उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद

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उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद

आलोक कुमार

पटना.बिहार में स्थानीय निकाय से विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव के लिए मतदान आज शांतिपूर्वक संपन्न हो गया और इस दौरान 97.84 प्रतिशत वोट पड़े.इस चुनाव में आम जनता नहीं बल्कि जन प्रतिनिधियों द्वारा मतदान किया जाता है. इन मतदाताओं में वार्ड मेंबर, पंचायत समिति और उनके सदस्य, मुखिया, जिला परिषद सदस्य, नगर निकाय और नगर निगम के प्रतिनिधि, विधायक, विधान पार्षद और सांसदों का नाम शामिल रहता है.इनमें प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, प्रदेश से राज्य सभा के सभी सदस्यों, विधायकों और अन्य विधान पार्षदों ने अपने-अपने बूथ पर वोट डाले.


राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच.आर.श्रीनिवास ने बताया कि मतदान सुबह आठ बजे से शुरू और शाम चार बजे शांतिपूर्वक समाप्त हो गया.बिहार विधान परिषद के लिए हो रहे चुनाव में शाम 4 बजे तक 97.84 प्रतिशत वोटिंग हुई है. इसी के साथ 24 सीटों पर मतदान खत्म हो गया. विधान परिषद के लिए 534 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए. इस बार 185 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.मतदान के दौरान कुल आठ शिकायतें आई थीं. जिनकी जांच कर निराकरण किया गया. वहीं पटना में एक विधायक गोपाल रविदास के खिलाफ फुलवारी में मामला दर्ज किया गया तो कटिहार में दो विधायकों पर मामला दर्ज हुआ. इस चुनाव को लेकर 200 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था. जांच में तीन नामांकन पत्र अवैध पाए गए थे. 10 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया था. मतदान के लिए 534 बूथ बनाए गए हैं. चुनाव में एनडीए की ओर से सभी 24 सीटों पर प्रत्याशी उतारे गये हैं, जिनमें बीजेपी के 12 प्रत्याशी, जेडीयू के 11 प्रत्याशी हैं. एनडीए की ओर से रालोसपा को एक सीट दी गई है. उधर, आरजेडी ने 23 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि एक सीट उसने सीपीआई को दी है. इस चुनाव में कुल 1,34,106 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. जिसमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है. विधान परिषद चुनाव में 69360 महिला मतदाता हैं.इसके अलावा 62747 पुरुष मतदाता हैं. अन्य मतदाताओं की संख्या 9 है.


श्री श्रीनिवास ने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल ; राजद के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह का नाम मतदाता सूची में नहीं होने के कारण वह वोट नहीं डाल सके.उन्होंने कहा कि श्री सिंह ने इस संबंध में आयोग को लिखित शिकायत भी की है,जिस पर जांच की जाएगी.



जानकारी के अनुसार फलका (कटिहार) फलका प्रखंड मुख्यालय में स्थानीय प्राधिकार के तहत विधान परिषद का चुनाव चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ. फलका में सौ फीसद मतदान हुआ. चुनाव के लिए फलका अंचल कार्यालय में मतदान केंद्र बनाया गया था जहां सुबह 8.10 बजे मतदान का कार्य प्रारंभ हुआ.मुजफ्फरपुर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य के लिए सोमवार को भारी मतदान हुआ. मुजफ्फरपुर में 99.49 प्रतिशत मतदान हुआ. 17 में से पांच बूथों पर सौ प्रतिशत मतदान हुआ. शाम चार बजे मतदान समाप्त हो गया. इस तरह छह उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटी में बंद हो गया. विधान परिषद चुनाव को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जिले के 39 जगहों पर सीमाएं सील कर दी गई थी. सभी जगहों पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों द्वारा आने-जाने वालों की जांच की जा रही थी. बता दें कि मतदान के लिए जिले में 17 मतदान केंद्र बनाए गए थे. इसमें नगर निगम क्षेत्र में एक और सभी सोलह प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय में एक-एक मतदान केंद्र बनाए गए थे. इस चुनाव के लिए जिले में कुल 6107 मतदाता हैं, जिनमें से 6076 मतदाताओं ने मतदान किया. जिसमें 3168 महिला मतदाता और 2908 पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया है. वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो 99.49 प्रतिशत मुजफ्फरपुर में कुल मतदान हुआ. मतदान मतपेटिका एवं मतपत्र से हुई.समय सीमा समाप्त होने के बाद सभी मत बेटियों को सील कर बज्रगृह में भेज दिया गया. मतदान के बाद मतों की गिनती सात अप्रैल को की जाएगी.


