आलोक कुमार
पटना.राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने दिल्ली में और बिहार में आने के बाद पटना में बिहार में लागू शराबबंदी को खत्म करने की मांग की है. चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में हाजिरी देने पटना पहुंचे हैं.लालू प्रसाद ने दिल्ली की तरह पटना में भी शराबबंदी पर निशाना साधा. लालू प्रसाद ने कहा बिहार के चारों तरफ बंगाल, उत्तरप्रदेश, झारखंड एवं नेपाल में खुले आम शराब की बिक्री हो रही है. इन राज्यों के बीच टापू बना है बिहार.इसके शराब की तस्करी रोकना काफी मुश्किल होगा.उन्होंने कहा कि बिहार में जब शराबबंदी लागू हुई थी. तब नीतीश कुमार जी आए थे. उन्होंने पूछा कि इसको इंप्लीमेंट कैसे करेंगे.
लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार में चारों तरफ से स्मगलिंग हो रहा है. शराबबंदी कानून फेल हो चुका है. बिहार में शराब की बिक्री नहीं रुकी है. लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं शराब की होम डिलीवरी हो रही है. रेवेन्यु भी जा रहा है, लेकिन नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े हैं.
लालू प्रसाद ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महिलाओं के कमरे में पुलिस घुस रही है, बिहार में शराबबंदी के नाम पर यही हो रहा है. शराब की बिक्री नहीं रूक रही है. जहरीली शराब से मौत नहीं रूक रही है. खुलेआम दारू बिक रही है औऱ पुलिस प्रशासन सब फेल है. लेकिन नीतीश महिलाओं के कमरों में पुलिस भेज रहे हैं.
लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार ने तारी से नीरा बनाने की बात कही थी. लेकिन बिहार में नीरा बनाने पर कोई काम नहीं हुआ. इसके बजाय पुलिस अब पासी समाज के लोगों को परेशान कर रही है. नीतीश सरकार की पुलिस तारी का कारोबार करने वाले समाज को परेशान करने मे लगी है. ये लोग ताड़ी उतारने चढ़े रहते हैं. नीचे पुलिस खड़ी रहती है. जिससे ताड़ी उतारने वाले गिर कर मर जाते हैं.
इसके साथ ही लालू प्रसाद से जब पूछा गया कि 2016 में आपने भी तो शराबबंदी क समर्थन किया था. इसपर लालू प्रसाद ने कहा उन्होंने समर्थन किया था, लेकिन जहरीली शराब से लोगों को मरवाने का समर्थन नहीं किया था. शराब की होम डिलेवरी के लिए समर्थन नहीं दिया था. पुलिस महिलाओं को बेईज्जत करे इसके लिए समर्थन नहीं किया था. कौन इसका समर्थन करेगा जो नीतीश कुमार करवा रहे हैं. वहीं चिराग पासवान की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात पर लालू प्रसाद ने कहा कि सबको मिलकर चुनाव लड़नी चाहिए.कांग्रेस भी साथ ही है.
बिहार में शराब बंदी क़ानून को सफल बनाने के लिए लगातार समीक्षा बैठक हो रही है और प्रशासन कड़ाई से क़ानून पालन करवाने की क़वायद करने में लगे हुए है.लेकिन विरोधी पार्टी नीतीश कुमार पर शराबबंदी फेल होने का आरोप लगा रहे हैं.वहीं अब नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा के विधायक ने भी नीतीश कुमार से शराबबंदी क़ानून ख़त्म करने की मांग कर राजनीति गरमा दी है.भाजपा विधायक हरी भूषण ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि जैसे कृषि क़ानून को वापस लिया गया है, वैसे ही शराबबंदी क़ानून को भी नीतीश कुमार वापस ले.बिहार में इंजीनियर और डॉक्टर पकड़े जा रहे हैं, जो शराबबंदी को असफल बना रहे है.वैसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही है.
मालूम हो कि सबसे पहले जब शराबबंदी कानून लागू किया गया था, तब भी इन्हें साल 2016 में उत्पाद विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया था. नीतीश कुमार के इस सपने को साकार करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. इसी वजह से सीएम ने फिर से शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा सौंपा गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त छवि के आईएएस अधिकारी के.के. पाठक को मद्य निषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया है.
इस बीच राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस दिन आप माफियाओं को पकड़ने लग जाओगे उस दिन आप स्वयं पकड़ में आ जाओगे, यही सबसे बड़ा खतरा है. क्योंकि माफियाओं का पोषण आप ही कर रहे हो. इसका सबसे बड़ा सबूत है कि जब सीएम के गृह जिले नालंदा में जिला का जदयू का नेता पकड़ा गया तो उस समय केके पाठक की बदली कर दी गई.
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आगे कहा कि जिस घर में शादी की प्रक्रिया शुरु हो जाती है, वहां दुल्हन के कमरे में कोई नहीं जाता है. यहां तक की घरवाले भी नहीं जाते हैं और पुलिस वहां तक भी पहुंच रही है. यदि आप सड़कों पर नाचने वाले को शराब पीया हुआ समझते हो तो पकड़ लो. लेकिन बाहर से आने वाले डॉक्टर्स, इंजीनियर्स जिन्हें यहां के बारे में नासमझी है, उन्हें होटल में जाकर पकड़ लिया गया.
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