शराबबंदी के नाम पर गरीबों को प्रताड़ित किया

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शराबबंदी के नाम पर गरीबों को प्रताड़ित किया

आलोक कुमार 

पटना.जब से बिहार में शराबबंदी लागू की गयी है तब से पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते आ रहे हैं.उनका कहना है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की शराब नीति से गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है.बिहार में एक ओर जहां शराबबंदी कानून को कड़ाई से पालन करवाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कड़े तेवर अपनाए हुए हैं, वहीं सरकार में ही शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का दावा है कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शराब के खिलाफ अभियान में पुलिस ने साल भर में 45 लाख लीटर से अधिक शराब पकड़ी है. बिहार पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में पुलिस के मद्य निषेध प्रभाग ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन से जुड़े 66,258 मामले दर्ज किए. 82,903 को गिरफ्तार किया गया. इनमें 2046 दूसरे राज्यों के रहनेवाले हैं. पुलिस ने 15 लाख 62 हजार 354 लीटर देसी और 29 लाख 74 हजार 727 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की.यानी कुल 45 लाख 37 हजार 81 लीटर शराब पकड़ी गई. इस दौरान पुलिस ने 47 लाख 65 हजार 288 लीटर शराब नष्ट किया। कानून के तहत कोर्ट में ट्रायल के बाद 310 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई.

साल 2021 में पुलिस ने शराबबंदी कानून के तहत 14,812 छोटे-बड़े वाहनों को जब्त किया. इनमें 10,212 दो पहिया जबकि 4,600 तिनपहिया और चारपहिया वाहन जब्त किये गए.पुलिस के मुताबिक जब्त वाहनों में 612 ट्रक भी शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शराब की तस्करी के लिए किया जा रहा था. यानी हर माह 51 ट्रक शराब पकड़ी गई.

कानून का उल्लंघन करनेवाले पुलिस पर कार्रवाई भी हुई. पिछले साल 30 पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया गया.वहीं 134 के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू की गई.इसके अलावा 45 पदाधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जबकि 17 पुलिस अफसरों को थानाध्यक्ष के पद से हटाया गया.

राजधानी पटना में है दीघा थाना। दीघा थाने की पुलिस नाच बगीचा मुसहरी में बहादुरी दिखायी है.आजादी के 75 सालों में सरकार ने गरीबों को आशियाना उपलब्ध नहीं करा सकी है.अपने बल पर मिट्टी और बांस का घर बनाकर तंगी हालत में रहने वाले महादलितों का ठौर को पुलिस ने ढाहकर तहस-नहस कर दी है. पुलिस के द्वारा शराबबंदी के नाम पर गरीबों का घर तोड़ दी गयी है.छोटे -बड़ों के जुब़ान पर पुलिसिया आंतक का बयान है.एक साथ 2 महिला और 25 पुरूषों को पुलिस धड़ पकड़कर ले गयी.इसके दहशत में आकर गरीब मुसहरों ने मुसहरी छोड़कर भागने को विवश हो गये  हैं.

बताया जाता है कि महादलित मुसहर आवाज व साधनहीन हैं.तब जाकर महादलित दीघा थाना की पुलिस के निशाने पर हैं.सूत्रों का कहना है कि मुसहरी में शराब माफियाें के द्वारा मुसहरों से शराब बेचवाया जाता है.इन शराब माफियाओं की सांठगांठ पुलिस से है.आजतक कथित शराब माफियाें पर हाथ लगाने की हिम्मत पुलिस नहीं कर पाती है.और तो और उनके इशारे पर पुलिस दलितों को पकड़ती है.आप शराब बेंचो या न बेंचो,फर्क नहीं पड़ता है.शराबबंदी कानून की आड़ में गरीबों और दलितों को पकड़कर जेल में डाला जा रहा है। यह न्याय संगत नहीं है.

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