छात्रों को डकैत समझकर बंदूक के कुंदा से मारकर हॉस्टल खुलवाते रहे

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

छात्रों को डकैत समझकर बंदूक के कुंदा से मारकर हॉस्टल खुलवाते रहे

आलोक कुमार 

प्रयागराज.यहां ऐसा लगा कि डकैत हॉस्टल में घुस गये हैं और पुलिस दरवाजा खुलवाने में सारी शक्ति लगा रही है.पुलिस भाई इंसाफ की मांग कर रहे थे.रेलवे ने एक छात्र को चार तरह के पद पर चुन लिया है.इसका विरोध करने के बाद शारीरिक चोट से बचने के लिए  हॉस्टल में घुसकर सुरक्षित हुए हैं.आप उनको नौकरी लूटपाट करने वाले समझकर व रेलवे की लाखों की संपत्ति नष्ट करने वाले समझ कर विरोध करने वाले छात्रों को डकैत समझकर बंदूक के कुंदा से मारकर हॉस्टल खुलवा रहे हैं.आपने दहशत फैलाने के उद्देश्य से बंदूक और लात का प्रयोग कर रहे हैं.

RRB (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) में एनटीपीसी यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी भर्ती के परिणाम को लेकर छात्रों का बवाल खत्म नहीं हो रहा है.आरआरबी एनटीपीसी (RRB NTPC) के रिजल्ट में धांधली के विरोध में बिहार और उत्तर प्रदेश में छात्रों का प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. यूपी के इलाहाबाद में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया गया.बिहार में लगातार छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, कुछ जगहों पर आगजनी भी की गई है. पुलिस बल का भी इस्तेमाल हुआ है और विवाद बढ़ता चला गया है.

 रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है. उनकी टीम में कई अनुभवी लोग शामिल हैं जिन्होंने इससे पहले भी इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है. लेकिन क्योंकि छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में रेल मंत्री ने कमेटी बनाने की बात कही है. जानकारी दी गई है कि वो कमेटी तीन हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी.

प्रयागराज के SSP अजय कुमार ने 25 जनवरी को प्रयाग रेलवे स्टेशन पर हुए छात्रों के प्रदर्शन के पीछे कुछ राजनीतिक दलों की साजिश बताई है.उन्होंने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या इसके प्रमाण मिले हैं. 11 सदस्यीय जांच टीम इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही है.फिलहाल आम छात्रों पर बेजा पुलिस बल का प्रयोग करने पर 3 दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.छात्रों को उकसा कर रेलवे ट्रैक पर लाने के आरोप में 3 के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है.इनमें से दो अराजक तत्व गिरफ्तार हैं, जबकि एक फरार है.उसकी तलाश में टीमें लगी हैं.

अब इस पूरे केस को डिटेल में समझे तो ये प्रदर्शन RRB (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) में एनटीपीसी यानी नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी भर्ती के परिणाम को लेकर किया जा रहा है. छात्रों का आरोप है कि बोर्ड की तरफ से ऐन वक्त पर नियम बदल दिए गए. परिणाम आने के बाद सिर्फ पांच फीसदी छात्रों को ही नौकरी पर लिया गया. छात्रों के मुताबिक असल में ये आंकड़ा 20 फीसदी  होना चाहिए था. अब उस मांग को पूरा करवाने के लिए छात्रों ने सड़क पर ये प्रदर्शन किया, ट्रैक को घेरा और घंटों बवाल काटा गया. 

जब मौके पर छात्रों की संख्या ज्यादा बढ़ गई, तब प्रशासन ने भारी तादाद में पुलिस फोर्स भेजी और तब जाकर छात्रों को घटनास्थल से हटाया गया. लेकिन ये बवाल वहीं पर शांत नहीं हुआ. बाद में पुलिस ने हॉस्टल में घुस उन छात्रों को ढूंढ़ा जिन्होंने उस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. कई छात्रों को पीटा गया, उनके कमरों के दरवाजों को तोड़ा गया. सोशल मीडिया पर पुलिस कार्रवाई के कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिस वजह से विपक्ष योगी सरकार को घेर रहा है.

इस घटना पर प्रयागराज एसएसपी अजय कुमार ने भी एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि अराजकता फैलाने वाले उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे और ना वो पुलिस कर्मी जिन्होंने अनावश्यक बल प्रयोग कर दहशत फैलाई है. उन्होंने ये भी बताया कि छात्र बार-बार पथराव कर रहे थे और उसके बाद आसपास के हॉस्टल के कमरों में छिपे जा रहे थे जिसको देखते हुए पुलिस कर्मियों ने उन छात्रों को कमरे से निकालने का कार्य किया.

आरआरबी एनटीपीसी (RRB NTPC) के रिजल्ट में धांधली के विरोध में बिहार और उत्तर प्रदेश में छात्रों का प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. यूपी के इलाहाबाद में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया तो बिहार के गया जंक्शन पर आक्रोशित छात्रों ने ट्रेन में आग लगा दी. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा.छात्रों ने भी पुलिस पर पत्थर फेंके. बिहार के पटना, नवादा, नालंदा, बक्सर, आरा सहित कई अन्य इलाकों में छात्रों ने कई स्थानों पर ट्रेनें रोक चुके हैं.इस पूरे मामले में खान जीएस रिसर्च सेंटर कोचिंग के संचालक और यूट्यबर खान सर (Khan sir) समेत पटना (Patna) के कुछ कोचिंग संचालकों के नाम सामने आ रहे हैं.खान सर की जिस तरह की देश भर के स्टूडेंट्स के बीच फैन फॉलोइंग है उसे देखते हुए मीडिया में सबसे ज्यादा उनके नाम की ही चर्चा है.पुलिस और प्रशासन की ओर से खान सर को लेकर अबतक कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है.इसके बाद भी छात्रों के आंदोलन में खान सर पर क्यों उंगलियां उठ रही हैं आइए इस बात को समझने की कोशिश करते हैं.

'26 जनवरी को देखते हुए हमने आंदोलन करने से मना किया'

RRB NTPC रिजल्ट के विरोध में पिछले तीन दिनों से बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में छात्रों का उग्र प्रदर्शन जारी है. गौर करने वाली बात यह है कि जब से छात्रों का आंदोलन शुरू हुआ है तब से खान सर अलग-अलग प्लेटफॉर्म के जरिए इस पर अपनी सफाई देने में जुटे हैं. 26 जनवरी को खान सर मीडिया से मुखातिब हुए.खान सर आंदोलन कर रहे छात्रों से हाथ जोड़कर शांत रहने की अपील करते रहे.

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रयागराज में पुलिस कार्रवाई का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, प्रयागराज में पुलिस द्वारा छात्रों के लॉज में और हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ करना एवं उनको पीटना बेहद निंदनीय है. प्रशासन इस दमनकारी कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाए. युवाओं को रोजगार की बात कहने का पूरा हक है और मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से उनके साथ हूं.


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :