लखनऊ. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार अयोध्या में भूमि खरीद में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जांच का नाटक कर रही है. पार्टी ने कहा है कि भाजपा के नेता और आला नौकरशाह इस भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी में शामिल हैं. इसकी जांच विशेष सचिव स्तर के अपने एक अधिकारी को देकर दरअसल प्रदेश सरकार जांच का दिखावा कर रही है और विधानसभा चुनाव की पूर्व बेला में सच को सामने आने नहीं देना चाहती है.
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने गुरुवार को कहा कि नियमों को ठेंगा दिखाकर दलितों की जमीन का वारा-न्यारा किया गया है. इसमें वे लोग शामिल हैं जिन पर नियम-कानून के पालन की जवाबदेही है. ऐसे में इसकी समयबद्ध जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय टीम द्वारा होनी चाहिए. जांच में दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
माले नेता ने कहा कि अयोध्या में यह लगातार दूसरा भूमि घोटाला है. ये दोनों घोटाले एक ऐसी सरकार में हुए हैं, जो भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का ढिंढोरा पिटती है और रामराज्य होने का दम्भ दिखाती है. जबकि भूमि हड़प, भाई-भतीजावाद, नेता-नौकरशाह मिलीभगत सब कुछ सरकार की नाक के नीचे होता रहा और वह बेखबर बनी रही. अगर मीडिया के एक हिस्से ने इस भूमि लूट को उजागर न किया होता, तो इसे 'रेड कारपेट' के नीचे दबा दिया गया होता.
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