शराब से हुई मौत से पुलिस प्रशासन में हड़कंप

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शराब से हुई मौत से पुलिस प्रशासन में हड़कंप

आलोक कुमार 
पटना.बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन समाज - जीविका.जीविका दीदी की वर्ष 2012 से शराबबंदी को लेकर चली मुहिम ने आखिर रंग ला दिया. इनकी आवाज के साथ सैकड़ों जीविका दीदी सड़क पर उतरीं.इसी का असर रहा कि राज्य सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू की.मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी के खबड़ा जीविका संगम संकुल संघ की दीदी मीना देवी, आशा देवी, सुंदर देवी ने वर्ष 2012 से शराबबंदी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यह आवाज पूरे सूबे में शराबबंदी के लिए मील का पत्थर साबित होगी.बहुतो सुनलो बहुतो सहलो अब ना सहबे दाए है लाख दुआ सरकार के करो हम दारूबंदी दलके लाए हैं, शराबबंदी पर इस लोक गीत के गायन से शुरू हुआ.अब जो दिखता नहीं वह बिकता है से लोग प्राण गवां दे रहे हैं.अब तो सरकार शराबबंदी पर विचार करें. 

अब तो यह सवाल उछाला जा रहा है कि क्या बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है? नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि “मुज़फ़्फ़रपुर में 5 दिन पूर्व ज़हरीली शराब से 10 मरे, कल और आज गोपालगंज में 20 लोग मरे, बेतिया में आज 13 लोग मरे, अधिकांश शवों को पुलिस बिना पोस्ट्मॉर्टम जला रही है.इन मौतों के ज़िम्मेवार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं है?”वहीं कन्हैया भेलारी नामक पत्रकार ने ऑफिस में पूजा पाठ किया-करवाया.मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा से यही रिक्वेस्ट किया कि जिसने सीएम नीतीश को दारुबंदी की सलाह दी उसे कर्मनासा नदी के घाट पर फूंक दीजिए.यही श्रद्धांजलि होगी उन 72 गरीब लोगों के लिए जो जुलाई से अबतक जहरीली शराब पीने से मरे हैं. 

इसके बावजूद 24 घंटों के 33 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है. शराब से हुई मौत से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. गोपालगंज में 20 लोगों की मौत हो गयी है जबकि बेतिया में 13 लोगों की संदिग्ध मौत की पुष्टि हो चुकी है.कई गंभीर मरीजों का इलाज अस्पताल में जारी है. वही कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी है. बिहार में शराब से लोगों की हुई मौत पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. 

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा है कि “मुज़फ़्फ़रपुर में 5 दिन पूर्व ज़हरीली शराब से 10 मरे, कल और आज गोपालगंज में 20 लोग मरे, बेतिया में आज 13 लोग मरे, अधिकांश शवों को पुलिस बिना पोस्ट्मॉर्टम जला रही है। इन मौतों के ज़िम्मेवार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं है?” 

तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर यह भी लिखा कि” उपचुनाव में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की शह पर उनके मंत्रियों और पुलिस प्रशासन ने स्वयं मतदाताओं के बीच शराब वितरण किया. किस बात की शराबबंदी? इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन है? बिहार में 20 हज़ार करोड़ की अवैध तस्करी और समांतर ब्लैक इकॉनमी के सरग़ना सामने आकर इसका जवाब दें.” 

वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी बिहार की एनडीए सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “बिहार की नीतीश-भाजपा सरकार ने महंगाई-बेरोजगारी से जनता का दिवाला निकालने एवं निवाला छिनने के साथ ही गत सप्ताह ज़हरीली शराब पिलाने से 50 से अधिक लोगों की जान ली है। 
मुख्यमंत्री दो शब्द संवेदना के भी प्रकट नहीं करेंगे क्योंकि इससे उनके द्वारा संरक्षित शराब माफ़िया नाराज हो जाएगा.” 


क्या बिहार में शराबबंदी फेल हो चुकी है? क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वादों की उन्हीं के सिस्टम ने धज्जियां उड़ाकर रख दी हैं? ये सवाल यूं ही नहीं उठे हैं, बेतिया में 5 महीने में दूसरे शराबकांड, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज में भी 13 लोगों की मौत के बाद इन सुलगते सवाल से बिहार सरकार घिर गई है. 

