आलोक कुमार
पटना.बिहार के शिक्षक हरफनमौला हैं.हर तरह के कार्य करने में माहिर हैं.इन शिक्षकों का उपयोग सरकार करना जानती हैं.साल 2016 से एमडीएम के चावल का बोरा शिक्षकों को बेचने को कहा गया.2017 में खुले में शौच को रोकने के लिए बिहार सरकार ने शिक्षकों को काम सौंपा गया.अब 2022 में शराबियों पर नजर शिक्षक रखेंगे.इसका विरोध होने लगा है.
उल्लेखनीय है कि बिहार का पंचायत चुनाव हो या फिर मानव श्रृंखला, जल जीवन मिशन हरियाली हो या फिर सरकार की कोई भी कल्याणकारी योजना. प्रदेश के स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी हमेशा निर्धारित रहती है. मास्टर साहब पहले भी बच्चों के साथ दिनभर मानव श्रृंखला में खड़े रहते थे. सरकार के हर आदेश और हर योजना को धरातल पर पहुंचाने के लिए तत्पर अब मास्टर साहब शराबियों, शराब तस्करों और पियक्कड़ों की निगरानी करेंगे. जी हां, ये हम नहीं कह रहे हैं. ये बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा सचिव द्वारा निकाला गया आदेश कह रहा है.
बिहार में 2016 से किसी भी तरह की शराब बिक्री और सेवन पर पाबंदी लगा दी गई है. इसे लेकर अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी है. बिहार के सरकारी शिक्षक अब शराब पीने वाले या पिलाने वालों की पहचान करेंगे और इसकी सूचना देंगे. इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र लिखकर नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने को कहा है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि शराब की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सरकार ने कहा है कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी-छुपे नशा पान करने वाले लोग विद्यालय परिसर का उपयोग न करें.
शराब मुक्त बिहार में अब सरकारी शिक्षक भी शराब बेचने और पीने वालों पर कड़ी नजर रखेंगे. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों को पत्र जारी कर नशा मुक्ति अभियान को गति प्रदान करने के साथ-साथ समाज को जागरूक करने के लिए शिक्षकों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है.साथ ही उन्होंने निर्देश दिया है कि प्राथमिक विद्यालय व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के अलावे शिक्षा सेवक तालिमी मरकज आदि चोरी छुपे शराब बेचने व सेवन करने वालों की पहचान कर मद्य निषेध विभाग के मोबाइल नंबर पर सूचित करें.शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने मद्य निषेध विभाग के मोबाइल नंबर 94734 00378 और 94734 00606 के साथ ही टोल फ्री नंबर 18003 456 268/15545 पर सूचना दें.
आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर घिरी बिहार सरकार ने अब इस कानून के बाद लोगों की जीवन शैली में आए परिवर्तन का सर्वेक्षण कराने की योजना बनाई है. सरकार शराबबंदी कानून के बाद लोगों में आए सामाजिक और आर्थिक बदलाव को समझना व जानना चाहती है. मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग के एक अधिकारी की मानें तो विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है.
इस आदेश के बाद बिहार शिक्षक संघ के अध्यक्ष केशव कुमार का रिएक्शन भी सामने आ गया है. केशव कुमार ने बयान जारी कर बिहार के शिक्षकों से कहा कि बिहार राज्य में शिक्षकों के लिए संघर्ष करने वाले तमाम संघों के माननीय प्रतिनिधियों से करबद्ध अपील है कि बिहार सरकार के इस आदेश के खिलाफ एकत्रित हों. केशव कुमार ने शिक्षकों से कहा है कि इस आदेश को सिरे से खारिज करने की सूचना सरकार को बहुत जल्द दी जाएगी. केशव कुमार ने बक्सर जिले के शिक्षकों को एक मैसेज भेजकर अपील करते हुए सरकार से सवाल पूछा है कि शराबी और शराब माफियाओं से दुश्मनी निहत्था शिक्षक क्यों ले? अगर सारे काम शिक्षक ही करेंगे तो फिर कोर्ट, थाना का काम, सड़क-बिल्डिंग-पुल बनाने का काम, बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग और भी सभी विभागों का काम शिक्षकों को क्यों नहीं दिया जा रहा है?
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