छपरा.छपरा जिले के परसा प्रखंड में है सगुनी पंचायत.इस पंचायत की सरपंच हैं बिंदु देवी.सरपंच के पति मणिलाल हैं जो पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हैं.परसा थाने की पुलिस ने 24 अक्टूबर को सरपंच बिंदु देवी पर फर्जी मुकदमा दर्ज करके 25 अक्टूबर को जेल भेज दी.पब्लिक प्रेसर पर पुलिस के आरोप पत्र पर गहन समीक्षा करने के बाद कोर्ट ने जमानत दे दी.तीस दिनों के बाद बिंदु देवी जमानत रिहा कर दी गयी.
अब दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग उठने लगी
पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मणिलाल हैं.उनकी पत्नी बिंदु देवी सरपंच हैं.दोनों कानून के जानकार व्यक्ति हैं.दोनों कानून के जानकार व्यक्तियों को चकमा देकर परसा थाने की पुलिस ने 24 अक्टूबर को सरपंच बिंदु देवी पर फर्जी मुकदमा दर्ज करके 25 अक्टूबर को जेल भेजने में सफल हो गयी.मामले की सत्यता यह है कि बिंदु देवी के दो पटीदारों (देयाद) के बीच आपसी झगड़ा 11बजे दिन में हो रहा था. दोनों के बीच मारपीट होते देख बिंदु देवी बीच -बचाव करने गयी.वह मारपीट छुड़ाने लगीं.जिसके बाद दोषी पक्ष को लगा कि यह सही न्याय दिलाने में मदद करेंगी.जिसके कारण सरपंच का नाम भी उक्त मामले में शामिल कर लिया.उनके अच्छे कार्यो से भयभीत भ्रष्ट राजनैतिक विरोधियों ने एकजुट होकर बिंदु देवी को फंसाने की अंदेशा होने पर तत्काल थाना प्रभारी को सूचना दीं, फिर लिखित आवेदन भी दीं.शाम में अंधेरा होने पर थाने की पुलिस आयी और मारपीट करने वाले दोनों पक्षों को पकड़ने के बजाय, बिना किसी से पूछ-ताछ किए पूर्वाग्रह एवम कपट पूर्वक कार्रवाई करते हुए सरपंच बिंदु देवी जी को अपशब्द बोली, उनकी बांह मरोड़कर जबरदस्ती दुर्व्यहार करते हुए जीप में बैठा कर थाने ले गयी.उनका नाम भी 24अक्टूबर को प्राथमिकी में फर्जी तरीके से शामिल कर दिया.25 अक्टूबर को दोपहर के बाद बिंदु जी को सीजेएम छपरा के सामने पेश किया गया और उन्हें छपरा मण्डल कारा में शाम में भेज दिया गया है.
विरोध का स्वर मुखर
इस तरह की घोर जनविरोधी कार्रवाई बिहार पुलिस की कार्यशैली पर धब्बा लग गया.सरपंच बिंदु देवी जी व अधिवक्ता मणिलाल जी बिहार के सामाजिक कार्य करने वाले आदर्श दम्पति है.यह कहा जा रहा है कि इस समय सभी न्याय पसंद समाज को इनके साथ खड़ा होकर पुलिस के निरंकुश राज के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.इस मामले में NAPM बिहार की तरफ से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास प्रेषित पत्र में व्यापक रूप से चर्चा की गयी है.बताया गया कि सारण (छपरा) जिले के परसा प्रखण्ड के आदर्श पंचायत सगुनी की आदर्श सरपंच, प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता बिंदु देवी को परसा थाने की पुलिस, 24 अक्टूबर की देर शाम अंधेरे में गिरफ्तार कर, बाद में फर्जी मुकदमा दर्ज करते हुए, जेल भेज दिया है.सगुनी की सरपंच, बिंदु देवी को बिना शर्त रिहा कराने, दोषी पुलिस वालों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गयी है.
सरपंच बिंदु देवी छपरा जेल से रिहा
आज एक माह बाद, अन्याय पूर्ण तरीके से सारण जिले के परसा प्रखण्ड के सगुनी की सरपंच बिंदु देवी छपरा जेल से रिहा हुई. उनका जगह-जगह स्वागत लोगों ने किया.कई किलोमीटर उनके समर्थक पैदल ही चल दिए.अन्याय खिलाफ लड़ाई में लोगों की यह सहभागिता और अनेक जनसंगठनों का साथ होना वाकई में इस कठिन समय में सकून देता है. वे सभी का आभार व्यक्त करते हुए अन्याय व भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रखने का ऐलान की है.
सगुनी की सरपंच बिंदु देवी को आज जेल से रिहा किया गया. उनको एडीजे कोर्ट से 22 को जमानत मिल गयी थी.कागजी कार्रवाई पूरा होने के बाद आज उन्हें रिहा किया गया.आज जेल से रिहा होने पर सोनहो के पास टोल प्लाजा पर भारी संख्या में समर्थक जूटकर उनका स्वागत किए.वहां से पैदल ही सैकड़ो लोग उनके घर तक चल दिए. सगुनी पंचायत के अनेक स्थान पर लोग उनको माला पहनाकर फूलों की वर्षा कर स्वागत किए.जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) के उदय, शाहिद कमाल, आशीष रंजन, शांति रमन, किरण देव यादव, कामायनी स्वामी, काशिफ युनूस, विनोद रंजन, संदीप यादव, अरविंद, नीरज, विद्याकर, रजनीश,विनोद कुमार, जितेंद्र पासवान, शिवनारायण, व महेंद्र यादव बिंदु देवी को न्याय दिलवाने का प्रयास किये.
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