न्याय के संघर्ष का मंच है आइलाज-क्लिफ्टन डी रोजेरियो

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न्याय के संघर्ष का मंच है आइलाज-क्लिफ्टन डी रोजेरियो

आलोक कुमार

पटना.'ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस (आइलाज) की बैठक आज 13 छज्जु बाग, पटना में संपन्न हुई जिसमे विभिन्न जिलों से आए वकीलों और लॉ के छात्रों ने भागीदारी की.इस अवसर पर मीटिंग को संबोधित करते हुए आइलाज के राष्ट्रीय संयोजक क्लिफ्टन डी रोज़ेरियो ने कहा कि आइलाज अपनी स्थापना के बाद से ही कानूनी बिरादरी की फिक्र और उनके हितों की रक्षा करने में आगे रहा है. कोविड महामारी और लॉकडाउन ने बड़े पैमाने पर वकीलों और कानूनी बिरादरी से जुड़े लोगों की आजीविका छीन ली थी. केंद्र / राज्य सरकारें सहित बार काउंसिल और बार एसोसिएशन द्वारा कानूनी बिरादरी की पूरी तरह से अनदेखी की गई, तब आइलाज ने उनकी आजीविका और हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाते हुए उनके वितीय मदद के लिए अभियान चलाया.

इसके साथ ही आज देश के संविधान पर हमला किया जा रहा है और सरकारों द्वारा संवैधानिक नैतिकता को ताक पर रख कर मनमाने कानून बनाए जा रहे हैं. जनता के अधिकारों में कटौती की जा रही है. आइलाज देश की आज़ादी की लड़ाई की विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश के संविधान की हिफाजत के लिए कृतसंकल्प है. आइलाज हिंदुत्व के फासीवादी एजेंडे से सक्रिय रूप से लड़ते हुए कॉरपोरेट लूट और सांप्रदायिक आक्रमण के खिलाफ संघर्ष को तेज करेगा.


आइलाज की तरफ से एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम बेलागंज भी भेजने का निर्णय किया गया, जहाँ पुलिस द्वारा गैर-कानूनी और अमानवीय तरीके से पिछड़े समुदाय की महिलाओं को प्रताड़ित किया गया. कर्नाटक में हिजाब के बहाने मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा से वंचित किए जाने की आलोचना करते हुए हिजाब पहनने वाली छात्राओं के पक्ष में बिहार के कानूनी बिरादरी के बीच हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया जायेगा.

21 फरवरी को भोजपुर के पसौर में 1998 में रचाये गए बर्बर पुलिस अत्याचार की 24 वी बरसी पर आयोजित सभा मे भी कॉमरेड क्लिफ्टन शामिल होंगे. बर्बर पुलिस दमन से उस वक्त ही कई लोग मारे गए थे और बाद में भी चोट खाए लोग मरते रहे, जो अपंग व लाचार हो गए थे. अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. उनके परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार है.

इस अवसर पर कानून के छात्र अंकित कुमार, रविरंजन कुमार, दिव्यम कुमार ने बिहार के अंदर कानून की पढ़ाई की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर जगह इस बार लॉ कोर्स में नामांकन में सीटें सभी कॉलेजों में आधी से भी कम कर दी गयी है. बिहार के वे छात्र जो बाहर से इंटर कर यहाँ कानून की पढाई कर रहे हैं, उन्हें छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है और नामांकन में रिजर्वेशन को भी लागू नही किया जा रहा है. इन मुद्दों को आइलाज उठाएगा औऱ लॉ शिक्षा की बिहार में दुर्दशा पर श्वेत पत्र जारी किया जाएगा.

इनके अलावा मनमोहन, अमित कुमार बंटी, अजय कुमार, सुमन शर्मा, धर्मवीर कुमार, विश्वनाथ शरण सिंह, ओमप्रकाश सिंह व अन्य अधिवक्ताओं ने भी अपनी बात रखी. बैठक की अध्यक्षता अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद ने की.


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