2024 के आम चुनावों के लिए काम करने वाली कांग्रेस समिति के सदस्य के रूप में बोर्ड में आने के लिए कांग्रेस का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था. सूत्रों ने कहा कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में बड़े धमाकेदार बदलाव लाने के लिए फ्री हैंड चाहते थे, जिसे कांग्रेस ने खारिज कर दिया था.         


'बिहार में चलेगा तेजस्वी माडल'


प्रशांत किशोर के राजनीति में सक्रिय एंट्री के ऐलान के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. राजद ने कहा है कि पीके राजनीतिक दलों के लिए काम किया है.चुनावी रणनीतिकार हैं. सबको अधिकार है यात्रा निकालने का.लेकिन बिहार में तेजस्वी का जादू चल रहा और यहां तेजस्वी माडल ही चलेगा. किसी के आने से फर्क नहीं पड़ता है. तेजस्वी को जनता का प्यार हासिल है.बिहार जनता दल ने विधानसभा चुनाव में जनता ने प्यार दिया. उनके माडल ही बिहार में चलेगा.बिहार के लोग राजनीतिक समझ ज्यादा रखते हैं.


बीजेपी प्रवक्ता बिनोद शर्मा ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा कि अब उन पर कोई राजनीतिक दल भरोसा नहीं करता है.किसी भी राजनीतिक दल का मंडल प्रमुख की सूझबुझ भी पीके से ज्यादा है.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीके फिलहाल बेरोजगार हैं, उन्हें जन सुराज नहीं बेरोजगारी यात्रा पर निकलना चाहिए था.


जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा जन सुराज- हर किसी को यात्रा निकालने का अधिकारी है.बिहार में कितनी यात्राएं निकली हैं तो वो भी निकाल रहे हैं.पीके का पूरा कार्यक्रम आने के बाद ही जदयू कोई प्रतिक्रिया दे पाएगी. वहीं जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि प्रशांत किशोर पहले भी बिहार में अपना कार्यक्रम लॉन्च कर चुके हैं. लेकिन उसके बाद उनकी गतिविधि बिहार में बंद हो गई थी. लेकिन बिहार में सीएम नीतीश के नेतृत्व में एनडीए बेहतर काम कर रही है और 2025 तक नीतीश कुमार नेतृत्व करते रहेंगे. 


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