बिहार विधान परिषद की 24 सीट पर संग्राम

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बिहार विधान परिषद की 24 सीट पर संग्राम

आलोक कुमार

पटना.अलविदा 2021 में बिहार में त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत का चुनाव हुआ.अब वेलकम 2022 में नगर निगम का चुनाव होने जा रहा है.इसके अलावे 24 सीट बिहार विधान परिषद में रिक्त है.दही-चूड़ा खाकर परिषद का चुनाव करेंगे.राज्य सभा के 5 सांसदों का कार्यकाल जुलाई माह में खत्म होने जा रहा है.यह सब मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानि कल 15 दिसंबर 2021 से मलमास या खरमास शुरू हो गया है, जो नए साल 2022 में 14 जनवरी पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि तक रहेगा.इसके बाद बिहार विधान परिषद की 24 सीट पर संग्राम तेज हो जाएगा.

इसके बाद कुल मिलाकर सूबे में चुनावी माहौल बन जाएगा.

बिहार विधान परिषद की 24 सीट पर संग्राम

 बिहार विधान परिषद में समय-समय पर सदस्‍य- संख्‍या में वृद्धि और कमी की गई है. 26 जनवरी, 1950 को लागू भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद-171 में वर्णित उपबन्‍धों के अनुसार विधान परिषद के कुल सदस्‍यों की संख्‍या 72 निर्धारित की गई. पुन: विधान परिषद अधियम, 1957 द्वारा 1958 ई. में परिषद के सदस्‍यों की संख्‍या 72 से बढ़ाकर 96 कर दी गई. बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 द्वारा बिहार के 18 जिलों तथा 4 प्रमंडलों को मिलाकर 15 नवम्‍बर, 2000 ई. को बिहार से अलग कर झारखंड राज्‍य की स्‍थापना की गई और बिहार विधान परिषद के सदस्‍यों की संख्‍या 96 से घटाकर 75 निर्धारित की गई. अभी बिहार विधान परिषद में 27 सदस्‍य बिहार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से, 6 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से, 6 स्‍नातक निर्वाचन क्षेत्र से, 24 स्‍थानीय प्राधिकार से तथा 12 मनोनीत सदस्‍य हैं.

राज्य में 20 एमएलसी का कार्यकाल 16 जुलाई, 2021 को खत्म हो गया, उनमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्‍ना जी पांडेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्‍ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरिनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद शामिल हैं. इनके अलावा नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्‍य नारायण पांडेय और राजेश राम का कार्यकाल भी खत्‍म हो रहा है.  

वहीं, चार विधान परिषद के पद पहले से खाली हैं. इनमें एक सदस्य का निधन हो चुका है जबकि अन्‍य तीन विधायक बन चुके हैं. आरजेडी के टिकट पर रीतलाल यादव दानापुर से विधायक हो गए तो सीतामढ़ी से आरजेडी के विधान पार्षद दिलीप राय जेडीयू से विधायक बने हैं. इसके अलावा जेडीयू के ही एमएलसी मनोज यादव भी विधायक बन चुके हैं जबकि दरभंगा के बीजेपी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह का निधन हो गया था. इस तरह से कुल 24 विधान परिषद की सीटें खाली हो रही हैं. 

पंचायत चुनाव के चलते जिन 24 विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव बाधित हुआ है, उनमें पटना स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, नालंदा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, गया सह जहानाबाद सह अरवल स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,औरंगाबाद स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, नवादा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, भोजपुर सह बक्सर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, रोहतास सह कैमूर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सारण स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सीवान स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, गोपालगंज स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,पश्चिम चंपारण स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं.

वहीं, पूर्वी चंपारण स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र व मुजफ्फरपुर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के साथ ही वैशाली स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सीतामढ़ी सह शिवहर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, दरभंगा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र,समस्तीपुर स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र और मुंगेर सह जमुई सह लखीसराय सह शेखपुरा स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र है. 

बेगूसराय सह खगड़िया स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, सहरसा सह मधेपुरा सह सुपौल स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, भागलपुर सह बांका स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, मधुबनी स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र, पूर्णिया सह अररिया सह किशनगंज स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र और कटिहार स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र की सीटें शामिल हैं.

शहरी निकायों में चुनाव होना है

बिहार सरकार में शहरों की संख्या बढ़ने से 111 नए शहरी निकायों की मंजूरी दी है. जिसमें 103 नगर पंचायत और 5 नगर निगम का विस्तार किया गया है. अब बिहार में कुल 17 नगर निगम है. हालांकि पहले से मौजूद 12 नगर निगम में आज भी मूलभूत सुविधाओं के साथ कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है.बिहार में पहले से 12 नगर निगम को बढ़ाकर 17 कर दी गयी है. इनमें बेहतर सुविधा देने की बात कही जा रही है. पर सच्चाई तो यह है कि पहले से मौजूद 12 नगर निगम में आज भी मूलभूत सुविधाओं के साथ कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है. हालांकि मंत्री कह रहे हैं इसे दूर करने की लगातार कोशिश की जा रही है.सबसे बड़े निगम पटना नगर निगम की सच्चाई देख आप हैरान हो जाएंगे. जब पटना नगर निगम की स्थापना हुई थी तो निगम क्षेत्र में साढ़े चार लाख जनसंख्या थी. उस पर 4600 कर्मचारी कार्यरत थे. लेकिन आज शहर की जनसंख्या 20 लाख है. उस अनुपात में कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी. निगम में कुल 20000 कर्मचारियों की संख्या होनी चाहिए थी जो सिर्फ 8 हजार है.आज के समय में शहर की जो जनसंख्या है. उस जनसंख्या के अनुसार हम, लोगों को मूलभूत सुविधा नहीं दे पाते हैं. इसकी वजह यही है कि हमारे पास कर्मचारियों की संख्या कम है.दैनिक और आउटसोर्सिंग पर सफाई कर्मियों की संख्या 5200 है. जो शहर की सफाई व्यवस्था में दिन रात लगे रहते हैं. कर्मियों की संख्या कम है और शहर की जनसंख्या काफी बढ़ गई है. जिसकी वजह से परेशानी हो रही है.बिहार में पहले से पटना, मुजफ्फरपुर,  भागलपुर, दरभंगा, मुंगेर,गया,आरा,बिहारशरीफ, पूर्णिया, बेगूसराय,कटिहार और छपरा 12 नगर निगम थे.अब सासाराम,मोतिहारी, बेतिया, मधुबनी और समस्तीपुर को बढ़ाकर 17  नगर निगम हो गया है.

