आलोक कुमार
श्योपुर.जिला प्रशासन और महात्मा गाँधी सेवा आश्रम ने निश्चय किया है कि श्योपुर जिले के समस्त स्कूलों में मां की बगिया (पोषण बाड़ी) बनाया जाएगा.यह कदम कुपोषण निवारण की दिशा मे मील का पत्थर साबित होगा.इसमें सीओ राजेश शुक्ला, जिला पंचायत संस्था और प्रशासन के बीच तालमेल कर पोषण बाड़ी तैयार किया जाएगा.जयसिंह जादौन ने कहा कि जल्द ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.
बताया जाता है कि श्योपुर जिले में व्याप्त कुपोषण जिला प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है तथा इस दिशा मे काफी कार्य किया जा रहा है.जिसमे स्वयंसेवी संस्थाओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के खाद्य सुरक्षा एवं पोषण विविधता कार्यक्रम के अंतर्गत विगत 2015 से ही घरेलू स्तर की पोषण बाड़ी के लिए समुदाय को जागरूक किया जा रहा है.इसके काफ़ी सार्थक परिणाम सामने आये है.इसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी स्कूल व सार्वजनिक स्थानों पर पोषण बाड़ी (माँ की बगिया) स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है. इस क्षेत्र में महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक सामूहिक बैठक आयोजित की गयी.
जिला पंचायत सभागार में सामूहिक बैठक आयोजित की गयी. जिसकी अध्यक्षता जिला पंचायत सीओ राजेश शुक्ल, एनआरएलएम,डीपीएम एसके मुदगल,एमडीएम जिला प्रभारी पीके गुप्ता,मनरेगा प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर विक्रम सिंह जाट, महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के प्रबंधक जय सिंह जादौन, समस्त विभागीय अधिकारी सहित महात्मा गाँधी सेवा आश्रम की जिला टीम के समन्यवयक प्रसांत थोराट,अमित कुमार,पोषण विशेषज्ञ शबनम अफवानी, लीड ट्रेनर रामकुमार सिंह,एमआईएस रूबी गुप्ता,फील्ड ऑफिसर नीतेश बैरागी,ज्योति रजक,हरिमोहन बैरवा ,नीरज श्रीवास्तव, संदीप आदि उपस्तिथ रहे.
महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के प्रबन्धक जयसिंह जादौन ने बताया कि श्योपुर जिले मे व्याप्त कुपोषण को मिटाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे है. जिसके काफ़ी सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. वहीं महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के निर्देशन में चल रहे खाद्य सुरक्षा एवं पोषण विविधता कार्यक्रम एवम पोषण समर्द्ध गांव परियोजना अंतर्गत घर घर में पोषण बाड़ी के माध्यम से कुपोषण दूर करने का महती कार्य 2015 से जारी है.जिससे घरों मे ताज़ा सब्जी और फल लोगों को प्राप्त हो रहे है. जिनसे उनमे पोषण स्तर मे सुधार हो रहा है. इस कार्यक्रम को अब जिला प्रशासन द्वारा भी माँ की बगिया कार्यक्रम के अंतर्गत प्रारम्भ किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत जिले के 970 स्कूलों व सार्वजनिक स्थलों पर फल व सब्जी उत्पादित की जायेगी. जिनका उपयोग मध्यान्न भोजन में किया जायेगा.
इस क्षेत्र में महात्मा गाँधी सेवा आश्रम की विशेषज्ञता को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र मे उनका सहयोग लिया जायेगा,इस दिशा मे समन्यवय के लिए आज जिला पंचायत सभागार मे गाँधी आश्रम के पोषणम परियोजना व पोषण समृद्ध गांव परियोजना के साथी गण उपस्तिथ रहे.
बैठक मे प्रशासन व संस्था के तालमेल से कार्यक्रम के संचालन के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी.जिसमें निर्णय लिया गया की मनरेगा के तहत स्थानीय परिवार जो की बाग़वानी मे रूचि रखता को बगिया की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जायेगी,और जिन स्थानों पर बाड़ी सुरक्षा नहीं है वहां मनरेगा के तहत तार फेंसिन कराई जायेगी.
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मनरेगा के कन्वर्जेंन्स से हर शासकीय स्कूल में पोषण वाटिका (किचन गार्डन) बनवाए जाएंगे.स्कूलों में जगह न होने पर गांव में अन्य स्थान पर भी पोषण वाटिका बनाई जा सकती है. अब पोषण वाटिका का नाम 'मां की बगिया' होगा.स्कूल की स्वच्छता एवं माँ की बगिया के विकास एवं संरक्षण में विद्यार्थियों का पूरा योगदान लिया जाए.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मिंटो हॉल से प्रदेश में निर्मित 2500 किचन शेड और 7100 पोषण वाटिकाओं के लोकार्पण किया.
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