बेखौफ पत्रकारिता करता था पत्रकार

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बेखौफ पत्रकारिता करता था पत्रकार

आलोक कुमार 
मधुबनी.इस समय विडंबना यह है कि देश और प्रदेश स्तर के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया अपना बेहतर दायित्व निभाना भूल गए हैं.इसके कारण छोटे स्तर पर मीडिया हाउस कुकुरमुत्ते की तरह पनप गए है.वहीं सोशल मीडिया का सहारा पत्रकार लेकर जन समस्याओं को उजागर कर रहे हैं.सही तौर से पत्रकार स्थिति काे जनता के सामने परोस रहे हैं.तो पत्रकार सरकार और माफियाें की आंखों की किरकिरी बन जा रहे हैं.नवीन हादसा मधुबनी का है.महज 24 वर्ष का अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ झा की हत्या जिंदा जला कर दी गई है. 

वह बेखौफ पत्रकारिता करता था.सरकारी अधिकार के तहत आरटीआई का प्रयोग कर एक्टिविस्ट होने के कारण निःसन्देह बेनीपट्टी व आस-पास के क्षेत्रों में चल फर्जी डॉक्टर,अस्पताल व गरीबों को जांच के नाम पर लूटने वाले फर्जी जांच केंद्र के खिलाफ आवाज उठाता रहा.मधुबनी के पत्रकार को जिंदा जला देने का संज्ञान प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) लिया है. 

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने बुधवार, 17 नवंबर को बिहार के एक पत्रकार अविनाश झा (Bihar Journalist Avinash Jha Murder) की मौत का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से घटना पर रिपोर्ट मांगी है. 

पीसीआई के अध्यक्ष सी के प्रसाद ने एक आधिकारिक बयान में अविनाश झा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर चिंता व्यक्त की. पीसीआई ने एक बयान में कहा कि,मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उन्होंने मुख्य सचिव और डीजी पुलिस, बिहार से रिपोर्ट मांगी है. 

अब तक घटना में क्या-क्या हुआ ? 
बिहार पुलिस ने बुधवार को मधुबनी के पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता अविनाश झा उर्फ ​​बुद्धिनाथ के अपहरण और हत्या के मामले का खुलासा करने का दावा करते हुए कहा कि उनकी हत्या में 'लव एंगल' शामिल है. 

पुलिस अब तक एक महिला पूर्णा कला देवी समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार अन्य लोगों की पहचान रोशन कुमार, बिट्टू कुमार, दीपक कुमार, पवन कुमार और मनीष कुमार के रूप में हुई है. 

हालांकि, पुलिस झा के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच कर रही है कि प्रतिष्ठानों की अवैध गतिविधियों के बारे में लिखने के चलते उनकी हत्या हुई है. 

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम और RTI का उपयोग करते हुए, झा ने इस साल फरवरी में बेनीपट्टी और ढकजरी में 19 पैथोलॉजी लैब को “अवैध गतिविधियों” पर बंद कर दिया था. 

एक स्थानीय वेबसाइट के लिए काम करने वाले झा को आखिरी बार 9 नवंबर को देखा गया था और शुक्रवार को सड़क किनारे उनका आधा जला हुआ शव मिला था. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बतौर सूबे के गृह विभाग मंत्री भी हैं 

बताते चले कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार हैं.उनके जिम्मे सूबे के गृह विभाग मंत्री भी हैं.उनके द्वारा समय समय पर गृह विभाग की समीक्षा की जाती है.बावजूद इसके  अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. फिलवक्त दिल दहला देने वाली खबर है. 

मधुबनी जिले के स्थानीय पत्रकार अभि झा अविनाश को जिंदा जला दिया गया है.इस अमानुषिक कृत्य पर आरोप स्थानीय अस्पताल माफियाओं पर है. जिसको राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल माफियाओं के ऊपर नकेल कंसने में अक्षम है. 

