यूक्रेन में रूसी हमले, भारत के धर्माध्यक्षों की प्रार्थना

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यूक्रेन में रूसी हमले, भारत के धर्माध्यक्षों की प्रार्थना

आलोक कुमार

पटना.यूक्रेन में रूसी हमले, भारत के धर्माध्यक्षों की प्रार्थना एवं सहानुभूति मिलने लगी है.आपका योगदान महान मिशन के लिए होना चाहिए.संत पिता फ्रांसिस के संदेश को हर घर तक पहुँचाने में हमें सहयोग देना है.यूक्रेन में आरम्भ रूसी हमलों के खिलाफ संसार भर के ईसाई समुदाय 2 मार्च को प्रार्थना और उपवास रखेंगे.आज युद्ध के खिलाफ एक शांति मार्च निकाला जाएगा.इसका समय- 3.30 बजे, छज्जुबाग से है.


इस संदर्भ में राँची के सहायक धर्माध्यक्ष माननीय थेओदोर मस्करेनहास ने 25 फरवरी को एक वीडियो संदेश में यूक्रेनवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "यूक्रेन के प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम इस सुदूर स्थान से आपके लिए प्रेम, स्नेह एवं एकात्मता की एक आवाज भेज रहे हैं. हम जानते हैं कि आप एक अत्यन्त कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं, आपका देश एवं देश का हरेक व्यक्ति. जब हम एक शांतिपूर्ण छोटे देश पर नजदीक के बड़े भाई द्वारा हमले की निंदा करते हैं, हम आपके प्रति अपनी एकात्मता व्यक्त करना चाहते हैं."


उन्होंने युद्ध की तबाही की याद करते हुए कहा, "हम युद्ध कभी नहीं चाहते और युद्ध ने कभी किसी की अच्छाई नहीं की. जो कुछ भी हल करना है उसे शांतिपूर्ण प्रयासों से हल किया जाना चाहिए."


धर्माध्यक्ष ने प्रार्थना करते हुए कहा, "हम आप सभी के लिए प्रार्थना करते हैं। हमने हमारे संत पिता की अपील सुनी है जिन्होंने यूक्रेन के लिए 2 मार्च को प्रार्थना की मांग की है. किन्तु हम यहाँ आप सभी के लिए प्रभु से उत्साहपूर्ण प्रार्थना शुरू कर चुके हैं कि वे आपकी रक्षा करें, आपका मार्गदर्शन करें और आपकी मदद करें.प्यारे भाइयो एवं बहनो, इस संकटपूर्ण घड़ी में न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि सभी शांतिप्रिय लोगों और ईश्वर की प्रजा के लिए हम अपना प्रार्थनामय आश्वासन देना चाहते हैं कि हम आपके करीब हैं.युद्ध तबाही लाता है जो सालों तक बना रहता है."


राँची महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष ने कहा कि हम आपके बच्चों एवं महिलाओं तथा दुर्बल लोगों की चिंता करते हैं, आपके सैनिकों की याद करते हैं, आपकी आर्थिक स्थिति को सोचते हैं. आपके निकट रहने के लिए हम इस सुदूर जगह से जितना कर सकते हैं, उतना करने के लिए तैयार हैं। ईश्वर आप सभी को आशीष प्रदान करे.


वहीं अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ( ऐपवा) के बहनापा अभियान के तहत 27 फरवरी को पटना में एक विचार गोष्ठी रखी गई है. स्थान है 13 नम्बर विधायक फ्लैट, छज्जुबाग.समय 2 बजे दिन है.ऐपवा,पटना की अनिता सिन्हा ने कहा कि गोष्ठी के बाद युद्ध के खिलाफ एक शांति मार्च निकाला जाएगा.इसका समय- 3.30 बजे, छज्जुबाग से है.


उन्होंने कहा कि देश के भीतर हिन्दू कट्टरपंथी ताकतें लगातार महिलाओं के ऊपर हमले कर रही है.कर्नाटक में हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं को स्कूल जाने से रोका गया और वहां की सरकार ने खुलकर इन ताकतों को बढ़ावा दिया.शिक्षा प्राप्त करने का हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है.इससे हमें कोई वंचित नहीं कर सकता है.साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी ताकतें हिन्दू- मुस्लिम के नाम पर नफरत फैलाकर अपना राजनीतिक हित साधना चाहती है.लेकिन हमारा संविधान बहुलतावादी सांस्कृतिक मूल्यों का पक्ष पोषण करती है।इसलिए हम क्या खायें, क्या पहने आदि हमारा व्यक्तिगत अधिकार है.

इन्ही सवालों पर बातचीत के लिए एक गोष्ठी रखी गई है.

अतः आपसे आग्रह है कि इस कार्यक्रम में कवरेज के लिए जरूर आएं.गोष्ठी के बाद युद्ध के खिलाफ एक शांति मार्च निकाला जायेगा.



 

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