बेतिया में 5 महीने में दूसरा जहरीली शराब कांड 
जुलाई 2021 में बेतिया में जहरीली शराब का साल का पहला कहर बरपा था।तब लौरिया थाना क्षेत्र के देवरवा देवराज गांव में 16 लोगों की जहरीली शराब ने जान ले ली थी। उसी वक्त पैक्स प्रमुख और तेलपुर के पूर्व मुखिया मोहम्मद जावेद ने मरने वाले 16 लोगों की लिस्ट होने का दावा किया था। उन्होंने मृतकों के नाम तक साझा किए थे।  

4 नवंबर 2021- बेतिया में इस कांड के ठीक 5 महीने बाद फिर से जहरीली शराब से कई घरों में मातम पसर गया। गांव के लोगों के मुताबिक 3 नवंबर की शाम नौतन थाना के तेलहुआ पंचायत के वार्ड नंबर 2,3,4 के 8 लोगों ने गांव के ही एक टोले में लोगों ने शराब पी। इसके बाद रात से ही सभी की तबीयत बिगड़ने लगी और उनकी मौत हो गई। इनमें से कुछ की घर में तो कुछ की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। 

पश्चिम चंपारण जिले के नौतन प्रखंड के दक्षिण तेलहुआ और उत्तर तेलहुआ पंचायत में 7 लोगों की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. मौत की वजह जहरीली शराब बताई जा रही है. वार्ड नंबर 4 के बच्चा यादव व महाराज यादव, वार्ड नंबर 10 के हनुमत राय, वार्ड नंबर 3 के मुकेश पासवान और रामप्रकाश राम, वार्ड नंबर 2 के जवाहीर सहनी तथा उत्तर तेलहुआ के धनई यादव की मौत हुई है. 

दक्षिण तेलहुआ के ठग पासवान, उमा साह, उमेश पासवान, मकोदर सहनी, गिरजा सहनी सहित दर्जन भर लोगों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है. फिलहाल पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. इस घटना के बाद खुशी के त्योहार दिवाली पर तेलहुआ में कोहराम मचा हुआ है. पूरे पंचायत में मातमी सन्नाटा पसरा है. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार इलाके में काफी संख्या में लोगों ने शराब का सेवन किया था. 

28 अक्टूबर 2021 को ही मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब ने तांडव किया.पूरा मामला तब सामने आया जब 8 लोगों की मौत हो गई. ये घटना मुजफ्फरपुर के सरैया थाना इलाके के रूपौली और विशहर पट्टी गांव में हुई थी. 

बीते बुधवार की रात रूपौली गांव में स्थानीय नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य अमित कुमार बिट्टू की जीत की खुशी में शराब पार्टी हुई थी. इसमें डेढ़ दर्जन लोग शामिल हुए थे.देर रात ही मुन्ना सिंह, अवनीश कुमार सिंह और विपुल शाही की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद परिजनों ने स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गुरुवार को उनको लेकर मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां मुन्ना सिंह को डॉक्टर ने ब्रॉट डेथ साबित किया.अवनीश व विपुल को भर्ती कर लिया.देर रात अवनीश की भी मौत हो गई.इसके बाद परिजन आनन-फानन में शव लेकर गांव रवाना हो गए. इसकी जानकारी होने के बाद सरैया एसडीपीओ और सरैया पुलिस गांव पहुंची और दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.इसबीच शुक्रवार की सुबह विपुल की भी मौत हो गई.पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया.तीनों मौत के बाद जिले में खलबली मच रही. जांच-पड़ताल, छापेमारी व गिरफ्तारी शुरू की गई. 

पुलिस जांच कर ही रही थी कि गांव में एक और मौत की सूचना मिली, जो विकास मित्र अविनाश कुमार राम बताया गया है. उसके परिजन शव का दाह संस्कार कर चुके थे.वहीं, सिउड़ी ऐमा निवासी देवेंद्र भगत की भी मौत छठी में शराब पीने से हुई. आधा दर्जन से अधिक विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है.हालांकि, इनकी स्थित में सुधार बताई जा रही है. दोनों मामले उजागर होने के बाद डीएम-एसएसपी की टीम ने दोनों के घर जाकर जानकारी ली.परिजनों से पूछताछ भी की. 

