आलोक कुमार
मोतिहारी.चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के प्रयोगस्थली मोतिहारी नगर के गांधी स्मारक के सामने स्थापित चरखा पार्क में शरारती तत्वों ने बापू की प्रतिमा को खंडित किया है. शहर के बीचोंबीच स्थित गांधी स्मारक सह संग्रहालय के सामने अवस्थित चरखा पार्क में स्थापित महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा को कतिपय असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया.
इसको लेकर गांधी के अनुयायियों में गहरा क्षोभ देखा जा रहा है.इस बीच घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष, सदर एसडीएम सौरभ सुमन यादव व सदर पुलिस उपाधीक्षक अरुण कुमार गुप्ता चरखा पार्क का जायजा लेने पहुंचे और पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई का कड़ा निर्देश दिया.
इस जिले के जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक एवं पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने चरखा पार्क का जायजा लिया.इस चरखा पार्क को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कार्यक्रम के अंतर्गत पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा विस्तारीकरण निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसमें नवनिर्मित महात्मा गांधी जी के मूर्ति को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ने की सूचना मिलने के उपरांत जिला प्रशासन की पूरी टीम जांच करने के लिए स्थल पर पहुंची.
उन्होंने संबंधित एजेंसी को निर्देश देते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया जाए. जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि गांधीजी द्वारा शांति का संदेश एवं अहिंसा का संदेश दिया गया है.उनके संदेशों को हमें अनुसरण करना चाहिए. उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही उन्होंने नगर नगर निगम प्रशासन को चरखा पार्क की समुचित सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, रात्रि सुरक्षा गार्ड, लाइटिंग आदि की अविलंब व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी मोतिहारी सदर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मोतिहारी सदर के साथ-साथ स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित थे.
गांधीवादी व युवा समाजसेवी रंजीत गिरि के नेतृत्व में कई लोगों ने चरखा पार्क स्थिति गांधी जी की प्रतिमा तोड़े जाने के विरोध में चरखा पार्क पहुंच कर प्रशासन के खिलाफ रोष व क्षोभ व्यक्त किया. वही महात्मा गाँधी की आत्मा से इस कुकृत्य के लिए माफी मांगी गई.समाजसेवी रंजीत गिरि ने कहा कि जिस महात्मा गांधी ने निलहे अंग्रेजों के अत्याचार देश को आजादी दिलाई उसी कर्मभूमि में उनका अपमान चम्पारण के माथे पर एक तरह से कलंक के समान है.मौके पर गांधीवादी संजय सत्यार्थी, अमिता निधि, विष्णुदेव यादव, विजेश्वर भगत, दीपक कुमार, विन्दा भगत आ लोग उपस्थित थे.
वहीं, भाकपा माले की जिलास्तरीय जांच कमेटी ने स्थल पर जाकर क्षतिग्रस्त प्रतिमा का अवलोकन किया तथा पाया कि यह गहरी साजिश है. यह देश में चल रहे साम्प्रदायिक उन्माद की राजनीति का परिणाम है.ऐसा नहीं है कि कि गांधी जी के सत्य अहिंसा, साम्प्रदायिक सद्भावना का विचार कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता है.भारत की सदियों पुरानी परंपरा है कि विभिन्न धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग साथ रहते आये हैं और रहेंगे. इसी में भारत की महानता है जिसे कोई भी ताकत मिटा नहीं सकता है. जांच टीम में नगर सचिव विष्णुदेव यादव, भैरव दयाल सिंह, भाग्य नारायण चौधरी, राघव साह अधिवक्ता, दिनेश प्रसाद कुशवाहा, ऐक्टू के भूपेंद्र कुमार लाल एवं हरेन्द्र सहनी उपस्थित थे.
वहीं, एसपी आशीष कुमार ने कहा कि इस घटना के चश्मदीद लोग मिले हैं, जिनके निशानेदेही पर नशा लेने वाले कुछ युवाओं को चिन्हित किया गया है. उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं. स्थानीय वरीय चिकित्सक आशुतोष शरण ने इसे शरारती तत्वों द्वारा किया गया मूर्खतापूर्ण कार्य करार दिया है. उन्होंने कहा कि यहां महात्मा गांधी को एसडीओं कोर्ट में सजा सुनाई गयी थी. शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर परप्रतिमा को लगाया गया है और पार्क को विकसित किया गया है.
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