पटना जिले के नगर पंचायत मनेर का नगर परिषद में उत्क्रमण

कैबिनेट की बैठक में आज कुल 14 एजेंडों पर मुहर लगी.बिहार में 3 नये नगर निकाय का गठन हुआ वही 7 को उत्क्रमित किया गया वही 7 के क्षेत्र और नाम में संशोधन किया गया है. पटना का मनेर नगर पंचायत को नगर परिषद किया गया.वही लखीसराय के बड़हरिया नगर पंचायत अब नगर परिषद में तब्दिल हो गया है. वही सहरसा नगर परिषद अब नगर निगम हो गया है. मुजफ्फरपुर नगर निगम के क्षेत्र का भी विस्तार किया गया है.जमुई में नगर पंचायत झाझा नगर परिषद हो गया है.मधुबनी में झंझारपुर नगर पंचायत और नालंदा में इस्लामपुर नगर पंचायत भी अब नगर परिषद हो गया है.

पश्चिम चंपारण में योगपट्टी नगर पंचायत का नाम मच्छरगामा नगर पंचायत करने को मंजूरी दी गयी है.मधुबनी नगर निगम में ग्राम पंचायत मगरोनी के उत्तरी वार्ड संख्या एक-दो और वार्ड संख्या रघुनी देहट के वार्ड संख्या 8 से 13 को नगर निगम में सम्मलित किया गया है.

किशनगंज में नगर पंचायत पोआखरी में एक राजस्व ग्राम को सम्मलित किया गया है.नवादा के नगर परिषद हिसुआ में रेपुरा को जोड़ा गया है. दरभंगा के नगर पंचायत कमतौल में ग्राम पंचायत अधियारी दक्षिणी के वार्ड संख्या 14 और राजस्व ग्राम हेसरी को जोड़ा गया है.अब उसका नया नाम नगर पंचायत कमतौल अधियारी होगा.

इस बीच नगर निकाय का चुनाव के आलोक में भावी प्रत्याशी पोस्टरों के माध्यम से मैदान में कूद गये हैं.पटना नगर निगम की पार्षद सह मेयर सीता साहू और पार्षद सह डिप्टी मेयर रजनी देवी की कुर्सी बचाने की तैयारी शुरू कर गयी है.वहीं पार्षद सह डिप्टी मेयर रजनी देवी के प्रतिनिधि पप्पू राय का कहना है कि 22 बी से रीता देवी और 22 सी से रजनी देवी भावी प्रत्याशी हैं.उन्होंने कहा कि 2021 में  पार्षद रजनी देवी को डिप्टी मेयर बनाने में पार्षदों के सहयोग से सफल हो गये है.वहीं त्रिस्तीय ग्राम पंचायत चुनाव में पटना सदर प्रखंड के नकटा दियारा पंचायत के पंचायत समिति से चंदन कुमार जन सहयोग से जीत पाये हैं.अब 2022 में 22 बी से रीता देवी और 22 सी से रजनी देवी भावी प्रत्याशी को जन सहयोग से विजयी बनाना है.यह पटना नगर निगम क्षेत्र में पड़ता है.

राज्य सभा के पांच सीट जुलाई में खाली

नए साल में बिहार में राज्यसभा (Rajya Sabha) की पांच सीटों के लिए होने वाले चुनाव को ले राजनीतिक गलियारे में बड़े स्तर पर सरगर्मी रहेगी। जदयू, राजद और भाजपा के कई महत्वपूर्ण लोगों का कार्यकाल अगले वर्ष सात जुलाई को खत्म हो रहा है। जुलाई में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) का कार्यकाल खत्म हो रहा। राजनीतिक गलियारे में जदयू के राज्यसभा सदस्य आरसीपी के पुन: राज्यसभा में जाने की बात तय मानी जा रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा कि अगर वह रिपीट नहीं होते हैं तो फिर केंद्र में मंत्री बने रहना संभव नहीं हो पाएगा। इसी तरह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद (RJD Supremo Lalu Prasad) की पुत्री डा. मीसा भारती को भी रिपीट होने की चर्चा है। उनका कार्यकाल भी अगले वर्ष सात जुलाई को खत्म हो रहा।

केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और डा. मीसा भारती का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है.भाजपा के सतीश चंद्र दूबे औैर गोपाल नारायण सिंह की सीट खाली होगी.जदयू के किंग महेंद्र के निधन की वजह से सीट खाली हुई है.उक्त सीट पर उपचुनाव होगा.

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