आलोक कुमार
गया.गया जिले के लिए गर्व एवं प्रसन्नता का अवसर है कि जिला स्कूल, गया के शिक्षक डॉ० देवेंद्र सिंह, छात्र प्रेम सागर, प्रीतम कुमार एवं श्रेया सिन्हा के अथक परिश्रम एवं समाज के प्रति उनके पवित्र भावना के बल पर हवा की नमी से पानी बनाने की प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है तथा भारत सरकार ने एयर वाटर जनरेटर प्रोजेक्ट को पेटेंट किया है.कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट (डिजाइन एवं ट्रेडमार्क) ने जिला स्कूल को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के सर्टिफिकेट जारी किए है.
जिला स्कूल गया के अटल टिंकरिंग लैब के बच्चों द्वारा इनोवेशन के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है. इनके द्वारा बनाए गए वाटर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है. इस प्रोजेक्ट का नाम एयर वाटर जनरेटर है. इस वाटर जनरेटर के माध्यम से हवा की नमी से पानी बनाया जाएगा.देश भर से चयनित 7 ए०टी०एल० (अटल टिंकरिंग लैब) स्कूलों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट के पेटेंट के लिए आवेदन किया था.कई राउंड के टेस्टिंग के बाद कंट्रोलर ऑफ पेटेंट ने ज़िला स्कूल, गया के इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की है.
इस हवा की नमी से पानी बनाने की प्रोजेक्ट एयर वाटर जनरेटर के निर्माण में जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण मार्गदर्शन एवं सहयोग जिला स्कूल के छात्रों एवं शिक्षकों को नियमित रूप से दिया जाता रहा है.छात्रों की इस उपलब्धि तथा उनके प्रोडक्ट को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा पेटेंट प्रमाण पत्र दिए जाने पर जिला पदाधिकारी, गया तथा प्राचार्य, जिला स्कूल ने बधाई एवं शुभकामना दिया है.
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से गया जैसे ड्राई जोन क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति की सुविधा कम खर्च में उपलब्ध हो सकेगी.पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ वैसे इलाकों में भी यह मशीन काफी उपयोगी साबित होगी जहां का भूगर्भ जल दूषित है.
जिला स्कूल, गया के अटल टिंकरिंग लैब के लैब इंचार्ज डॉ० देवेंद्र सिंह ने बताया कि ए०टी०एल० मैराथन प्रतियोगिता में यह प्रोजेक्ट (एयर वाटर जनरेटर) पूरे भारतवर्ष में 300 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। टॉप-100, टॉप-50, तथा टॉप-8 में भी प्रथम स्थान प्राप्त करने के कारण 14 नवंबर 2019 को भारत के महामहिम राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है. उन्होंने बताया कि विद्यालय के छात्रों से नवाचारी (इन्नोवेटेड) प्रयोग कराते हैं तथा प्रोजेक्ट को जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में छात्रों के साथ शामिल होते हैं.
छात्रों द्वारा निर्मित एयर वाटर जनरेटर को भविष्य में सोलर सिस्टम से चलाने की योजना है.हवा की नमी को पानी में बदलने वाले इस मशीन में बिजली और मैनुअली चलने वाली विंड मशीन समेत कंडेंसर, कैपेसिटर, फैन, कंडक्टर, सेमीकंडक्टर तथा छोटे-छोटे कई इलेक्ट्रिक डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है.
नीति आयोग भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मार्केट में लाने की जिम्मेवारी डेल एवं लर्निंग लिंक्स फाऊंडेशन (एल०एल०एफ०) को दिया है.इस पेटेंट में ए०टी०एल० इंचार्ज डॉ० देवेंद्र सिंह, छात्र प्रेम सागर, प्रीतम कुमार तथा श्रेया सिन्हा एप्लिकेंट एवं इन्नोवेटर है. अब चारों के बीच बांड भरा जाएगा.
जिला पदाधिकारी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह गया जिले के लिए गौरव एवं सम्मान का अवसर है. गया जिला के बच्चों ने जिला तथा राज्य का नाम रौशन किया है. उन्होंने अन्य विद्यालयों के छात्रों को भी ऐसे नवाचारी प्रयोग करने तथा जनहित एवं समाजहित के लिए प्रयास करने के लिए संदेश दिया है.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments