शराब बंदी के नाम पर सत्ताधारियों को बचाना, गरीबों को सताना बंद हो

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शराब बंदी के नाम पर सत्ताधारियों को बचाना, गरीबों को सताना बंद हो

आलोक कुमार 
पटना.मंहगाई पर रोक और रसोई गैस का दाम घटाने की मांग. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने महंगाई पर अंकुश लगाने और शराबबंदी के नाम पर गरीबों को सताने और नेताओं को बचाने की सरकारी नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया. पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के निकट ऐपवा पटना नगर इकाई द्वारा प्रदर्शन आयोजित किया गया. प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महिलाओं ने पुतला फूंका. 

इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार मंहगाई रोकने और गरीब महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने के नाम पर सत्ता में आई, लेकिन आज  ₹1000 का सिलेंडर मिल रहा है जो महिलाओं के लिए खरीदना मुश्किल है. उन्होंने मांग किया कि रसोई गैस को भी राशनिंग सिस्टम के तहत लाया जाए और बाजार में मिलने वाले घरेलू उपयोग के लिए रसोई गैस के प्रति सिलेंडर की कीमत अधिकतम ₹500 हो. 

उन्होंने बिहार सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि शराबबंदी महिलाओं की मांग थी लेकिन रोजगार का इंतजाम किए बगैर दलित टोला में पुलिस छापेमारी कर रही है जबकि भाजपा नेता, बिहार सरकार के भू राजस्व मंत्री रामसूरत राय के स्कूल से शराब के सैकड़ों बोतल लदी गाड़ियां मिलीं, मंत्री के भाई पर नामजद एफआईआर हुआ बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता.स्कूल जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित नहीं होता. बिहार में शराब के साथ साथ स्मैक, हेरोइन और नशीली दवाइयों का व्यापार बहुत तेजी से हो रहा है ,कम उम्र नौजवानों को इसका शिकार बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को कारगर तभी बनाया जा सकता है जब गरीबों को रोजगार मिले,ज्यादा से ज्यादा नशामुक्ति केंद्र खुलें,अस्पताल और मनोचिकित्सक नियुक्त हों क्योंकि घर-घर शराब के रोगी तो नीतीश जी ने ही अपने पहले कार्यकाल में पैदा किया है.  

महासचिव मीना तिवारी, राज्य सचिव शशि यादव, नगर सचिव अनीता सिन्हा, कोरस की संयोजक समता राय,अनुराधा देवी, माधुरी गुप्ता,इंसाफ मंच की आसमां खान, विभा गुप्ता समेत कई महिला नेताओं ने सभा को संबोधित किया. 3 से 10 दिसंबर तक चलने वाले राज्यस्तरीय अभियान के तहत आज बिहार के विभिन्न जिलों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए गए. 
 

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