ट्रांसजेंडर को समाज के मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है

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ट्रांसजेंडर को समाज के मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है

आलोक कुमार

पटना.गैर सरकारी संस्था हमसफर की सचिव रेश्मा प्रसाद ने कहा है कि 31 मार्च को अंतरराष्ट्रीय ट्रांसजेंडर दिवस मनाया जाता है.इस अवसर पर हम ट्रांसजेंडर के लिए टाटा स्टील के द्वारा नौकरी दी जा रही है.यह स्वागत योग्य कदम है.ट्रांसजेंडर को समाज के मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन ने अपने संचालन के क्षेत्र में विविधता और समावेश को बढ़ावा देते हुए जेआरडी टाटा ट्रेनिंग सेंटर पुंडी में अंतरराष्ट्रीय ट्रांसजेंडर दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया. इस अवसर पर टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन के महाप्रबंधक (नामित) अनुराग दीक्षित मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. डिवीजन ने माइंस में ट्रांसजेंडर के पहले बैच के साथ अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय दृश्यता दिवस मनाया. इस मौके पर कुल 14 ट्रांसजेंडर मौजूद थे. इसका उद्देश्य ट्रांस लोगों द्वारा सामना किए जाने वाले संघर्षों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समुदाय को सशक्त बनाना है.


उन्होंने कहा कि कंपनी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऑनबोर्डेड हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ट्रांसजेंडर्स@माइंस वर्तमान में प्रशिक्षण के अधीन हैं और अगले साल की शुरुआत में खनन कार्यों में तैनात किये जायेंगे. टाटा स्टील न केवल एक वैश्विक पथप्रदर्शक के रूप में विकसित हुआ है, बल्कि दूसरों को भी समावेशी होने के लिए प्रोत्साहित किया है.कंपनी ने हमेशा बेंचमार्क बनाने का प्रयास किया है और कई पथ-प्रदर्शक नीतियों, प्रथाओं और पहलों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें 8 घंटे का काम, वेतन के साथ छुट्टी, विनिर्माण सेट-अप में 5-दिवसीय कार्य सप्ताह, मासिक धर्म की छुट्टियां, एलजीबीटीक्यू प्लस समावेशी नीतियां शामिल हैं. टाटा स्टील, दुनिया भर में एक विविध, समावेशी, सुरक्षित और निष्पक्ष कार्यस्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. कंपनी ने 2025 तक 25 प्रतिशत विविध कार्यबल का लक्ष्य रखा है. इस अवसर पर बीवी सुधीर कुमार, चीफ (कोयला बेनिफिशिएशन), वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, पीके श्रीवास्तव, चीफ (कैपेसिटी एन्हांसमेंट प्रोजेक्ट), वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, एसके मांझी, चीफ (इंजीनियरिंग एंड प्रोजेक्ट्स) उपस्थित थे.            टाटा स्टील ने ट्रांसजेडर्स यानी किन्नर समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की अनूठी पहल की है. कंपनी की ओर से गुरुवार को एक साथ 14 किन्नरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. इन्हें झारखंड के रामगढ़ जिला अंतर्गत वेस्ट बोकारो डिवीजन में हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटर के रूप में पदस्थापित किया जायेगा. संभवतः टाटा स्टील देश की पहली कॉरपोरेट कंपनी है, जिसने एक साथ इतनी संख्या में ट्रांसजेडर्स को नौकरी दी है.


इन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में टाटा स्टील के रॉ मैटेरियल्स डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट डीबी सुंदर रामम ने कहा, “टाटा स्टील मानव मात्र की समानता, विशिष्टता और विविधता में पूर्ण विश्वास रखता है. आज का यह दिन समावेशी विकास की हमारी यात्रा में एक और मील का पत्थर है.


टाटा स्टील सभी व्यक्तियों को समान अवसर प्रदान करने वाली नियोक्ता कंपनी के रूप में ट्रांसजेडर्स की विशिष्टता का सम्मान करता है.”


टाटा स्टील के वाईस प्रेसिडेंट एचआर अत्रेयी सान्याल ने कहा कि “मानव संसाधनों में विविधता के प्रति हमारी कंपनी हमेशा से प्रयास रही है. हम एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों का टाटा स्टील परिवार में स्वागत करते हैं और उनकी सफलता और आगे के शानदार करियर की कामना करते हैं.”


इस मौके पर टाटा स्टील  वेस्ट बोकारो डिवीजन के महाप्रबंधक मनीष मिश्रा और एचआर हेड देबाशीष बनर्जी सहित कई अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.


टाटा स्टील ने जिन 14 ट्रांसजेंडर्स को नौकरी दी है, उनमें से ज्यादातर रांची, जमशेदपुर और झारखंड के शहरों में रहते हैं. नियुक्ति पत्र लेते हुए ट्रांसजेडर्स ने कंपनी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उन्हें आम तौर पर उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है, लेकिन टाटा ने हमें जो स्थान और सम्मान दिया है, उससे हमारा जीवन बदलेगा.


बता दें कि वेस्ट बोकारो में टाटा की कोयला खदानें हैं, जहां पहली तैनाती के दौरान इन ट्रांसजेंडर्स को हेवी अर्थ मूविंग मशीनों के संचालन की ट्रेनिंग दी जायेगी. प्रशिक्षण की अवधि लगभग एक वर्ष होगी.


इसके पहले कंपनी ने टाटा स्टील के इसी डिवीजन में 17 महिलाओं को भी एचईएमएम ऑपरेटरों के रूप में शामिल किया था. ये सभी अभी ट्रेनिंग ले रही हैं और अगले साल की शुरुआत में खनन कार्यों में उनकी ड्यूटी लगायी जायेगी.


बताया गया कि कंपनी ने महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स कर्मियों की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके लिए आगामी 2025 तक 25 प्रतिशत विविध कार्यबल का लक्ष्य निर्धारित किया है.


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