आलोक कुमार
पटना.पटना नगर निगम का चुनाव सिर पर है.पटना नगर निगम में 75 है.जिसपर अप्रैल-मई में चुनाव होना है.इस बार जनता जनार्दन को वार्ड पार्षदों के साथ- साथ सीधे मेयर और डिप्टी मेयर काे भी चुनना है.अभी से ही मेयर और डिप्टी मेयर पद का भावी प्रत्याशियों का नामों की घोषणा होने लगी है.सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू राय ने वर्तमान डिप्टी मेयर रजनी देवी को मेयर पद का प्रत्याशी घोषित कर बाजी मार दिये है.
पटना नगर निगम के नए डिप्टी मेयर का चुनाव नवंबर हो गया. वार्ड 22 सी से पार्षद रजनी देवी ने डिप्टी मेयर के चुनाव में जीत हासिल की. उन्होंने वार्ड 22 बी की नगर पार्षद सुचित्रा सिंह को 15 मतों से हराया. पटना नगर निगम में भारी उठापटक के बाद डिप्टी मेयर चुन ली गई . 75 वार्ड पार्षद वाले निगम में कुल 58 वोट पड़े, जिसमें 43 वोट रजनी देवी को मिला.
कहा जाता है कि मेयर सीता साहू ने अंतिम समय में रजनी देवी को मैदान में उतार कर नया दाव चला, जिसके बाद विरोधी चारों खाने चित्त हो गए. मजेदार बात ये है कि ये वही रजनी देवी हैं, जिन्होंने 2017 में मेयर सीता साहू को मेयर चुनाव में चुनौती दी थी. लेकिन अंतिम समय में मेयर सीता साहू की तरफ से रजनी देवी को मैदान में उतारे जाने के बाद विपक्षी पार्षद भी हैरान रह गए.
इस बीच बिहार सरकार ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2022 जारी कर बिहार नगरपालिका से जुड़े जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को छीनकर मेयर और डिप्टी मेयर के प्रत्यक्ष चुनाव का फैसला लिया है. नए अध्यादेश से शहरी स्वायत्त शासन के शक्तियों के विकेंद्रीकरण की जगह केंद्रीयकरण होगा. पटना नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है.
पूर्व डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता ने कहा कि बिहार सरकार के कैबिनेट में यह कानून पास कर दीं गई है लेकिन यह न्याय संगत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री का चुनाव लोकसभा के सदस्य और मुख्यमंत्री का चुनाव विधानसभा के सदस्य करते हैं. ठीक उसी प्रकार से नगर निकाय चुनाव में निगम पार्षद ही मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कर सकते हैं. अगर ऐसा नहीं होता है तो मेयर, डिप्टी मेयर और निगम पार्षदों का चुनाव भी दलीय आधार पर होना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि यह बात सही है कि पार्षदों के द्वारा मेयर या डिप्टी मेयर का चुनाव में पैसों का बंदरबांट होता है लेकिन चुनाव अगर दलीय आधार पर हो तो निष्पक्ष वातावरण में भयमुक्त चुनाव होगा. नगर निकाय कानून में जो नया अध्यदेश की मंजूरी बिहार सरकार के कैबिनेट से पास होकर राजपाल द्वारा मंजूरी दी गई है, उसपर विचार करने की जरूरत है.
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