आलोक कुमार
पटना.बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए राजद ने 21 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है.राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने 24 में से 21 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है. एक सीट पर सीपीआई के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे.सूची जारी होते ही महागठंधन के नेता मकई के लावा अइसन फूटने लगे.बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा की नजर राजद के उम्मीदवारों की सूची पर पड़ गयी.जातिवादी नजरिये दिखायी दी और कहा कि कथित MY(मुस्लिम-यादव)समीकरण की कलई खुल गई है. राजद ने राज्य में 12% आबादी वाली यादव जाति का 8 और 14%आबादी वाले मुस्लिम समुदाय से सिर्फ 1 उम्मीदवार खड़ा किया है.
बता दें कि राजद की सूची के अनुसार पटना से कार्तिकेय कुमार, भोजपुर-बक्सर से अनिल सम्राट, गया से रिंकू यादव, नालंदा से बीरण यादव, रोहतास से कृष्णा सिंह, औरंगाबाद से अनुज सिंह, छपरा से सुधांशु रंजन पांडे, सिवान से विनोद जायसवाल, दरभंगा से उदय शंकर यादव, पूर्वी चंपारण से बबलू देव और पश्चिमी चंपारण से सौरव कुमार कैंडिडेट बनाए गए हैं.मुजफ्फरपुर से शंभू सिंह, वैशाली से सुबोध राय, सीतामढ़ी से कब्बू खिरहर, मुंगेर से अजय सिंह, कटिहार से कुंदन कुमार, सहरसा-मधेपुरा से अजय सिंह, मधुबनी से मेराज आलम, गोपालगंज से दिलीप सिंह और बेगूसराय से मनोहर यादव विधान परिषद चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार बनाए गए हैं.
वहीं, सीपीआई के एकमात्र उम्मीदवार संजय यादव भागलपुर से चुनाव लड़ेंगे. जबकि तीन सीट नवादा, समस्तीपुर और पूर्णिया के लिए फिलहाल उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की गई है. जगदानंद सिंह ने कहा कि जल्द ही बाकी तीनों जगहों के लिए भी घोषणा कर दी जाएगी. उन्होंने दावा किया कि इस बार विधान परिषद के चुनाव में सभी सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत होगी. उन्होंने कहा कि जनता नीतीश के शासन से ऊब चुकी है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि बिहार विधान परिषद के लिए स्थानीय निकाय चुनाव में राजद के उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित होते ही उसके जातिवादी नजरिये और कथित MY(मुस्लिम-यादव)समीकरण की कलई खुल गई है.राजद ने राज्य में 12% आबादी वाली यादव जाति का 8 और 14%आबादी वाले मुस्लिम समुदाय से सिर्फ 1 उम्मीदवार खड़ा किया है.
राजद नेतृत्व माई समीकरण से राजनीतिक ताकत प्राप्त कर पारिवारिक और जातीय हितों का ही संवर्धन करता रहा है. 2015 की गठबंधन सरकार में अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे वरिष्ठ मुस्लिम नेता को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था,आज भी विधान सभा/परिषद में किसी मुस्लिम को नेता नहीं बनाया गया है.
डॉ.अमीत द्विवेदी ने कहा कि सत्य और तथ्यपूर्ण आकड़ो से जिस तरह आप बिहार के आम आवाम और शीर्ष नेतृत्व को लगातार अवगत कराते रहे है निसंदेह बधाई के पात्र हैं अन्यथा कुछ तो निहित स्वार्थ में लोकसभा व विधानसभा चुनाव के समय अपनी सीट बचाने के लिए इसके फायदे गिनाते नजर आएंगे.आप अपने स्टैंड पर कल भी कायम थे आज भी है.
गौरव कुमार ने कहा कि Muslim का सबसे बड़ा विरोधी आएसएस और बिहार में RJD ही है.बस मुस्लिम का use करता है RJD, कभी मुस्लिम को सीएम या डिप्टी सीएम नहीं बनाया,जबकि वोट लेता है,लेकिन कांग्रेस ने मुस्लिम,दलित, यादव, पंडित, राजपूत, भूमिहार सब को मौका दिया. सब को cm बनाया अब कांग्रेस ही अति पिछड़ा वर्ग को cm बनाएगा.
युवा बिहारी कुंवर रूपेश ने कहा कि आप सही कह रहे है अनिल जी बिहार को अब फिर से कांग्रेस की जरूरत है जो एक नई विचार धारा के साथ बिहार की जनता का आवाज बुलंदी से उठाना होगा एक कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जहाँ सबको सम्मान मिलता है.
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