मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष आमने सामने

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मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष आमने सामने

आलोक कुमार 

पटना.जब बिहार विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान सोमवार को लखीसराय में 50 दिन में 9 लोगों की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के क्षेत्र का सवाल बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उठाया था. सरकार ने स्वीकार किया कि 8 लोगों की हत्या हुई है, लेकिन तीन लोगों की हत्या अपराधियों ने की है. लखीसराय के इस मामले पर विधानसभा में आए दिन हो रहे हंगामे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को आपत्ति जताई.उन्होंने कहा कि एक ही मामले को रोज-रोज उठाने का कोई मतलब नहीं. हम उस पर जरूर विचार करेंगे.यह मामला विशेषाधिकार समिति को दिया गया है, जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे.देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है.

जगजाहिर है कि बिहार विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष में नोकझोंक होना आम बात है, लेकिन अगर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ही आमने-सामने आ जाएं तो ये समझा जा सकता है कि मामला कितना गंभीर होगा. यहीं बात सोमवार को दृष्टिगोचर हुआ.जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लखीसराय के एक मामले को लेकर आपा खो दिया.मुख्यमंत्री ने आसन की ओर इशारा कर यहां तक कह दिया कि संविधान का खुलेआम उल्लंघन हो रहा.इस तरह सदन नहीं चलेगा. यही नहीं इस पर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी कहा कि आप ही बोलिए, जैसे आप कहेंगे, वैसे ही चलेगी.


अध्यक्ष ने कई बार सीएम से आसन की बात पर ध्यान देने के लिए आग्रह किया. लेकिन नीतीश कुमार चुप नहीं हुए. नीतीश ने कहा कि यह बात किसी भी हाल में मंजूर नहीं है. लखीसराय में हुई हत्या के मामले में कोर्ट सुनवाई कर सजा देगी. यह काम आपका नहीं है. नीतीश कुमार के रुख पर अध्यक्ष विजय सिन्हा की आवाज में भी तल्खी आ गई और उन्होंने कहा की विभागीय मंत्री माननीय विधायक के सवाल का सही उत्तर नहीं दे पाए.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा थोड़ी देर के लिए एक-दूसरे से तल्ख अंदाज में सवाल-जवाब करते हुए भी देखे गए. स्पीकर ने कहा कि विधायक का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विधायक को यह अधिकार है कि वह किसी भी क्षेत्र का सवाल सदन में उठा सकते हैं.

डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा था कि विधायकों के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा.उन्होंने कहा था कि विधायकों की स्थानीय समस्याओं और कठिनाइयों के निराकरण के लिए  पंचायत राज मंत्री के सम्राट चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री एवं विधान पार्षद् श्री देवेश कुमार, सत्तारूढ़ दल के उप सचेतक जनक सिंह के स्तर से भारतीय जनता पार्टी के बिहार विधान मंडल के सदस्यों के साथ नियमित रूप से संवाद के कार्यक्रम तय किए जाएंगे.


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