बिहार एमएलसी का चुनाव

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बिहार एमएलसी का चुनाव

आलोक कुमार

पटना.बिहार विधान परिषद की चुनाव से पहले ही बीजेपी, राजद, जदयू, कांग्रेस आदि ने जीत का दावा किया है.24 सीटों पर सोमवार यानी 4 अप्रैल को बिहार एमएलसी का चुनाव होना है.बिहार विधान परिषद के 24 स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र में 185 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 4 अप्रैल को मतपेटी में बंद हो जाएगा.मतदान के लिए राज्य के सभी 534 प्रखंडों में बूथ स्थापित किये गये हैं.कुल एक लाख 32 हजार 116 मतदाता में 69360 महिला मतदाता, जबकि 62747 पुरुष मतदाता हैं. अन्य मतदाताओं की संख्या सिर्फ नौ है.इस चुनाव का परिणाम 7 अप्रैल को आएगा.इस बार एनडीए की ओर से सभी 24 सीटों में भाजपा के 12 प्रत्याशी, जबकि जदयू के 11 प्रत्याशी हैं. एनडीए की ओर से रालोसपा को एक सीट दी गई है. वहीं राजद ने 23 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि एक सीट उसने सीपीआई को दी है. कांग्रेस की ओर से 24 विधान परिषद सीटों में 16 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्याशी उतारा गया है. राष्ट्रीय पार्टी में सीपीआई ने अपने एक प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है.


इस बीच एनडीए की जीत को लेकर बड़ा दावा किया है. साथ ही विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी खुशी चुनाव के पूर्व तक की ही है.बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर बार चुनाव के पूर्व तक विपक्षी दल खुशी मनाते हैं और चुनाव के बाद हम लोग जश्न मनाते हैं.उन्होंने कहा कि 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में एनडीए की स्थिति को लेकर वे फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.वे इस पर चुनाव परिणाम आने के बाद 7 अप्रैल को अपनी बात रखेंगे. चुनाव को लेकर राजद सहित अन्य दलों के बड़े बड़े दावे करने पर उन्होंने कहा कि ऐसा हर बार होता है कि चुनाव के पहले वे लोग खुशी मनाते हैं और चुनाव के बाद हमलोग. इस बार भी ऐसा ही होगा.


पटना स्थानीय प्राधिकार विधान परिषद के केंद्रीय चुनाव कार्यालय पटना सेंट्रल मॉल में संवादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्याम रजक ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को पूरी तरह से पंगु बना दिया है और पंचायत प्रतिनिधियों के हक अधिकार और उनके सम्मान में कमी करके कहीं न कहीं पंचायती राज व्यवस्था को प्रशासनिक व्यवस्था के अधीन चलाना चाह रही है, जिससे जन प्रतिनिधियों को काम करने में परेशानी हो रही है. जहाँ पूर्व में राजद शासनकाल में पंचायती राज व्यवस्था जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कार्य होता था, और लोगों के बीच काम भी दिखता था. वहीं अब पुरी तरह से व्यवस्था को एक सुनियोजित साजिश के तहत कमजोर किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि विधान परिषद चुनाव में राजद सभी 24 सीटों पर पंचायत प्रतिनिधियों के समर्थन के बल पर राजद की जीत होगी.


बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए 24 सीटों पर 4 अप्रैल को वोट डाला जाना है. इस बार के चुनाव में एनडीए के घटक दल जेडीयू, बीजेपी और पशुपति पारस की आरएलजेपी ने तालमेल के तहत उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी ने एक सीट छोड़ सभी 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए हैं. सीधा मुकाबला आरजेडी और एनडीए के घटक दलों के बीच है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार का मोर्चा खुद संभाल रखा था लेकिन दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रचार से दूरी बना ली थी. इसके बावजूद जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने दावा किया है कि सभी 24 सीटों पर एनडीए की जीत होगी.उमेश कुशवाहा ने खास बातचीत में कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि विकास के पक्षधर हैं और हम लोगों ने जो दौरा किया है, उसमें सभी नीतीश कुमार के विकास कार्य से प्रभावित हैं और उन में आस्था भी जता रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ समावेशी विकास किया है और हम लोगों ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद किया है तो सभी विकास के पक्ष में गोलबंद है. उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सबका साथ सबका विकास चाहते हैं. आत्मनिर्भर भारत को लेकर काम कर रहे हैं. इन सब को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि गोलबंद होकर एनडीए के पक्ष में वोट करेंगे.



