श्रम मंत्रालय की फरवरी में होने जा रही बैठक में निर्णय संभव

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श्रम मंत्रालय की फरवरी में होने जा रही बैठक में निर्णय संभव

आलोक कुमार 

पटना.केंद्र में एनडीए सरकार सत्तारूढ़ होने के बाद ईपीएफओ के सदस्यों को न्यूनतन पेंशन स्कीम के तहत 1000 रुपये निर्धारित कर गहरी सांस लेकर सो गयी.वैश्विक कोरोना काल के प्रथम और द्वितीय लहर में किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी गयी.अब तीसरी लहर में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS) की मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संगठन (Bharatiya Mazdoor Sangh) अपने ही सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. बीएमएस न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये हर महीने करने की मांग 20 जनवरी 2022 को ईपीएफओ के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेगी.

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS) की मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संगठन (Bharatiya Mazdoor Sangh) अपने ही सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही है. बीएमएस ( BMS) ने ये फैसला लिया है कि न्यूनत्तम पेंशन ( Minimum Pension) को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये हर महीने करने की मांग 20 जनवरी 2022 को ईपीएफओ ( Employees Provident Fund Organization) के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेगी. बीएमएस की कार्यसमिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है.  

बीएमएस के मुताबिक 20 जनवरी 2022 को सेंट्रल ट्रेड यूनियन सभी ईपीएफ-95 पेंशनर्स को लेकर ईपीएफओ दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेंगे  फिर वित्त मंत्री के सामने ज्ञापन सौंपेंगे. बीएमएस का कहना है कि ईपीएफओ की ईपीएफ-95 के तहत पेंशन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है जो 65 लाख पेंशनर्स को प्रभावित करती है. कोरोना महामारी के दौरान भी आजीवन काम करने वालों को केवल 1,000 रुपये ही न्यूनत्तम पेंशन मिल रहा है. यह एक निराश्रित पेंशन से भी कम है, इसलिए  ईपीएस -95 के तहत न्यूनतम पेंशन को मौजूदा 1000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति माह की जानी चाहिए. 

बीएमएस ने कहा है कि न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी के किसी भी फैसले का लाभ सभी 65 लाख पेंशनर्स को मिलना चाहिए. पिछली बार जब पेंशन बढ़ा था तब 44 लाख पेंशनर्स में से केवल 14 लाख पेंशनधारकों को फायदा पहुंचा था. बीएमएस के मुताबिक श्रम मंत्रालय ने सैद्धांतिक तौर ईपीएस-95 पेंशनर्स को आयुष्मान भारत मेडिकल स्कीम के तहत कवर करने को मंजूरी दे दी थी क्योंकि कम पेंशन होने के चलते ये पेंशनर्स सुपर स्पेशयलटी अस्पताल में इलाज नहीं करा पाते हैं. बीएमएस ने कहा कि सरकार को ऐसा यूनिवर्सल पेंशन स्कीम तैयार करना चाहिए जिसमें आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिले. बीएमएस ने अपनी इन मांगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुए बजट पूर्व बैठक में भी 18 दिसंबर 2021 को उठाया था. 

बता दें कि महाराष्ट्र बुलढाणा में जिला अधिकारी कार्यलय के सामने, धुप, ठण्ड, बरसात सभी मौसमो का मुकाबला करते अपनी मांगो को लेकर एनएसी समिति के बैनर तले 60 से 70 वर्ष के वृद्ध पेंशनर्स 24.12.2018 से, पिछले 3 सालो से अपनी मांगो को लेकर क्रमिक अनशन कर रहे है.पेंशनधारको की मांग है की उन्हें कम से कम 7500/- रूपये प्रति महीने पेंशन, उसपर मंहगाई भत्ता और मेडिकल सुविधा दी जाये.

इस बीच नए साल 2022 में ईपीएफओ के सदस्यों के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है कि सरकार ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को बड़ा तोहफा दे सकती है.खबरें आ रही है कि सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सदस्यों के न्यूनतम पेंशन को 9 गुना तक बढ़ा सकती है.अगर ऐसा होता है तो हर महीने न्यूनतम पेंशन को 9 हजार रुपये तक बढ़ा दिया जाएगा. यानी ईपीएस से जुड़े लोगों को हर महीने 1 हजार रुपये के बजाय 9 हजार रुपये मिलेंगे.

बताया जाता है कि संसद की स्थाई समिति ने मार्च 2021 में इस बारे में सुझाव दिया था. समिति ने कहा था कि मिनिमम पेंशन की रकम को मौजूदा एक हजार से बढ़ाकर 3 हजार किया जाना चाहिए. हालांकि पेंशनर्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर 9 हजार किया जाना चाहिए. ऐसा होगा तभी ईपीएस-95 से जुड़े पेंशनर्स को सही अर्थों में फायदा मिल पाएगा.एक सुझाव यह भी है कि मिनिमम पेंशन संबंधित व्यक्ति की अंतिम सैलरी से डिसाइड हो. रिटायर होने से ठीक पहले कर्मचारी को जो अंतिम सैलरी मिली थी, उसे आधार बनाकर मिनिमम पेंशन तय होना चाहिए. श्रम मंत्रालय की फरवरी में होने जा रही बैठक में इस सुझाव पर भी गौर किया जा सकता है.

ईपीएफ मेंबर को सरकार जल्द ही बड़ा तोहफा दे सकती है. दरसल ईपीएफओ के अंतर्गत आने वाले रिटायर्ड पेंशनधारको की सालो से लंबित मांग को अब सरकार मान सकती है.अभी ईपीएफ के पेंशनधारको को न्यूनतम पेंशन 1000/- रुपये दी जा रही है.जिसे अब बढ़ाकर 9000/- रुपये प्रति महीने करने की खबरे कई मिडिया सूत्रों से निकलकर आ रही है.फरवरी 2022 में श्रम मंत्रालय की एक अहम बैठक है जिसमे यह फैसला लिया जा सकता है.

वर्तमान में ईपीएफ मेंबर को 1000/- रुपये न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था है.हालांकि ईपीएफओ के सदस्यों को पेंशन स्कीम का लाभ लेने के लिए कम से कम 10 साल तक इपीएफओ का सदस्य बना रहना जरुरी है.किसी भी तरह संघठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी, जहा 20 या 20 से अधिक कर्मचारी कार्य करते है ऐसे कम्पनी, संसथान में कार्यरत कर्मचारी को पीएफ की सुविधा दी जाती है.ऐसे कर्मचारी का उनके बेसिक वेतन से 12% वेतन पीएफ में जमा होता है और इतना ही उस कंपनी के नियोक्ता के द्वारा भी जमा किया जाता है.जिसका 3.67% हिस्सा पीएफ में और 8.33% प्रतिशत हिस्सा पेंशन स्कीम में जमा होता है.अब यदि कर्मचारी 10 वर्ष तक यह अंशदान जारी रखता है तो उसे पेंशन स्कीम का लाभ दिया है. और इस पेंशन स्कीम में वृद्धा पेंशन और बच्चो की पेंशन का भी नियमानुसार प्रावधारन है.

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