स्थानीय लोगों के अनुसार, बुधवार की रात रूपौली निवासी अमित कुमार बिट्टू के वार्ड सदस्य (वार्ड 12) का चुनाव जीतने की खुशी में पार्टी हुई थी.रूपौली निवासी गोलटू सिंह के घर पर शराब पार्टी हुई थी, जहां लगभग डेढ़ दर्जन लोग पार्टी में शामिल हुए थे. बुधवार की देर रात के बाद अचानक सभी की तबीयत बिगड़ने लगी. सभी स्थानीय स्तर पर इलाज कराने में जुट गए, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होने व स्थिति और बिगड़ने पर शहर के एक निजी अस्पताल में तीन को भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार की रात अवनीश सिंह इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वहीं, मुन्ना सिंह की डॉक्टर ने ब्रॉट डेथ बताया.शुक्रवार की सुबह इलाजरत विपुल शाही की भी मौत हो गई.मीनापुर थाना के टेंगराहीं गांव से गोलटू सिंह भी मृत अवस्था में पाया गया.मीनापुर में गोलटू का ननिनहाल है और वह वहां रहता था. 

ग्रामीणों के अनुसार विकास मित्र अवनीश कुमार के अपने कुछ साथियों के साथ गुरुवार की दोपहर शराब पी थी. शुक्रवार की सुबह काफी देर तक सोता रहा. परिजनों ने स्थिति नाजुक देख उसे शहर के एक निजी अस्पताल भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान अवनीश की मौत हो गई. 

इससे एक दिन पहले 2 नवंबर को गोपालगंज में जहरीली शराब ने 8 लोगों की जान ले ली. हालांकि मौत के कारणों की पुष्टि नहीं हुई है.ये दिल दहलाने वाला कांड चारों मोहम्मदपुर के कुशहर गांव में हुआ. इनमें से भी कुछ की मौत घर में तो कुछ की अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई.गोपालगंज संदिग्ध जहरीली शराब मामले में मौत छोटे लाल सोनी (50) रसौली-मसरख, छपरा,चुन्नू पांडेय (38) बुचेया, सिधवलिया,धर्मेंद्र राम (20) कुशहर, महम्मदपुर,रमेश राम (45) मंगोलपुर, महम्मदपुर,संतोष गुप्ता (38) महम्मदपुर, गोपालगंज छोटेलाल कुशवाहा (30) महम्मदपुर, गोपालगंज,मुकेश राम (30) महम्मदपुर, गोपालगंज,रामबाबू राय (40) महम्मदपुर, गोपालगंज,मोहन राम (48) लोहिजरा, सिधवलिया,योगेंद्र राम (40) बुचेया, सिधवलिया,दुर्गा शर्मा- बालरा सिधवलिया,ज्ञानचंद राम 36 हकाम, मोहम्मपुर और राज मोहन राम 48 हकाम, मोहम्मपुर. 

ये लोग इलाज करवा रहे हैं.पप्पू साह-महम्मदपुर, गोपालगंज (आंख की रोशनी गायब),भोला राम-कुशहर, महम्मदपुर (आंख की रोशनी गायब),धर्मेंद्र मिश्र- महम्मदपुर, गोपालगंज,धनु राम- महम्मदपुर, गोपालगंज,मनोरंजन सिंह- महम्मदपुर, गोपालगंज (आंख किं रोशनी गायब),देवेंद्र राम- महम्मदपुर, गोपालगंज और रामानंद राम- महम्मदपुर, गोपालगंज. 

चार साल पहले गोपालगंज के ही नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड में कुल 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 06 लोग अंधे हो गए थे. इस शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी , रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया था. इस मामले में नामजद एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. 2021 में सिर्फ 13 नामजद अभियुक्त जिन्दा बचे और गोपालगंज एडीजे दो की कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को खजुरबानी कांड में दोषी करार दिया. 

गोपालगंज के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सही वजह पता चल सकेगी.उन्होंने कहा कि गांव में एक व्यक्ति की मौत स्वभाविक तौर पर हुई है. दो लोगों की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि बीमार लोगों के इलाज के लिए मेडिकल टीम तैनात की गई है. 

इस साल अब तक 82 लोगों की मौत 

बिहार में पूर्ण शराबबंदी अप्रैल 2016 में लागू कर दी गई थी. हालांकि, शराबबंदी के बावजूद इस साल अब तक 15 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 82 लोगों की मौत हो चुकी है. बेतिया के मामले को देखें तो इस साल में ये जहरीली शराब से जुड़ा पांचवां बड़ा कांड है.सवाल यही है कि जब राज्य में शराबबंदी लागू है तो पुलिस की नाक के नीचे ही कैसे जहरीली शराब बनाई और पिलाई जाती है. कहा तो यहां तक जाता है कि अगर पुलिस चाह ले तो कोई मंदिर के बाहर से एक चप्पल तक नहीं चुरा सकता. मगर जहरीली शराब के मामले में इसी पुलिस को क्या हो जाता है? 
 

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