कार्ययोजना का संकल्प पत्र जारी करने वालों में राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, पटना स्थानीय प्राधिकार बिहार विधान परिषद के राजद महागठबंधन के प्रत्याशी कार्तिक कुमार, पूर्व विधान पार्षद आजाद गांधी, प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद, पटना जिला अध्यक्ष श्री देवमुनी सिंह यादव, महानगर अध्यक्ष मो. महताब आलम, गुलाम रब्बानी सहित अन्य नेताओं की उपस्थिति में संकल्प पत्र एवं कार्ययोजना पटना जिला विधान परिषद चुनाव के संदर्भ में जारी की गई.

पटना स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव के प्रत्याशी कार्तिक कुमार तथा राजद महागठबंधन की ओर से 14 सूत्री कार्य योजना का संकल्प पत्र जारी किया गया.


1. जिला पार्षद, निगम पार्षद, मुखिया, वार्ड पार्षद, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य, पंच एवं सरपंच, सहित सभी जनप्रतिनिधियों के सम्मान एवं अधिकार-कर्तव्य के प्रति विशेष पहल.


2. संविधान में पंचायती राज संस्थाएँ काफी महत्व रखती हैं। पंचायतों में सामूहिक निर्णय के अनुरूप कार्य हों, इसके लिए पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त एवं सक्रिय बनाना.


3. पंचायत, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, के प्रतिनिधियों के सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु विशेष पहल.


4. पंचायत राज संस्थाओं के अधिकारों में कटौती कर वर्तमान सरकार ने उन्हें सीमित कर दिया है, पुनः पंचायती राज व्यवस्था को जमीनी स्तर पर लाकर मजबूत करने की पहल.


5. पंचायत एवं नगर निकाय के तमाम जनप्रतिनिधियों को हर माह समुचित वेतन एवं पेशन व्यवस्था लागू करने के लिए सदन से सड़क तक संर्घष के लिए संकल्पित.


6. पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों एवं कर्तव्यों के संबंध में समय-समय पर विशेषज्ञों की मौजूदगी में कार्यशाला का आयोजन.


7. वार्ड सभा की बैठक के एजेंडे में शामिल सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए अधिकार के दिशा में पहल.


8. प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हित पंचायतों को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने के लिए विशेष कार्य योजना बनाने की पहल.


9. पंचायतों में बेहतर शिक्षा-चिकित्सा एवं सिंचाई व्यवस्था के लिए विशेष कार्य योजना की पहल.


10. पंचायतो से हो रहे पलायन को रोकने हेतु स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन एवं अन्य कुटीर उद्योगों की स्थापना पर बल.


11. महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक उत्थान तथा उनकी सुरक्षा-संरक्षा की दिशा में विशेष कार्य योजना.


12. पंचायत स्तर पर कृषि उत्पादों को मूल्य आधारित कीमत दिलाने की दिशा में कार्य.


13. पंचायती राज एवं शहरी निकाय के क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं के स्वरोजगार पर बल तथा इसके लिए लघु-कुटीर उद्योग की स्थापना का विशेष अभियान. तथा


14. पंचायती राज संस्थाओं के संवैधानिक कर्तव्यों के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश में पंचायती राज शासन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जागरूकता की दिशा में पहल  तथा वांछनीय दायित्वों का निर्वहन.

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