इस चुनाव में पटना - 98.02 ,नालंदा - 99.33 ,गया-जहानाबाद-अरवल - 99.57,औरंगाबाद - 99.8 ,नवादा - 99.54 ,भोजपुर-बक्सर - 99 ,रोहतास-कैमूर - 99.49 ,सारण - 94 ,सिवान - 99.46 ,गोपालगंज - 98.98 ,चं.चंपारण - 98.93 ,पू. चंपारण - 91.7 ,मुजफ्फरपुर - 99.49 ,वैशाली - 99.67,सीतामढ़ी-शिवहर - 99 ,दरभंगा - 99.4 ,समस्तीपुर - 97.99 , मुंगेर-जमुई-लखीसराय-शेखपुरा - 99.34 ,बेगूसराय-खगडिया - 97.86 , सहरसा-मधेपुरा-सुपौल - 98.38 ,भागलपुर-बांका - 99.3 ,मधुबनी - 95.76 ,पूर्णिया-अररिया-किशनगंज - 98.38,कटिहार - 99.


इस समय बिहार विधान परिषद में एनडीए गठबंधन का ही दबदबा है. मौजूदा 51 में से 40 सदस्य एनडीए के हैं. जबकि सदन में सिर्फ 11 विपक्षी दलों के सदस्य हैं, जिनमें राजद के पार्षदों की संख्या 5 है. ऐसी सूरत में राजद के लिए इन 24 सीटों का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं.राजद के लिए यह चुनाव काफी अहम है. चूंकि 75 सदस्यीय सदन में उनके कम से कम 8 सदस्य होने चाहिए, ताकि नेता प्रतिपक्ष का पद सुरक्षित रह सके. एनडीए अगर सभी सीटें हार भी जाती है, फिर भी सदन में उनका दबदबा कायम रहेगा और उनके पास 40 सीटें तो रहेगा ही. हालांकि उसकी सीटें बढ़नी तय है.


राजद की तरफ से इस चुनाव में पूरी ताकत लगाई गयी है, क्योंकि इन्हीं सीटों के आधार पर विधान परिषद में वह अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है. इन 24 सीटों में से अधिकतर भाजपा और जदयू की ही हैं, इसलिए दोनों दल इसे बरकरार रखने की हर संभव कोशिश में हैं. हालांकि बागियों के मैदान में आने के कारण एनडीए की मुश्किलें जरूर बढ़ गई हैं. कांग्रेस और  वीआईपी   के उम्मीदवार आ जाने के बाद कई सीटों पर चुनाव दिलचस्प बन गया है. इस कारण मुकेश सहनी की वीआईपी एनडीए को तो कांग्रेस राजद को नुकसान पहुंचा सकती है.

इस चुनाव के सबसे खास बात यह है कि एनडीए और विपक्ष दोनों के ही गठबंधन के सभी दलों की इसमें भागीदारी नहीं है. एनडीए से केवल भाजपा और जदयू के ही उम्मीदवार मैदान में हैं तो कांग्रेस को राजद ने दूर कर दिया है. कांग्रेस अपने बूते चुनाव लड़ रही है. इधर, एनडीए से लगभग अलग हो चुकी वीआईपी ने भी चुनावी मैदान में अपनी ताकत दिखाने में जुटी हैं. सभी उम्मीदवारों का भविष्य  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ("ईवीएम")  में कैद है.वोटों की गिनती 7 अप्रैल को होगी.


अभी 75 सीट वाली विधान परिषद में दलगत स्थिति यह है भाजपा-15, जदयू-23, वीआईपी-1, हम-1, राजद-5, कांग्रेस-3, वामदल-2 और निर्दलीय-1

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