आलोक कुमार
पटना.अभी बिहार में मधेपुरा जिले के रहने वाले ब्रह्मदेव मंडल के 11 बार कोरोना टीका की डोज लेने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब राज्य में टीकाकरण का एक और फर्जीवाड़ा सामने आ गया है.इस बार यह कारनामा पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह के द्वारा किए जाने की बात सामने आई है.पटना की सिविल सर्जन के द्वारा आधार कार्ड पर तीन और पैन कार्ड का इस्तेमाल कर दो बार टीकाकरण कराने के प्रमाणपत्र लीक होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जाता है कि डॉ. सिंह अलग-अलग प्रमाणपत्र के रूप में आधार कार्ड और दूसरे में पैन कार्ड का इस्तेमाल कर कोविशील्ड की अबतक 5 डोज ले चुकी हैं, इसके बाद उन्होंने प्रिकॉशन की भी डोज भी ले ली है.
टीका की 5 डोज के लिए उन्होंने दो अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराए हैं. पटना सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने आधार कार्ड से हुए पंजीयन में 6 फरवरी 2021 को पहली, 12 मार्च को दूसरी और 13 जनवरी 2022 को कोविशील्ड वैक्सीन की प्रिकॉशनरी डोज लेने का प्रमाणपत्र जारी हुआ है.वहीं पैन कार्ड से हुए पंजीयन में 6 जनवरी 2021 को कोविशील्ड की पहली और 17 जून 2021 को दूसरी डोज का प्रमाणत्र जारी किया गया है. इस प्रकार एक साल से कम समय अंतराल में उन्होंने कोविशील्ड की पांच डोज ले ली है. वहीं, यह मामला सामने आने के बाद भारत सरकार के कोविन पोर्टल पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है .स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों ने जांच कराकर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है.
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.इसबीच सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने पांच डोज लेने से इनकार करते हुए पैन कार्ड के दुरुपयोग करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि यह किसी की साजिश है और जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने प्रिकॉशनरी समेत तीन डोज लेने का ही दावा किया है. डॉ. सिंह ने कहा कि टीकाकरण के शुरुआती दौर में जब विभाग की ओर से कार्यालय कर्मियों की सूची मांगी गई थी तो उन्होंने अपने पैन कार्ड का ब्यौरा ही दिया था, तबी उसका गलत इस्तेमाल हुआ है.उन्होंने कहा कि मैंने अपने आधार कार्ड नंबर से पंजीयन करा कर भारत सरकार के नियमानुसार कोविशील्ड की तीन डोज ली है। मेरा पैन कार्ड नंबर तीन कार्यालयों के पास है. वहीं से किसी व्यक्ति ने इसे प्राप्त कर पंजीयन कराया होगा. सिविल सर्जन ने कहा कि कोरोना टीकाकरण की बाबत भारत सरकार के दिशा निर्देशों का न केवल मुझे पूरा ज्ञान है बल्कि उनका अनुपालन सुनिश्चित कराने की भी जिम्मेदारी है, ऐसे में मैं खुद कैसे पांच डोज ले सकती हूं? लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि बिना टीका लिए उस नंबर से प्रमाणपत्र कैसे जारी हो गया? यह जांच का विषय है.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह कहते हैं, 'अगर ब्रह्मदेव मंडल की तरह कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी भारत सरकार की गाइडलाइन तोड़कर एक से अधिक रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीनेशन कराता है, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई की जाएगी'
प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी विनायक ने कहा, 'वैक्सीनेशन का प्रोटोकॉल भारत सरकार ने तैयार किया है. हम भारत सरकार की गाइडलाइन पर ही रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन कराते हैं. गाइडलाइन के मुताबिक ही रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन कराया जाता है. अब तक पटना में ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है.अगर आता है तो उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराया जाएगा'.
5 डोज वैक्सीनेशन को लेकर सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह का कहना है कि उन्होंने अतिरिक्त डोज नहीं लिया है। वह मामले जांच की बात कह रही हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपने आधार नंबर से कोविशील्ड की दो निर्धारित डोज़ और एक प्रिकॉशन डोज ली हैं। सिविल सर्जन का कहना है कि आधार नंबर के अलावा किसी भी अन्य ID का प्रयोग उनके स्तर से नहीं किया गया है. उनका कहना है कि उनकी अन्य ID का दुरुपयोग जिस स्तर से भी हुआ है उसकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.अब बड़ा सवाल यह है कि सिविल सर्जन के नाम पर दूसरा रजिस्ट्रेशन कैसे किया गया? अब यह खुलासा जांच में होगा कि गड़बड़ी कहां से हुई है.
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