गौतम शर्मा
बतौर प्रधानमंत्री पंडित नेहरू इलाहाबाद आने वाले हैं . यह खबर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों को मिलती है . छात्र और यूनिवर्सिटी प्रशासन किसी मुद्दे पर आमने-सामने है . इंटेल जिला प्रशासन को इन छात्रों को आनंद भवन से दूर रखने को आदेश देता है .अल सुबह करीब 3 बजे पंडित नेहरू को कुछ शोर सुनाई देता है . आनंद भवन के गलियारे मे खड़े हो नेहरू गेट पर खडे सुरक्षा अधिकारी से पूछते हैं 'कौन हैं ये लोग' . सुरक्षा अधिकारी जवाब देता है 'सर ऐसे ही यूनिवर्सिटी के उदंड छात्र हैं आप आराम करिए . हम इन्हे देख लेते हैं .
नेहरू मेन गेट खोल देने को कहते है . सुबह के 3 बजे प्रधानमंत्री और छात्रों के बीच मीटिंग होती है . 4 बजे पुरा आनंद भवन पंडित नेहरू जिंदाबाद के नारों से गूँज जाता है .नेहरू छात्रों के नेता से नाम पूछते हैं . जवाब मिलता है चंद्रशेखर . आप लोग कांग्रेस मे शामिल हो जाइये . जवाब मिलता है समाजवादी हैं . नेहरू मुस्कुराते हुए कंधे पर हाथ रख देते हैं .
नेहरू के मृत्यु के बाद चंद्रशेखर 67 मे कांग्रेस ज्वाइन करते हैं . इंदिरा गाँधी पूछती हैं आप तो समाजवादी हैं फिर कांग्रेस क्यों . चंद्रशेखर जवाब देते हैं 'मै कांग्रेस को समाजवादी बना दूँगा' . अगर आप ऐसा नही कर पाए तो ? फिर मै कांग्रेस को तोड़ दूँगा .
सिण्डिकेट कांग्रेस इंदिरा को खत्म करना चाहते हैं . इंदिरा 'युवा तुर्को' को कमान सौपती हैं . चंद्रशेखर 69 कांग्रेस कार्यसमिति मे बैंको का राष्ट्रीयकरण का प्रस्ताव देते हैं . सिण्डिकेट समाजवादी कांग्रेस से हार जाते है . बैंको के दरवाजे आम लोगों के लिए खुल जाते हैं .
1976 42वें संविधान संसोधन मे इंदिरा भारतीय संविधान के प्रस्तावना मे 'समाजवादी ' शब्द जोड़ भारत के नागरिकों को 'अवसर की समानता' की गारंटी देती हैं .आज चंद्रशेखर ज़ी की 95वें जयंती है . हम उन्हें नमन करते हैं .फ़ेसबुक से साभार
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