आलोक कुमार
पटना.स्वामी विवेकानंद का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है, नई सोच और ‘जो कहो वो कर दिखाने‘ का जज्बा रखने वाले विवेकानंद एक अभूतपूर्व मानव थे. स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था.उनका वास्तविक नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. उनके पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे. स्वामी जी के ऊपर उनकी मां का गहरा प्रभाव था इसलिए उनका ध्यान शुरू से आध्यात्म की ओर था.
आज सेंट जेवियर्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज की सामाजिक जागरूकता समिति ने स्वामी विवेकानंद के 159वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस 2022 को वर्चुअल मोड में मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज एंथम के साथ हुई और इसके बाद पोस्टर डिस्प्ले में पिछले एक दशक में कॉलेज की यात्रा को दर्शाया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी सर्वो विद्यानंद, सचिव रामकृष्ण मिशन बिहार-झारखंड थे. उन्होंने युवा पीढ़ी के बीच नैतिक मूल्यों को विकसित करने के लिए विवेकानंद के शब्दों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने छात्रों को विवेकानंद के जीवन इतिहास और पूरे भारत और विदेशों में युवाओं को सशक्त बनाने के लिए किए गए प्रयासों से अवगत कराया.
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानाचार्य फादर टाॅमी निशांत एसजे ने कहा कि स्वामीजी शिक्षा को एक सतत प्रक्रिया मानते थे जिसमें जीवन के सभी पहलुओं जैसे शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक को आत्मसात किया जाना चाहिए. छात्रों से स्वामी विवेकानन्द के पदचिन्हों पर चलने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि नए आधुनिक भारत के निर्माण में स्वामी जी का योगदान अतुलनीय है. कार्यक्रम का यू-ट्यूब पर सीधा प्रसारण किया गया. बीएमसी-2 के विकास कार्यक्रम के एंकर थे और उन्होंने कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए सभी को धन्यवाद दिया.
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