बिहार में क्राइस्ट द किंग का पर्व मनाया जा रहा है

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बिहार में क्राइस्ट द किंग का पर्व मनाया जा रहा है

आलोक कुमार 
पटना.बिहार में क्राइस्ट द किंग का पर्व मनाया जा रहा है.राजधानी पटना में है प्रेरितों की रानी ईश मंदिर.जो कुर्जी पल्ली में है.यहां पर क्राइस्ट द किंग का पर्व मनाने की तैयारी जोरशोर जारी है. कुर्जी पल्ली में क्राइस्ट द किंग का पर्व 21 नवंबर को 2:30 से मनाया जाएगा.नवज्योति से जतरा निकलकर सीधे प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में जाकर पवित्र मिस्सा में तब्दील हो जाएगी. 

ब्रह्मांड के राजा, हमारे प्रभु यीशु मसीह की पवित्रता भी कहा जाता है, रोमन कैथोलिक चर्च में मनाया जाने वाला त्योहार किसके सम्मान में मनाया जाता है सारी सृष्टि के स्वामी के रूप में यीशु मसीह. अनिवार्य रूप से उदगम के पर्व का आवर्धन , यह पोप द्वारा स्थापित किया गया था.  

1925 में पायस इलेवन. मूल रूप से, यह अक्टूबर में अंतिम रविवार को मनाया जाता था, लेकिन 1969 में पोप पॉल VI द्वारा प्रख्यापित संशोधित लिटर्जिकल कैलेंडर में इसे साधारण समय के अंतिम रविवार (तुरंत आगमन से पहले ) में स्थानांतरित कर दिया गया था , जहां इसका विषय था मसीह के प्रभुत्व ने इसे लिटर्जिकल वर्ष के लिए एक उपयुक्त अंत बना दिया.त्योहार लूथरन , एंग्लिकन और अन्य प्रोटेस्टेंट चर्चों में भी मनाया जाता है. 


कैथेड्रल ऑफ़ द नेटिविटी ऑफ़ द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी नामक चर्च, बेतिया 

Tabernacle से निकालकर Monstrance with Blessed Sacrament को लेकर चला जाता है.कनोप्पी के अंदर, बिशप अपने हाथो में मॉनस्ट्रेंस में पवित्र सैक्रामेंट लेकर धार्मिक यूखीस्तीय यात्रा में चलते हैं.बेतिया.वैश्विक कोरोना काल में धार्मिक यूखीस्तीय यात्रा करने की हरी झंडी पश्चिम चम्पारण  जिला प्रशासन के द्वारा दे गयी है.इसके आलोक में रविवार 21 नवंबर को  12:00 बजे से यात्रा कैथेड्रल ऑफ़ द नेटिविटी ऑफ़ द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी नामक चर्च,बेतिया से निकलेगी. 

धार्मिक यूखीस्तीय यात्रा चर्च रोड होते हुए कायस्थ पट्टी से मुड़कर सन्त माईकल स्कूल से होकर रेमेजियस स्कूल से होते हुए बायीं ओर से बढ़ेगी और संत तरेसा स्कूल में प्रवेश करेंगी.संत तरेसा स्कूल में पहला बेदी है.यहां पर पवित्र साकार्मेन्ट की आशीष एवं उपदेश होगा. संत तरेसा स्कूल से निकलकर बायीं ओर दरगाह मोहल्ला से होते हुए जेम्स माइकल  के घर होते हुए यूनियन बैंक से दाहिने मुड़कर चर्च रोड में आएगी. वहां से क्वार्टर होते हुए सीधे चर्च में आएगी जहां अंतिम आशीष संपन्न होगी.अनुमान है कि यह यूखीस्तीय यात्रा करीब 2 किलोमीटर घुमेंगी.4:30 बजे शाम तक संपन्न हो जाएगी. 

पल्लीवासियों से पल्ली पुरोहित ने अपील की है कि अपने मोहल्ले की साफ सफाई कर घर के सामने बेदी बनाएं जिस पर पुरोहित यात्रा के दौरान आशीष देंगे.यह भी आग्रह कि गया है कि आपलोग अवश्य ही मास्क लेकर आएं और उसका उपयोग करें.इसमें चुहड़ी पल्ली, चनपटिया पल्ली, चखनी पल्ली, रामनगर पल्ली, नरकटियागंज पल्ली आदि जगहों से लोग आएंगे. 

बताया जाता है कि यूखीस्तीय यात्रा के रास्ते में येसु ख्रीस्त राजा के आगमन के पूर्व ही साफ- सफाई कर दी गयी. कल रविवार की सुबह ही तोरण द्वार और बेदी की सजावट कर दी जाएगी. क्रिश्चियन क्वार्टर रोड पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो बड़ी समस्या  है.बहुत ही व्यस्त रोड है. 

लतौना में ख्रीस्त यात्रा रविवार 21 नवम्बर को 

पुरोहित कनोप्पी के अंदर हैं..पुरोहित अपने हाथों में मॉनस्ट्रेंस में पवित्र सैक्रामेंट लिए हुए हैं.यह दृश्य राजाओं के राजा ख्रीस्त यात्रा (जतरा) के समय देखा जा सकता है.जी अगले रविवार 21 नवम्बर को सुपौल जिले के लतौना पल्ली में 1:30 बजे से यात्रा निकलेगी.यहां पर सेक्रेट हार्ट चर्च है.यहां के पल्ली पुरोहित फादर डेविड हैं.उन्होंने बताया कि दोपहर में यात्रा जेवियर  टोला से निकलकर थॉमस टोला, जोसेफ टोला, इग्नास टोला, मरियम टोला होते हुए चर्च परिसर में आकर अंत होगी. फादर डेविड ने कहा कि धर्मी सखवा (Sakhwa), खोरिया (Khoria) आदि जगहों से आएंगे.जो लतौना से बाहर गये हैं वे लोग कमोवेश यात्रा में आएंगे. 
यात्रा में मुख्य फादर पीटर चार्ल्स हैं.मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के  क्षेत्रीय बिशप के अध्यक्ष हैं.मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के सेवा केंद्र के डायरेक्टर भी हैं.

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