समझा जाता है कि बेखौफ पत्रकारिता करने वाले साथ आरटीआई एक्टिविस्ट 24 वर्षीय अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ झा की हत्या का कारण निःसन्देह बेनीपट्टी व आस-पास के क्षेत्रों में चल फर्जी डॉक्टर,अस्पताल व गरीबों को जांच के नाम पर लूटने वाले फर्जी जांच केंद्र के खिलाफ आवाज उठाना है. 

बताया जा रहा है कि अविनाश झा के बड़े भाई चंद्रशेखर झा ने बेनीपट्टी थाना में आवेदन देकर लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. परिजनों का आरोप है कि अविनाश झा लगातार बेनीपट्टी के फर्जी नर्सिंग होम और क्लीनिक के संचालकों के खिलाफ खबर कर रहे थे. किसी गहरी साजिश के तहत बेनीपट्टी के स्थानीय अस्पताल संचालकों ने भाई को लापता कर दिया था. 

नौ नवंबर को अपहर्ताओं ने नीपट्टी निवासी बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण किया था. जिसके बाद काफी ज्यादा खोज के बाद भी उसका पता नहीं चल सका था. जिसके बाद उसके भाई ने बेनीपट्टी थाना में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मृतक के भाई चंद्रशेखर कुमार झा ने गुरुवार को थाना में आवेदन देकर बेनीपट्टी के 12 नर्सिंग होम ( मां जानकी सेवा सदन अंबेडकर चौक बेनीपट्टी, शिफा पॉली क्लिनिक मकिया, सुदामा हेल्थ केयर धकजरी, अंशु फस्ट एड सेंटर धकजरी, सोनाली हॉस्पिटल अनुमंडल मेन गेट बेनीपट्टी, अराधना हेल्थ एंड डेंटल केयर क्लिनिक जेल गेट बेनीपट्टी, जय मां काली सेवा सदन अरेर, सान्वी हॉस्पिटल नंदी भौजी चौक, अनन्या नर्सिंग होम, अनुराग हेल्थ केयर कटैया रोड बेनीपट्टी) के संचालकों, कर्मियों एवं चिकित्सकों पर अपने भाई बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का अपहरण कर लिए जाने की आशंका जताई है. इस घटना के इलाके में सनसनी मच गई. ज्ञात व अज्ञात फर्जी नर्सिंग होमों में से किसी ने अविनाश को रास्ते से हटाने की साजिश रचकर उसकी हत्या कर दी है. 

बेनीपट्टी मुख्य बाजार स्थित डॉ. लोहिया चौक निवासी अपहृत बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश का शव मिलने से इलाके में सनसनी मच गई है.अपहरण की वारदात को अंजाम देने के बाद अपहर्ताओं ने अविनाश की हत्या कर शव को जलाकर उड़ेन गांव के निकट सड़क के किनारे फेंक दिया था, जिसे शुक्रवार को पुलिस ने बरामद कर लिया.  

पुलिस ने शुक्रवार की रात अपहृत युवक अविनाश का शव बेनीपट्टी -पुपरी स्टेट हाईवे के उड़ेन गांव के निकट सड़क के किनारे से बरामद कर लिया. अपहर्ताओं ने अविनाश की हत्या कर शव को जलाकर सड़क के किनारे फेंक दिया था. अपहर्ता शव को जला कर साक्ष्य मिटाना चाहते थे. हालांकि वो इसमें सफल नहीं हो सके. शव की पहचान कर ली गई है और इसे बरामद कर के थाना में लाया गया. हालांकि शव पूरी तरह से जला हुआ था. परिजन व मृतक के भाई को बुलाकर पुलिस ने शव की पहचान कराई. मृतक के भाई ने लाल शर्ट व पैर में निशान देख कर शव की पहचान लिया था. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेज दिया गया. 

मधुबनी सदर अस्पताल में 12 नवंबर की रात शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द किया गया. अंतिम संस्कार 13 तारीख को सिमरिया में कर दिया गया.  
 

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